कविता का हस्तक्षेप

हर राजनीतिक दल जनता को जागरूक करना चाहता है. लेकिन अगर ‘पब्लिक’ सब जानती है तो उसे जागरूक करने की आवश्यकता ही क्यों हो?

अत्याचारी और उसकी याद

आम चुनावों के दौरान जब हमारा देश, ख़ासकर हिंदी प्रदेश कठिन रास्ते से गुज़र रहा है, प्रस्तुत है हिंदी कविता में जनतंत्र की गौरवपूर्ण उपस्थिति की याद दिलाते इस स्तंभ की दूसरी क़िस्त.

हम प्रधानमंत्री नहीं, इस पद के उम्मीदवार भी नहीं, लेकिन प्रधानमंत्री होने का अधिकार हमारा है

जिस वक़्त हमारा चुनावी लोकतंत्र पूरे देश, ख़ासकर हिंदी प्रदेश में कठिन रास्ते से गुज़र रहा है, प्रस्तुत है यह नया स्तंभ जो हिंदी कविता में लोकतंत्र की गौरवपूर्ण उपस्थिति की याद दिलाता है.

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