संसद में बोले शरद यादव, यह भाषण कोई नहीं छापेगा

राज्यसभा सांसद शरद यादव ने यह भाषण 22 मार्च 2017 को राज्यसभा में दिया. सदन में चर्चा के दौरान अपनी बात रखते हुए शरद यादव ने देश में पत्रकारिता की ​दशा और दिशा पर महत्वपूर्ण टिप्पणी की है. पढ़ें पूरा भाषण...

सांप्रदायिक दंगे और उनका इलाज

धर्म व्यक्ति का व्यक्तिगत मामला है इसमें दूसरे का कोई दख़ल नहीं. न ही इसे राजनीति में घुसाना चाहिए क्योंकि यह सबको मिलकर एक जगह काम नहीं करने देता.

एंटी रोमियो स्क्वाड: स्त्री को क़ाबू में करने का नया हथियार

प्रेम समाज की सीमाओं को तोड़ता है, एक स्तर पर समानता भी लाता है. समाज और पितृसत्ता के ठेकेदार तो इसके ख़िलाफ़ रहेंगे ही, क्योंकि प्रेम के कारण न सिर्फ़ स्त्रियों, बल्कि युवा पुरुष वर्ग पर भी प्रभुत्व ख़त्म हो जाएगा, इसलिए उनके लिए वो अस्वीकार्य है.

जन की बात: बाबरी मस्जिद विवाद और हैप्पीनेस इंडेक्स में भारत, एपिसोड 21

जन की बात की 21वीं कड़ी में वरिष्ठ पत्रकार विनोद दुआ राम मंदिर और बाबरी मस्जिद विवाद को दोनों पक्षों के आपस में सुलझा लेने पर की गई सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी और हैपीनेस इंडेक्स में भारत की स्थिति पर चर्चा कर रहे हैं.

यूपी में बूचड़खाने बंद करने की कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने यूपी में पशु वधशालाएं बंद करने के चुनावी वादे पर बढ़ाया क़दम. पुलिस अफसरों को कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिया.

बिहार में एक अहिंसक आंदोलन हिंसक होने की राह पर है

बिहार में बागमती परियोजना को लेकर चल रहे ​अहिंसक आंदोलन को लेकर राजनेता-नौकरशाह और ठेकेदार की तिकड़ी इस फिराक में है कि आंदोलन हिंसक हो जाए, ताकि पुलिस बल का इस्तेमाल कर विरोध को दबा दिया जाए.

‘अयोध्या में मंदिर-मस्जिद से बड़ी बात आपस में अमन-चैन है’

हाशिम अंसारी राम जन्मभूमि विवाद से जुड़े सबसे पुराने पक्षकार थे. पिछले साल जुलाई में उनका देहांत हो गया. अपनी मौत के तीन महीने पहले इस पत्रकार से उन्होंने कहा था, ‘अयोध्या में रहने वाले लोग इस मसले से ऊब चुके हैं और इसका समाधान चाहते हैं लेकिन कुछ बड़े लोगों का इसमें राजनीतिक स्वार्थ है जो नहीं चाहते हैं कि मामला हल हो.’

जन की बात: तमिलनाडु के सूखाग्रस्त किसान और देशभक्ति की चाशनी, एपिसोड 20

जन की बात की 20वीं कड़ी में वरिष्ठ पत्रकार विनोद दुआ तमिलनाडु के सूखा पीड़ित किसान और देशभक्ति की आड़ में मुद्दों को भटकाने की राजनीति पर चर्चा कर रहे हैं.

यौन उत्पीड़न के ख़िलाफ़ लड़ रहीं महिलाओं को 90 दिन की छुट्टी

केंद्र सरकार के कार्यालयों में काम कर रही ऐसी महिलाएं जो यौन उत्पीड़न के ख़िलाफ़ लड़ाई भी लड़ रहीं हैं उन्हें अब 90 दिनों की छुट्टी मिल सकेगी. इस दौरान उन्हें वेतन भी दिया जाएगा.

‘आपराधिक छवि वाले नेताओं के चुनाव लड़ने पर लगे आजीवन प्रतिबंध’

सुप्रीम कोर्ट के नोटिस पर अपना पक्ष रखते हुए भारत निर्वाचन आयोग ने आपराधिक छवि वाले नेताओं के चुनाव लड़ने पर आजीवन प्रतिबंध का समर्थन किया है.

योगी की ताजपोशी ‘हिंदुत्ववादी विकास’ की ओर अब तक का सबसे बड़ा कदम है

एक स्पष्ट और निर्णायक हिंदुत्व को आर्थिक विकास की व्यापक परियोजना का अभिन्न अंग बना दिया गया है. आने वाले समय में इसके कई और आयाम हमारे सामने धीरे-धीरे प्रकट होंगे.

इरोम शर्मिला की हार हम सबकी हार है

जब तक इरोम अनशन कर रही थीं, वे मणिपुरी जनता के लिए ‘आइकॉन’ थीं, संघर्ष का प्रतीक थीं, मणिपुर क्या, देश भर के लोग उन्हें ‘हीरो’ मानते थे, पर नायक तो वोट नहीं मांगते! ये कुछ उस तरह था कि भगवान ज़मीन पर आ जाएं, शादी करके आम ज़िंदगी बिताना चाहें या अपने लिए चुनाव में वोट मांगें. उनके ऐसा करते ही उनके भक्त घबरा जाते हैं.

शिवाजी की जयंती दो बार क्यों मनाई जाती है, पूछने पर प्रोफेसर गिरफ्तार

एक ह्वाट्स ऐप ग्रुप में ये सवाल पूछना महाराष्ट्र के रायगढ़ ज़िले में एक प्रोफेसर को भारी पड़ गया. उनके साथ न सिर्फ मारपीट की गई बल्कि उन्हें गिरफ्तार भी कर लिया गया.