प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बीते 15 दिसंबर को बाल विवाह (रोकथाम) अधिनियम, 2006 में संशोधन को मंज़ूरी दी थी. इस संशोधन के तहत लड़कियों के विवाह की न्यूनतम क़ानूनी आयु को 18 साल से बढ़ाकर पुरुषों के समान 21 साल करने का प्रावधान है.
चुनाव आयोग को बीते 15 नवंबर को क़ानून मंत्रालय की ओर से एक पत्र मिला था, जिसमें कहा गया था कि प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव पीके मिश्रा एकल मतदाता सूची को लेकर एक बैठक लेने वाले हैं और चाहते हैं कि इसमें ‘मुख्य चुनाव आयुक्त’ मौजूद रहें. यह पत्र बहुत ही असामान्य था, क्योंकि चुनाव आयोग आमतौर पर अपने कामकाज की स्वायत्तता सुनिश्चित करने के लिए सरकार से दूरी बनाए रखता है.
केंद्र की मोदी सरकार ने भी बीते जुलाई महीने में संसद को बताया था कि राज्य सरकारों और केंद्रशासित प्रदेशों ने ऑक्सीजन की कमी के कारण किसी भी मौत की विशेष रूप से रिपोर्ट नहीं की है. हालांकि एक महीने बाद अगस्त में पहली बार केंद्र ने स्वीकार किया था कि ऑक्सीजन की कमी से कोरोना वायरस से पीड़ित मरीज़ों की मौत हुई है.
प्रस्तावित क़ानून में कहा गया है कि कि ग़लतबयानी, बल, कपट, अनुचित प्रभाव, जबरदस्ती, प्रलोभन या विवाह के आधार पर धर्म परिवर्तन प्रतिबंधित है. मसौदा क़ानून में ये प्रावधान है कि अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति समुदायों, नाबालिगों और महिलाओं का जबरन धर्मांतरण कराने पर अधिकतम 10 साल की सज़ा हो सकती है.
कर्नाटक विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष और कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक केआर रमेश कुमार ने गुरुवार को विधानसभा में चर्चा के दौरान यह विवादित टिप्पणी की. सदन की कार्यवाही के इस वीडियो में कुमार की इस टिप्पणी पर विधानसभा अध्यक्ष को हंसते देखा जा सकता है. बैकग्राउंड में अन्य विधायकों को भी हंसते सुना जा सकता है.
तृणमूल कांग्रेस के राज्यसभा सांसद जवाहर सरकार ने पूछा गया था कि देश में भीड़ द्वारा पिछले पांच वर्षों में कितने मुस्लिमों और दलितों पर सार्वजनिक रूप से हमला किया गया या गंभीर रूप से घायल किया गया है, जिनकी इसकी वजह से मौत हो गई. गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने संसद में बताया कि पुलिस और लोक व्यव्यवस्था राज्य के विषय हैं.
संसद के मानसून सत्र के आख़िरी दिन 11 अगस्त को सदन के भीतर सचिवालय के कर्मचारियों से दुर्व्यवहार करने के आरोप में राज्यसभा के 12 सांसदों को संसद के शीतकालीन सत्र से निलंबित कर दिया गया था. इन 12 सांसदों में कांग्रेस के छह, तृणमूल कांग्रेस और शिवसेना के दो-दो तथा सीपीआई और सीपीआईएम के एक-एक सदस्य शामिल हैं.
अगस्त, 2019 को केंद्र सरकार ने जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को निरस्त कर राज्य को दो केंद्रशासित प्रदेशों- जम्मू कश्मीर और लद्दाख में बांट दिया था. विभिन्न राजनीतिक दल, ख़ासकर जम्मू एवं कश्मीर के राजनीतिक दल अक्सर केंद्र से राज्य का दर्जा देने और चुनाव कराए जाने की मांग करते रहे हैं.
कांग्रेस की गोवा इकाई के अध्यक्ष गिरीश चोडणकर ने मंत्री मिलिंद नाइक पर पद का दुरुपयोग कर एक महिला का यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगाया था. प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष संकल्प अमोनकर ने नाइक के ख़िलाफ़ पुलिस में शिकायत भी दर्ज कराई थी और पीड़ित महिला तथा विधायक के बीच कथित बातचीत का ऑडियो भी जारी किया था.
वीडियो: बीते 13 दिसंबर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तर प्रदेश के वाराणसी शहर में काशी विश्वनाथ मंदिर कॉरिडोर के पहले चरण का उद्घाटन कर दिया. इस मुद्दे पर प्रो. अपूर्वानंद, प्रो. आदित्य मुखर्जी और वरिष्ठ पत्रकार शरत प्रधान के साथ द वायर की वरिष्ठ संपादक आरफ़ा ख़ानम शेरवानी की बातचीत.
झारखंड से भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने लोकसभा में कहा कि आरटीआई से हर ब्लॉक में सिर्फ़ बिचौलिये पैदा हुए हैं. चर्चा के दौरान एनसीपी सांसद सुप्रिया सुले ने कहा कि मनरेगा योजना को और सशक्त करने के लिए राज्य और केंद्र सरकार को मिलकर बेहतर तरीके से काम करने की ज़रूरत है. बेरोज़गारी की वजह से इस योजना की स्पष्ट ज़रूरत है.
संसद ने बीते मंगलवार को केंद्रीय सतर्कता आयोग (संशोधन) विधेयक को मंज़ूरी दे दी. इसमें प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के निदेशक के कार्यकाल को वर्तमान दो वर्ष से बढ़ाकर पांच वर्ष तक किए जाने का प्रस्ताव है. चर्चा के दौरान कांग्रेस सहित कई विपक्षी दलों के सदस्य निलंबित 12 सदस्यों का निलंबन वापस लिए जाने की मांग करते हुए सदन से बहिर्गमन किया था.
सुप्रीम कोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस और राज्यसभा सांसद रंजन गोगोई ने सदन में उनकी कम उपस्थिति को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में हाल ही में कहा था कि वह नामित सदस्य हैं, इसलिए वह किसी पार्टी ह्विप से बंधे हुए नहीं हैं. जब उन्हें लगेगा कि विषय महत्वपूर्ण है और उस पर बोला जाना चाहिए, तब वह राज्यसभा की कार्यवाही में भाग लेना पसंद करेंगे.
उत्तराखंड के तेरह ज़िलों में असल समस्या सुदूर नौ पहाड़ी ज़िलों की है, लेकिन आम आदमी पार्टी का इन दुर्गम अंचलों से कोई सरोकार नहीं दिखता. वह भी कांग्रेस और भाजपा की राह पर चलते हुए राज्य में सुविधा की राजनीति कर रही है.
वीडियो: हाल ही में जाने-माने लेखक, पत्रकार और राजनीतिक विश्लेषक रशीद किदवई की पहली हिंदी किताब प्रकाशित होकर आई है, जिसका नाम है, भारत के प्रधानमंत्रीः देश, दशा, दिशा. इसमें देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू से लेकर वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक की एक विवेचना पेश की गई है. इस किताब के ज़रिये रशीद किदवई से बातचीत.