एक दलित महिला ने एक टीवी चैनल की रिपोर्टर और उनके दो सहयोगियों पर कार से उन्हें टक्कर मारने और उनके खिलाफ ‘जातिसूचक शब्दों’ का इस्तेमाल करने का आरोप लगाते हुए एफ़आरआई दर्ज कराई थी. गिरफ़्तारी के बाद हाईकोर्ट ने रिपोर्टर को सोमवार तक के लिए अंतरिम ज़मानत दे दी है.
फैक्ट चेक वेबसाइट ऑल्ट न्यूज़ के सह-संस्थापक मोहम्मद ज़ुबैर ने शिकायत की है कि उन्हें ऑनलाइन जान से मारने की धमकी मिली थी और कूरियर के माध्यम से धर्म विशेष के लिए प्रतिबंधित मांस उनके घर भेजा गया था. उन्होंने इसके लिए 16 ट्विटर हैंडल को जिम्मेदार बताया था.
दिल्ली की एक अदालत ने बीबीसी, विकिपीडिया और इंटरनेट आर्काइव को भाजपा नेता बिनय कुमार सिंह द्वारा दायर एक मानहानि के मुक़दमे के संबंध में समन जारी किया है. शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया गया है कि ‘इंडिया: द मोदी क्वेश्चन’ नामक बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री में आरएसएस, विहिप और भाजपा जैसे संगठनों की मानहानि की गई है.
रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स द्वारा जारी विश्व प्रेस स्वतंत्रता सूचकांक 2023 में भारत के संदर्भ में कहा गया है कि सरकार की आलोचना करने वाले पत्रकारों के ख़िलाफ़ मानहानि, राजद्रोह और राष्ट्रीय सुरक्षा को ख़तरे में डालने के आरोप बढ़ रहे हैं. पिछले साल इस सूचकांक में भारत 150वें पायदान पर था.
विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस पर विभिन्न मानवाधिकार संगठनों, मीडिया और तकनीकी अधिकार समूहों ने एक बयान जारी कर सरकार द्वारा लाए गए नए सूचना प्रौद्योगिकी नियमों के मीडिया और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर पड़ने वाले हानिकारक दुष्प्रभावों को लेकर चिंता व्यक्त करते हुए उन्हें वापस लेने की मांग की है.
स्टैंड-अप कॉमेडियन कुणाल कामरा ने हाल ही में अधिसूचित नए आईटी नियमों को बॉम्बे हाईकोर्ट में चुनौती दी है. उनकी याचिका पर सुनवाई के दौरान इलेक्ट्रॉनिक्स और प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने अदालत के समक्ष यह वादा किया कि वे जुलाई तक नई फैक्ट-चेक इकाई नहीं बनाएगा.
स्टैंड-अप कॉमेडियन कुणाल कामरा ने हाल ही में अधिसूचित नए आईटी नियमों को बॉम्बे हाईकोर्ट में चुनौती दी है. उनकी याचिका ख़ारिज करने की मांग करते हुए सरकार ने कहा है कि नए नियमों के तहत बनने वाली फैक्ट-चेक इकाई सोशल मीडिया से किसी व्यंग्य या किसी राय को नहीं हटाएगी.
द एनर्जी एंड रिसोर्सेस इंस्टिट्यूट के पूर्व कार्यकारी उपाध्यक्ष आरके पचौरी ने यह दावा करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट का रुख़ किया था कि मीडिया घरानों ने जान-बूझकर और तिरस्कारपूर्वक अदालत के पहले के आदेशों की अवहेलना की, जिसमें यौन उत्पीड़न के आरोपों से संबंधित उनके ख़िलाफ़ दावों को प्रकाशित करने से रोक दिया गया था.
सूचना और प्रसारण मंत्रालय के तहत नवंबर 2019 में प्रेस इंफॉर्मेशन ब्यूरो में एक फैक्ट-चेक इकाई बनाई थी, जिसे केंद्र से संबंधित फ़र्ज़ी ख़बरों के स्वत: संज्ञान के साथ नागरिकों द्वारा भेजे प्रश्नों के माध्यम से संज्ञान लेने का काम मिला था. इसे सही जानकारी के साथ इन सवालों का जवाब देने और सोशल मीडिया पर किसी भी ग़लत सूचना को चिह्नित करने का भी काम सौंपा गया है.
जम्मू कश्मीर की समाचार वेबसाइट ‘द कश्मीर वाला’ के संपादक फ़हद शाह के ख़िलाफ़ जन सुरक्षा क़ानून के तहत कार्यवाही को रद्द करते हुए हाईकोर्ट ने इसके तहत उनके हिरासत के आधार को ‘केवल संदेह के आधार पर’ और ‘मामूली दावा’ क़रार दिया. फरवरी 2022 में फ़हद को आतंकवाद का महिमामंडन करने, फ़र्ज़ी ख़बरें फैलाने और जनता को भड़काने के आरोप में गिरफ़्तार किया गया था.
इस महीने की शुरुआत में अधिसूचित नए आईटी नियम कहते हैं कि सरकारी फैक्ट-चेक इकाई द्वारा ‘फ़र्ज़ी या भ्रामक’ क़रार दी गई सामग्री को गूगल, फेसबुक, ट्विटर आदि सोशल मीडिया कंपनियों और इंटरनेट सेवा प्रदाता को हटाना ही होगा. स्टैंड-अप कॉमेडियन कुणाल कामरा ने इसके ख़िलाफ़ बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका दायर की है.
जम्मू कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक द्वारा केंद्र और प्रधानमंत्री मोदी पर पुलवामा आतंकी हमले को लेकर लगाए गए गंभीर आरोपों को भारतीय मीडिया ने क़रीब-क़रीब अनदेखा कर दिया है. इस पर वरिष्ठ कांग्रेस नेता शशि थरूर ने कहा है कि ख़बर को दबाने में कोई राष्ट्रीय सुरक्षा हित नहीं है. ऐसी अनदेखी केवल सत्तारूढ़ भाजपा के हित पूरे करती है.
इस महीने की शुरुआत में अधिसूचित नए आईटी नियम कहते हैं कि सरकारी फैक्ट-चेक इकाई द्वारा ‘फ़र्ज़ी या भ्रामक’ क़रार दी गई सामग्री को गूगल, फेसबुक, ट्विटर आदि सोशल मीडिया कंपनियों और इंटरनेट सेवा प्रदाता को हटाना ही होगा. इन नियमों को सेंसरशिप बताते हुए इनकी व्यापक आलोचना की गई है.
ट्विटर के प्रमुख एलन मस्क ने बीबीसी को दिए एक इंटरव्यू के दौरान कहा कि वह संभवत: भारत सरकार द्वारा जारी ब्लॉकिंग आदेशों का पालन करते हैं, क्योंकि वह ऐसे हालात का सामना करना नहीं चाहते हैं, जहां ट्विटर के कर्मचारियों को जेल भेजा जा रहा हो.
बीबीसी द्वारा जनवरी में गुजरात दंगों में नरेंद्र मोदी की भूमिका को रेखांकित करने वाली डॉक्यूमेंट्री रिलीज़ किए जाने के बाद फरवरी में इसके दिल्ली और मुंबई के कार्यालयों में आयकर विभाग ने 'सर्वे' किया था. अब ईडी ने इसके ख़िलाफ़ कथित 'विदेशी मुद्रा उल्लंघन' का मामला दर्ज किया है.