डॉक्टरों का कहना है कि मशहूर शायर राहत इंदौरी के फेफड़े 70 फीसदी तक ख़राब हो गए थे. उन्हें हाइपरटेंशन और मधुमेह की भी समस्या थी.
मामला रीवा के संजय गांधी अस्पताल का है. 22 वर्षीय युवक को तीन अगस्त को भर्ती कराया गया था. परिजनों का आरोप है कि बाद में उन्हें कोविड वार्ड में भर्ती किया गया. प्रबंधन ने उनकी जांच रिपोर्ट भी नहीं दी गई है और उनकी मौत के बाद भी कोई सूचना नहीं दी गई.
तिनसुकिया ज़िले के बाघजान गांव में ऑयल इंडिया लिमिटेड के एक तेल के कुएं में 27 मई से गैस का रिसाव हो रहा है, जिसमें नौ जून को आग लग गई थी. कंपनी के अनुसार कुएं पर ढक्कन रखने का प्रयास किया जा रहा था, लेकिन आग के कारण उसे रखने वाली केबल क्षतिग्रस्त हो गई.
मामला बुलंदशहर का है. दादरी की रहने वाली 20 वर्षीय छात्रा मंगलवार को अपने चाचा के साथ बाइक पर जा रही थी. आरोप है कि रास्ते में दो बाइक सवारों द्वारा छेड़छाड़ के बाद उनका एक्सीडेंट हुआ, जिसमें छात्रा की मौत हो गई. पुलिस का कहना है कि उन्हें छेड़छाड़ या उत्पीड़न के कोई सबूत नहीं मिले हैं.
अगर सरकार शिक्षा व्यवस्था में सुधार को लेकर गंभीर है, तो उसे इस पर संसद में बहस चलानी चाहिए. किसी बड़ी नीति में बदलाव के लिए हर तरह के विचारों पर जनता के सामने चर्चा हो. इस तरह देश की विधायिका को उसके अधिकार से वंचित रख शिक्षा नीति बदलना देश के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने जैसा है.
विशेष: साल 2017 में 10 से 11 अगस्त के बीच गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन की कमी से क़रीब 34 बच्चों की मौत हुई थी. जान गंवाने वाले बच्चों में शहर के जाहिद की पांच साल की बेटी ख़ुशी भी थी.
गोरखपुर के बीआरडी अस्पताल में हुए ऑक्सीजन कांड के तीन बरस पूरे हो गए. लेकिन इस दौरान हादसे में 'विलेन' बना दिए गए डॉ. कफील ख़ान के अलावा नौ आरोपियों में से कोई इस प्रकरण पर बोलने के लिए सामने नहीं आया. शायद यही वजह है कि इन तीन बरसों में डॉ. कफील ने अधिकतर समय जेल में बिताया है.
उत्तरी दिल्ली नगर निगम के स्कूलों में पहली से पांचवीं क्लास के 3.5 लाख बच्चे पढ़ाई करते हैं, जिनमें अधिकतर आर्थिक रूप से कमज़ोर परिवारों से हैं. किताबें न मिलने के साथ ही कई बच्चों की पढ़ाई इसलिए भी प्रभावित है क्योंकि घर में स्मार्टफोन न होने के चलते वे ऑनलाइन क्लास में हिस्सा नहीं ले पा रहे हैं.
विश्व आदिवासी दिवस: मूल निवासियों की पहचान उनकी अपनी विशेष भाषा और संस्कृति से होती है, लेकिन बीते कुछ समय से ये चलन-सा बनता नज़र आया है कि आदिवासी क्षेत्र के लोग मुख्यधारा की शिक्षा मिलते ही अपनी भाषा, संस्कृति और परंपराओं को हेय दृष्टि से देखने लगते हैं.
मामला चंद्रपुर के नागभीड का है. आरोप है कि 16 साल की नाबालिग का उसी के गांव के दो लोगों द्वारा अपहरण कर बलात्कार किया गया, जिसके बाद उसने खेत के कुएं में कूदकर आत्महत्या कर ली.
किसी भी संगठित धर्म में गया आदिवासी अपनी मूल पहचान बचाए रखने के नाम पर प्रकृति से जुड़े उत्सवों में हिस्सा लेकर इस भ्रम में रहता है कि वह ज़मीन से जुड़ा हुआ है. लेकिन क्या वह कभी ये महसूस करता है कि अपनी संस्कृति, भाषा आदि को लेकर उसका नज़रिया कैसे कथित मुख्यधारा के नज़रिये जैसा हो जाता है?
छत्तीसगढ़ पुलिस ने सुकमा ज़िले के एक शख़्स की हत्या के आरोप में नवंबर 2016 में कुछ मानवाधिकार कार्यकर्ताओं को नामजद किया था. फरवरी 2019 में सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर राज्य सरकार ने मामले की जांच की और हत्या में कार्यकर्ताओं की भूमिका न पाए जाने पर आरोप वापस लेते हुए एफआईआर से नाम हटा लिए.
घटना पश्चिम विहार के पीरागढ़ी इलाके में चार अगस्त को हुई. बलात्कार के बाद बच्ची की हत्या का प्रयास भी किया गया. पुलिस का कहना है कि आरोपी ने अपना अपराध स्वीकार कर लिया है.
बीते दिनों दिल्ली पुलिस ने दावा किया कि पूर्व आप पार्षद ताहिर हुसैन ने उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों में शामिल होने की बात स्वीकार ली है. हुसैन के वकील जावेद अली का कहना है कि उनके मुवक्किल ने कभी इस तरह का कोई बयान नहीं दिया. पुलिस के पास अपने दावों की पुष्टि के लिए कोई साक्ष्य नहीं हैं.
दिल्ली की संस्कृति और इतिहास की जानकार सादिया देहलवी 63 वर्ष की थीं और लंबे समय से कैंसर से जूझ रही थीं.