कश्मीर में सेना के जवानों पर पुलिसकर्मियों से हाथापाई का आरोप, सात घायल

एक अधिकारी ने बताया कि पुलिस ने सेना के जवानों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है. राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने भी मामले पर त्वरित कार्रवाई की मांग की है.

क्या किसानों के नाम पर सरकार बीमा कंपनियों पर मेहरबान है?

कैग की रिपोर्ट में कहा गया है कि फसल बीमा योजना के तहत प्राइवेट बीमा कंपनियों को भारी भरकम फंड देने के बाद भी, उनके खातों की ऑडिट जांच के लिए कोई प्रावधान नहीं रखा गया है.

मलयाली लेखक को धमकी: 6 महीने में इस्लाम क़ुबूलो वरना सज़ा के लिए तैयार रहो

केरल साहित्य अकादमी अवार्ड से सम्मानित मलयाली लेखक केपी रमनउन्नी को मिली एक अनाम चिट्ठी में उनके लेखों से लोगों के आस्था के रास्ते से भटकने का आरोप लगाते हुए ऐसा न करने की चेतावनी दी गई है.

ब्लैक मनी लाकर 15 लाख देने का वादा करने वाली सरकार को नहीं पता कि विदेशों में कितना कालाधन जमा है

लोकसभा में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि विदेशों में जमा काला धन के बारे में कोई आधिकारिक अनुमान नहीं है.

‘बोलियों को आठवीं अनुसूची में शामिल किए जाने की मांग बिल्कुल जायज़ है’

भोजपुरी और हिंदी के प्रमुख भाषा वैज्ञानिक एवं आलोचक डॉ राजेंद्र प्रसाद सिंह बता रहे हैं कि क्यों बोलियों को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल किया जाना चाहिए.

‘महागुन सोसाइटी विवाद में हम शामिल नहीं थे फिर भी हमारी दुकानें तोड़ दी गईं’

नोएडा के सेक्टर 78 में महागुन सोसाइटी के सामने बनीं दुकानें और झोपड़ियां तोड़ दी गईं, जिसके बाद प्रभावित लोगों के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है.

गोरक्षा के नाम पर कानून हाथ में लेने वालों को संरक्षण न दें केंद्र और राज्य: उच्चतम न्यायालय

केंद्र सरकार ने उच्चतम न्यायालय को बताया कि देश में किसी भी स्वयंभू गोरक्षक समूह का कोई स्थान नहीं है.

जन गण मन की बात, ​एपिसोड 87: नोटबंदी से प्रभावित जीडीपी और शिक्षा की दुर्दशा

जन गण मन की बात की 87वीं कड़ी में विनोद दुआ नोटबंदी से जीडीपी व रोज़गार के प्रभावित होने और शिक्षा क्षेत्र की दुर्दशा पर चर्चा कर रहे हैं.

रेलवे का खाना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है: कैग

कैग की रिपोर्ट के अनुसार, ट्रेन में अशुद्ध पानी का इस्तेमाल खाना बनाने में किया जाता है. खाने को ढका नहीं जाता और चूहे-तिलचट्टे खुलेआम घूमते र​हते हैं.

बोलियों को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने का विरोध क्यों हो रहा है?

कलकत्ता विश्वविद्यालय में हिंदी के प्रोफेसर अमरनाथ बता रहे हैं कि हिंदी की बोलियों को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल क्यों नहीं किया जाना चाहिए.