सुप्रीम कोर्ट की पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने 4:1 के बहुमत से फैसला दिया. कोर्ट ने कहा कि महिलाओं को मंदिर में घुसने की इजाजत न देना अनुच्छेद 25 का उल्लंघन है.
जसदेव सिंह को हमने जाना एक स्वर के रूप में जिसने लगभग आधी सदी तक आज़ादी और गणतंत्र दिवस का आंखों देखा हाल सुनाया, कभी लाल किले तो कभी इंडिया गेट के नज़ारे दिखाए. हमने उस आवाज़ के साथ क्रिकेट बाॅल के पीछे दौड़ लगाई, लपक लिया, पिच के उछाल को महसूस किया, ओलंपिक की मशाल की लौ की आंच से गर्मा गए.
गुजरात ने शेरों के संरक्षण पर काफ़ी मेहनत की है, लेकिन यह भी दिखता है कि उनके प्रयास केवल 'गुजरात के शेरों तक सीमित है, जबकि आवश्यकता एक राष्ट्रीय नज़रिये की है.
अभिनेता आदिल हुसैन और एकावली खन्ना की फिल्म ‘वॉट विल पीपल से’ आॅस्कर फिल्म पुरस्कार समारोह में नार्वे का प्रतिनिधित्व करेगी. भारत की ओर से आॅस्कर के लिए विदेशी भाषा की सर्वश्रेष्ठ फिल्म श्रेणी के लिए ‘विलेज रॉकस्टार्स’ का चयन किया गया है.
विभिन्न खेलों और गणतंत्र दिवस समारोह का आंखों-देखा हाल रेडियो के ज़रिये आम जनता तक पहुंचाने वाले जसदेव सिंह लंबे समय से अल्ज़ाइमर बीमारी से पीड़ित थे.
मंटो फिल्म में मुझे जो मिला वो एक फिल्म निर्देशक की आधी-अधूरी ‘रिसर्च’ थी, वर्षों से सोशल मीडिया की खूंटी पर टंगे हुए मंटो के चीथड़े थे और इन सबसे कहीं ज़्यादा स्त्रीवाद बल्कि ‘फेमिनिज़्म’ का इश्तिहार था.
ग्राउंड रिपोर्ट: पश्चिम दिल्ली के मोती नगर इलाके में स्थित डीएलएफ कॉम्प्लेक्स में सीवेज टैंक साफ करते समय दम घुटने की वजह से पांच लोगों की मौत हो गई थी. मृतकों के परिजनों का आरोप है कि हाउसकीपिंग के लिए रखे गए कर्मचारियों को टैंकों की सफाई के लिए मजबूर किया गया था.
फिल्म निर्देशक कल्पना लाजमी महिला प्रधान फिल्में बनाने के लिए जानी जाती थीं. पिछले एक साल से वह किडनी के कैंसर से प्रभावित थीं.
वीडियो: उर्दू को अवाम तक पहुंचाने में देवनागरी और हिंदी की भूमिका, हिंदी में नुक़्ते के चलन और उर्दू के भविष्य पर विनोद दुआ से द वायर उर्दू के फ़ैयाज़ अहमद वजीह की बातचीत.
फिल्म शिप ऑफ थिसियस, मॉनसून शूटआउट, डिटेक्टिव ब्योमकेश बक्शी, तलवार, वेब सीरीज़ सेक्रेड गेम्स और हाल ही में नेटफ्लिक्स पर रिलीज़ फिल्म वंस अगेन में मुख्य भूमिका में नज़र आए अभिनेता नीरज कबि से प्रशांत वर्मा की बातचीत.
असम की फिल्म निर्देशक रीमा दास की फिल्म विलेज रॉकस्टार ने पद्मावत, राज़ी, अक्टूबर, पैडमैन, लव सोनिया जैसी 29 फिल्मों को पछाड़कर बनाई जगह.
विष्णु खरे ने न सिर्फ एक नई तरह की भाषा और संवेदना से समकालीन हिंदी कविता को नया मिज़ाज़ दिया बल्कि उसे बदला भी. एक बड़े कवि की पहचान इस बात से भी होती है कि वह पहले से चली आ रही कविता को कितना बदलता है. और इस लिहाज़ से खरे अपनी पीढ़ी और समय के एक बड़े उदाहरण हैं.
मस्तिष्क आघात के बाद हिंदी अकादमी के उपाध्यक्ष विष्णु खरे का राजधानी नई दिल्ली स्थित जीबी पंत अस्पताल में चल रहा था इलाज.
मीडिया बोल की 67वीं कड़ी में उर्मिलेश हिंदी भाषी मीडिया और हिंदी समाज पर पॉलिटिकल साइंटिस्ट सविता सिंह और जेएनयू के प्रो. विवेक कुमार से चर्चा कर रहे हैं.
2002 गुजरात दंगों में मारे गए कांग्रेस सांसद एहसान जाफ़री की बेटी निशरीन हुसैन का संस्मरण.