नरेंद्र मोदी अनुप्रास गढ़-गढ़कर कब तक ज़मीनी हक़ीक़त को झुठला सकते हैं?

नरेंद्र मोदी अपने भाषणों में अनुप्रासों की झड़ी लगाते रहे हैं- कभी चमत्कार पैदा करने, तो कभी अपनी ‘बौद्धिकता’ का लोहा मनवाने के लिए. हालांकि आगामी 23 जुलाई को उनकी तीसरी सरकार का पहला बजट आएगा तो इस ‘संकट’ से रूबरू होंगे कि ऐसा कौन-सा नया अनुप्रास गढ़ें और कैसे?

एप्पल ने दो भारतीयों को पेगासस जैसे स्पायवेयर के हमले को लेकर चेतावनी भेजी

समृद्ध भारत फाउंडेशन के निदेशक पुष्पराज देशपांडे और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की प्रमुख महबूबा मुफ़्ती की बेटी इल्तिजा मुफ़्ती ने बताया है कि उन्हें स्मार्टफोन निर्माता एप्पल से ऐसे मैसेज मिले हैं कि उनके फोन को पेगासस जैसे किसी अन्य स्पायवेयर से निशाना बनाया जा रहा है.

गाजा में मरने वालों की संख्या स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुमान से पांच गुना अधिक हो सकती है: लांसेट

इज़रायल और हमास के बीच लगभग नौ महीने से युद्ध जारी है. ग़ाज़ा के स्वास्थ्य मंत्रालय का अनुमान है कि फ़िलस्तीन क्षेत्र में पिछले महीने जून तक लगभग 37,000 लोग मारे गए हैं, जबकि मेडिकल जर्नल लांसेट के अनुसार, मरने वालों की वास्तविक संख्या 1,86,000 तक हो सकती है.

काठ की हांडियों पर टिकी भारतीय जम्हूरियत के लिए ब्रिटिश आम चुनाव के सबक

इंग्लैंड के नेता चुनाव हारने के सेवानिवृत्त हो जाते हैं, आख़िर भारतीय राजनीति कब बदलेगी कि जो हार जाए, वह विदा हो जाए और अपनी पार्टी के भीतर से नई प्रतिभाओं को मौका दे.

अयोध्या की रंगत बदलने की सरकारी क़वायद के पीछे रहवासियों की भलाई का भाव नहीं है

उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग द्वारा कमीशन किए गए भारतीय उद्यमिता विकास संस्थान का अध्ययन बताता है कि राज्य सरकार 85,000 करोड़ रुपये के निवेश से वर्ष 2033 तक अयोध्या को ‘दुनिया के सर्वश्रेष्ठ शहरों में से एक’ बनाने को ‘तैयार’ है. हालांकि, अयोध्यावासी पिछले कामों का हश्र देखने के बाद आशान्वित नहीं हैं.

निरंतर हादसों से जूझते भारतीय उनकी ज़िंदगी को दूभर बनाती राजनीति के साथ क्यों खड़े हैं?

कभी-कभार | अशोक वाजपेयी: धर्म और सांप्रदायिकता की राजनीति ने एक बेहद ग़ैर-ज़िम्मेदार अर्थव्यवस्था को पोसा-पनपाया है जिसके लिए सामान्य नागरिक की ज़िंदगी का कोई मोल नहीं है.

जम्मू-कश्मीर: एलजी के ‘निजी समारोह’ के लिए प्रशासन द्वारा भुगतान किए जाने को लेकर आक्रोश

जम्मू-कश्मीर के एलजी मनोज सिन्हा के कार्यालय ने साल 2021 में केंद्र शासित प्रदेश के प्रशासन को दिल्ली में आयोजित एक 'निजी समारोह' के लिए धन मुहैया कराने का 'निर्देश' दिया था. बताया गया है कि यह समारोह एलजी के बेटे की सगाई से जुड़ा था.

