दोनों मुस्लिम छात्राओं की ओर से कहा गया है कि उन्हें हिजाब पहनकर परीक्षा देने की अनुमति दी जानी चाहिए, लेकिन कॉलेज के अधिकारियों ने कर्नाटक हाईकोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए उन्हें परीक्षा कक्ष में प्रवेश देने से इनकार कर दिया. इसके बाद दोनों घर लौट गईं.
सुदर्शन न्यूज़ के सुरेश चव्हाणके ने यह नया विवाद तब खड़ा किया, जब हफ्ते भर पहले सोशल मीडिया पर 10 उम्मीदवारों की एक सूची वायरल हुई. सूची में जामिया मिलिया इस्लामिया के छात्रों के नाम थे, जिन्हें पवन हंस लिमिटेड कंपनी के प्रशिक्षु कार्यक्रम के लिए चुना गया था. ये सभी मुस्लिम हैं. चैनल का आरोप है कि सरकारी उपक्रमों द्वारा हिंदुओं को नौकरियों से वंचित किया जा रहा है.
साल 2005 में समाजवादी पार्टी के नेता आज़म खान द्वारा संचालित एक ट्रस्ट को संस्थान के लिए दी गई जमीन के संबंध में कुछ शर्तों के उल्लंघन के कारण उत्तर प्रदेश सरकार ने कार्रवाई शुरू की थी. जनवरी 2021 में विश्वविद्यालय को दी गई 12.5 एकड़ से अधिक की ज़मीन वापस लेने का आदेश पारित किया था.
इस बार कई विश्वविद्यालयों ने मई-जून 2022 में समाप्त हो रहे सेमेस्टर के लिए ऑफ़लाइन परीक्षा कराने का फ़ैसला किया है, लेकिन हॉस्टल प्रबंधन, परीक्षा शेड्यूल और हाइब्रिड क्लास टाइमटेबल को लेकर थोड़ी बहुत स्पष्टता के साथ अधिकांश राज्यों में छात्र इस फ़ैसले का विरोध कर रहे हैं.
टाटा इंस्टिट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च ने 'गंभीर सुरक्षा परिणाम' का हवाला देते हुए अपने कर्मचारियों के साथ-साथ उनके परिवार के सदस्यों से भी सोशल मीडिया पर इस तरह के कंटेंट को पोस्ट करने से बचने को कहा है.
राजद सांसद मनोज झा ने कहा कि वे संसद सत्र के दौरान भी विश्वविद्यालय में नियमित कक्षाएं लेते हैं. उनकी आवाज़ उन कॉलेजों के लिए कैसे ख़तरा हो सकती है जब यह संसद में ख़तरा नहीं है. उन्होंने कॉलेजों का नाम लिए बिना कहा कि निमंत्रण रद्द करने के लिए कार्यक्रम की प्रकृति में बदलाव का हवाला दिया गया है.
हिंदू सेना प्रमुख विष्णु गुप्ता ने बताया कि संगठन के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ने भगवा जेएनयू के पोस्टर लगाए थे. वॉट्सऐप पर वायरल कथित वीडियो में गुप्ता को कहते सुना जा सकता है कि जेएनयू परिसर में 'भगवा का नियमित अपमान किया जा रहा है. हमारी चेतावनी है कि आप सुधर जाइए. हम इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे.'
राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने स्कूलों में महत्वपूर्ण पदों के ख़ाली होने पर दिल्ली सरकार से जवाब मांगा है. आम आदमी पार्टी सरकार ने कहा कि उन्हें इस बारे में केंद्र से संपर्क करना चाहिए क्योंकि स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती सेवा विभाग द्वारा की जाती है जो सीधे उपराज्यपाल के अधीन आता है, जिन्हें केंद्र सरकार द्वारा नियुक्त किया जाता है.
केंद्र सरकार ने पहली बार छात्रों को एक ही विश्वविद्यालय या अलग-अलग संस्थानों से समान स्तर के दो पूर्णकालिक डिग्री कार्यक्रमों में एक साथ प्रत्यक्ष तरीके से पढ़ाई करने की अनुमति देने का निर्णय लिया है. हालांकि कई शिक्षाविदों ने इस पर चिंता जताते हुए कहा कि इससे शिक्षा की गुणवत्ता कमतर हो सकती है.
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद द्वारा विश्वविद्यालय परिसर के भीतर चट्टानों से निर्मित एक ढांचे में भगवा झंडे के साथ राम और हनुमान की तस्वीरें लगाई गई थीं, साथ ही कथित तौर पर अनुष्ठान भी किए गए थे. अन्य छात्र समूह इसे विश्वविद्यालय के भगवाकरण के प्रयास के तौर पर देख रहे हैं.
मेलबर्न विश्वविद्यालय के ऑस्ट्रेलिया इंडिया इंस्टिट्यूट के 13 शिक्षाविदों ने कुलपति को भेजे एक पत्र में आरोप लगाया था कि भारतीय उच्चायोग लगातार संस्थान के कामकाज और शोध में हस्तक्षेप कर रहा है. जो विचार भारत सरकार की छवि के अनुरूप नहीं होते हैं, उन्हें प्रोपेगैंडा के तहत लगातार ख़ारिज किया जा रहा है.
केंद्र के केंद्रीय विश्वविद्यालयों में प्रवेश के लिए सामान्य विश्वविद्यालय प्रवेश परीक्षा (सीयूईटी) आयोजित करने के निर्णय के ख़िलाफ़ पारित प्रस्ताव में कहा गया है कि नीट की तरह यह भी विविध स्कूली शिक्षा प्रणालियों को दरकिनार कर देगा और छात्रों को प्रवेश परीक्षा के अंकों में सुधार के लिए कोचिंग सेंटरों पर निर्भर बना देगा.
असम में विपक्षी दलों ने भी केंद्र सरकार की उस घोषणा का विरोध किया है, जिसमें कहा गया था कि पूर्वोत्तर के आठों राज्य 10वीं कक्षा तक हिंदी को अनिवार्य विषय बनाने पर सहमत हो गए हैं. उन्होंने इस क़दम को ‘सांस्कृतिक साम्राज्यवाद की ओर बढ़ाया गया क़दम’ क़रार दिया.
आरोप है कि विश्वविद्यालय के कावेरी छात्रावास में रविवार को एबीवीपी के सदस्यों ने मेस में मांसाहार बनाने से रोकने के बाद हुई हिंसा में छह छात्र घायल हो गए. एबीवीपी ने दावा किया है कि वामपंथी छात्रों ने उनकी रामनवमी पूजा बाधित की. जेएनयू छात्रसंघ समेत कई छात्र संगठनों की शिकायत पर अज्ञात एबीवीपी सदस्यों के ख़िलाफ़ मामला दर्ज किया गया है.
शिक्षा-प्रौद्योगिकी कंपनी अनएकेडमी के एक प्रवक्ता ने कहा कि कई तरह के आकलन के निष्कर्ष के आधार पर कर्मचारियों, अनुबंधित कर्मियों और शिक्षकों का फिर से मूल्यांकन किया गया. इसके आधार पर कुछ कर्मचारियों की छंटनी की गई है.