इंग्लैंड की फुटबॉल टीम ने यूरो 2020 के दौरान 'ब्लैक लाइव्स मैटर' को समर्थन देने के लिए 'घुटनों पर बैठने' का निर्णय लिया है. खेल जगत के तमाम महानायक और मनोरंजन जगत के सम्राट, जो संवेदनशील मुद्दों पर मौन रहना चुनते हैं, शायद इंग्लैंड की टीम से कुछ सीख ले सकते हैं.
जी-7 के शिखर सम्मेलन में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के ज़रिये शामिल हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि लोकतंत्र और स्वतंत्रता भारत के सभ्यागत लोकाचार का हिस्सा हैं. यह बयान ऐसे समय आया है जब नए आईटी नियमों को लेकर भारत सरकार और ट्विटर जैसी बड़ी टेक कंपनी आमने-सामने हैं. ट्विटर ने पिछले महीने भारत स्थित अपने कार्यालयों पर पुलिस की छापेमारी को अभिव्यक्ति की आज़ादी के लिए संभावित ख़तरा माना है.
बिहार में हाज़ीपुर से लोजपा सांसद और पार्टी अध्यक्ष चिराग पासवान के चाचा पशुपति कुमार पारस ने कहा कि उन्होंने पार्टी को तोड़ा नहीं, बल्कि बचाया है. लोजपा के 99 प्रतिशत कार्यकर्ता चिराग पासवान के नेतृत्व में बिहार 2020 विधानसभा चुनाव में जदयू के ख़िलाफ़ पार्टी के लड़ने और ख़राब प्रदर्शन से नाख़ुश हैं.
आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह और सपा सरकार में मंत्री रहे और अयोध्या के पूर्व विधायक तेज नारायण ‘पवन’ पांडेय ने राम मंदिर का निर्माण करा रहे श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय पर आरोप लगाए हैं कि उन्होंने ट्रस्ट के सदस्य अनिल मिश्र की मदद से बीते 18 मार्च को दो करोड़ रुपये कीमत की जमीन 18 करोड़ रुपये में ख़रीदी. हालांकि चंपत राय ने इन आरोपों से इनकार किया है.
सरकारी दस्तावेज़ों से पता चलता है कि खरीफ 2020-21 सीजन में सरकार ने 51.91 लाख टन दालें एवं तिलहन खरीदने की योजना बनाई थी, लेकिन इसमें से महज 3.08 लाख टन खरीद हुई है. इसके लिए 10.60 लाख किसानों ने रजिस्ट्रेशन कराया था, लेकिन 1.67 लाख को ही लाभ मिला है.
भारत में कोरोना वायरस संक्रमण के कुल मामलों की संख्या बढ़कर 29,510,410 हो गई है, जबकि 374,305 लोग इस महामारी की चपेट में आकर अपनी जान गंवा चुके हैं. विश्व में संक्रमण के मामले 17.59 करोड़ से ज़्यादा है, जबकि मरने वालों का आंकड़ 38 लाख से पार चला गया है.
कांग्रेस में व्यापक बदलाव के लिए पत्र लिखने वाले जी-23 समूह में शामिल वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने कहा कि चुनावों में हार की समीक्षा के लिए पार्टी में समितियां बनाना अच्छा है, लेकिन इनका तब तक कोई असर नहीं होगा, जब तक उनके द्वारा सुझाए गए उपायों पर अमल नहीं किया जाता.
केंद्र में मंत्रिमंडल विस्तार की चर्चा के बीच जदयू अध्यक्ष आरसीपी सिंह ने यह बयान दिया है. इससे पहले मई 2019 में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्रीय कैबिनेट का हिस्सा बनने से इनकार करते हुए जदयू ने समानुपातिक भागीदारी की मांग की थी.
चार मई के बाद पेट्रोलियम उत्पादों के दामों में 23 बार वृद्धि हो चुकी है और सात राज्यों में पेट्रोल की क़ीमत 100 रुपये प्रति लीटर के पार पहुंच चुकी है. शुक्रवार को कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं ने पेट्रोल एवं डीज़ल के दामों में वृद्धि के विरोध में दिल्ली समेत कई राज्यों में विभिन्न पेट्रोल पंपों के पास सांकेतिक प्रदर्शन किया था.
बीते दिनों नेशनल ब्रॉडकास्टर्स एसोसिएशन ने मुख्यधारा के टीवी मीडिया और इसके डिजिटल मंचों को नये आईटी नियमों से बाहर रखने की मांग की थी. इस पर सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने कहा है कि नियमों से कुछ को छूट देना उन डिजिटल समाचार प्रकाशकों के साथ भेदभाव होगा, जिनके पास पहले से टीवी या प्रिंट मंच नहीं है.
मुख्यमंत्री विजय रुपाणी द्वारा जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि श्रमिक शहरों में जितना कमा रहे थे, उसके मुकाबले मनरेगा की दिहाड़ी काफी कम है, इसके बावजूद कोविड-19 से उत्पन्न संकट के दौरान यह उनके और उनके परिवार के पालन-पोषण में मददगार रही है.
मद्रास हाईकोर्ट ने कहा कि देशभर से ऐसी शिकायतें आ रही हैं कि कोरोना से होने वाली सभी मौतों के आंकड़ों को ठीक से दर्ज नहीं किया जा रहा है. अदालत ने कहा कि यह वास्तव में महामारी के पैमाने को समझने के प्रयास को बाधित कर सकता है और परिवारों को उस राहत की मांग करने से भी वंचित सकता है, जिसके वे हक़दार हैं.
लक्षद्वीप की कार्यकर्ता और फिल्मकार आयशा सुल्ताना ने कहा था कि केंद्र प्रशासक प्रफुल्ल पटेल को ‘जैविक-हथियार’ के रूप में इस्तेमाल कर रहा है, जिसे इसे लेकर भाजपा की स्थानीय इकाई ने उन पर राजद्रोह का मामला दर्ज करवाया है. भाजपा नेताओं ने सुल्ताना का बचाव करते हुए कहा है कि पार्टी की पूरी इकाई पटेल की 'लोकतंत्र विरोधी, जनविरोधी और भयानक नीतियों की दुष्टता' से अवगत थी.
एक अनुमान के अनुसार लगभग 70% शहरी कार्यबल अनौपचारिक रूप से कार्यरत हैं. अनौपचारिक श्रमिकों के काम की अनिश्चित प्रकृति पहले ही जोखिम भरी होती है, जिससे उनके कोविड-19 के संपर्क में आने का ख़तरा बढ़ जाता है. मौजूदा टीकाकरण ढांचे में कई बाधाओं के चलते ऐसे कामगारों के टीकाकरण की संभावना कम है.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने स्वीकार किया है कि 82 फ़ीसदी स्वास्थ्यकर्मियों को कोरोना वायरस टीके की सिर्फ़ एक डोज़ लगी है, जबकि 56 फ़ीसदी को वैक्सीन की दोनों डोज़ लग चुकी है. इसी तरह 85 फ़ीसदी फ्रंटलाइन वर्कर्स को टीके की एक, जबकि 47 फ़ीसदी को दोनों डोज़ लगी है.