दुनियाभर में इंसानों को बांटने की राजनीति चल रही है: कॉमरेड अमरा राम

मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी और अखिल भारतीय किसान सभा के नेता अमरा राम राजस्थान की सीकर लोकसभा सीट से जीतकर संसद पहुंचे हैं. उनका कहना है कि भारत ही नहीं पूरी दुनिया में धर्म और जाति की राजनीति चल रही है और इसका खामियाज़ा वो भुगत रहे हैं जो वंचितों की बात करना चाहते हैं.

अपनी दो सहोदर कंपनियों को पछाड़कर राजस्थान सरकार का ठेका पा गई एएनआई

द वायर की पड़ताल में सामने आया है कि राजस्थान सरकार के कार्यक्रमों की लाइव स्ट्रीमिंग का ठेका पाने वाली एएनआई के अलावा जिन दो कंपनियों ने इसके लिए बोली लगाई थी, उन दोनों के निदेशक भी वही लोग हैं जो एएनआई मीडिया प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक हैं.

विपक्ष ख़ुद को नाम के विपक्ष तक सीमित न रखे, आगे की लड़ाई के लिए ज़मीन पर उतरे

विपक्ष आगे की राह कैसे तय करेगा? और क्या महज बढ़ा हुआ आत्मविश्वास उसको मंजिल तक पहुंचा देगा? फिलहाल इसका ‘हां’ में जवाब मुश्किल है क्योंकि स्थितियां आगे और लड़ाई के संकेत दे रही हैं.

घोषणा के चार साल बाद भी नेशनल रिक्रूटमेंट एजेंसी नदारद, लाखों अभ्यर्थियों को अब भी इंतज़ार

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2020 में केंद्र सरकार की नौकरियों के लिए युवाओं से एक सामान्य पात्रता परीक्षा आयोजित कराने और नेशनल रिक्रूटमेंट एजेंसी बनाने का वादा किया था. चार साल बाद भी युवा इसका इंतज़ार ही कर रहे हैं.

बुंदेलखंड में हर घर नल से जल पहुंचने का सरकारी दावा खोखला साबित हुआ

केंद्र सरकार पिछले चार सालों से 'जल जीवन मिशन' के तहत पूरे देश में 'हर घर नल से जल' योजना को यूं प्रचारित कर रही है कि आज़ादी के बाद पहली बार सरकार ने आम आदमी के घर तक पेयजल पहुंचाने का प्रबंध किया है. हालांकि, ज़मीनी हक़ीक़त सरकार के दावों के विपरीत है.

पेपर लीक: योगी सरकार द्वारा ब्लैकलिस्ट गुजरात की कंपनी संभाल रही केंद्र की भर्ती परीक्षा

अहमदाबाद की एडुटेस्ट कंपनी को यूपी सरकार ने ब्लैकलिस्ट किया है, पर यह अब पीएम नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाले सीएसआईआर में भर्ती की परीक्षा का दूसरा चरण आयोजित कर रही है. इसी परीक्षा के कुछ अभ्यर्थी पहले चरण के दौरान हुई नकल के आरोप में जेल में हैं. द वायर हिंदी की ख़ास पड़ताल की दूसरी क़िस्त.

दुचित्तेपन से मुक्ति

कभी-कभार | अशोक वाजपेयी: दुचित्तेपन से मुक्त होने का आशय यह नहीं है कि हम ख़ुद को संसार में विकसित चिंतन-सृजन आदि से विमुख कर लें और आधुनिकता संपन्न मानकर किसी छद्म आत्मगौरव में इठलाने लगें. दुचित्तेपन से मुक्ति एक दुधारी आलोचना दृष्टि से ही मिल सकती है.

नरेंद्र मोदी की तीसरी पारी में मुसलमानों पर हमलों का नया दौर शुरू

चुनाव परिणाम के बाद आपराधिक मामलों में तेजी आई है, लेकिन यह मानना गलत होगा कि चुनाव अभियान के दौरान हिंसा कम हुई थी. यह हिंसा भाषा और भाषणों के माध्यम से हुई, जिसे प्रधानमंत्री तथा भाजपा के अन्य बड़े नेता अंजाम दे रहे थे.

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