यह कैसा समाज है जहां जीवित इंसान की कोई कीमत नहीं पर मृत व्यक्ति के सम्मान की रक्षा के नाम पर लोग सड़क पर उतर आते हैं, तोड़-फोड़ करते हैं, यहां तक कि हिंसा करने से भी नहीं चूकते.
फारूक़ अब्दुल्ला ने संघ को दी उन्माद से बचने की नसीहत, कहा- धार्मिक आधार पर देश को बांटने का चलन राष्ट्रहित के लिए घातक. इधर आरएसएस के भैयाजी जोशी ने कहा, हिंदुत्व से बदलेगा समाज.
पांच बार राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार से सम्मानित अभिनेता प्रकाश राज ने कहा कि अगर एक आवाज़ दबाई जाएगी तो और ज़्यादा मज़बूत आवाज़ें सामने आएंगी.
पुस्तक अंश: 'मैं मरने के लिए एक शांत जगह तलाश रहा था. किसी ने सुझाया ब्रुकलिन, और अगली सुबह यहां चला आया.'
खोसला का घोंसला, नो वन किल्ड जेसिका, लव शव ते चिकन खुराना और स्पेशल 26 जैसी फिल्मों में ख़ास भूमिका निभाने वाले अभिनेता राजेश शर्मा से बातचीत.
जम्मू कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ़्ती और पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने की कार्रवाई की मांग. दिल्ली महिला आयोग एयर विस्तारा को नोटिस भे
हाल ही में व्यास सम्मान पाने वाली वरिष्ठ लेखिका ममता कालिया ने कहा, यह अच्छा संकेत है कि महिलाएं अपनी पीड़ा, संघर्षों और अनुभवों के बारे में खुलकर लिख रही हैं.
जेएनयू छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष ने कहा, घरों में भोजन के टेबल दो हिस्से में बंट गए हैं. अगर कोई पिता धर्मनिरपेक्षता का पक्ष लेता है, तो बेटा उसे पाकिस्तान समर्थक बता देता है.
हज़ारों की तादाद में ऐसे नवयुवक तैयार हैं जो अब धर्म के नाम पर जान लेने और देने के लिए तत्पर हैं.
बाबरी मस्जिद विध्वंस और उसके बाद के रक्तरंजित दौर की तरफ पच्चीस साल बाद फिर लौटते हुए हम नए सिरे से उस पुराने द्वंद्व से रूबरू होते हैं जो हर ऐसे सांप्रदायिक दावानल के बहाने उठता है.
बॉलीवुड अभिनेत्री रिचा चड्ढा ने कहा, यौन उत्पीड़न करने वालों का नाम नहीं लिया जा सकता क्योंकि उसके बाद काम मिलने की गारंटी नहीं होती.
मणिशंकर अय्यर के बयान से प्रधानमंत्री इतने आहत हो गए कि इसी पर वोट मांगने लगे. साथ भी यह भी पूछ डाला कि क्या मणिशंकर अय्यर पाकिस्तान उनकी सुपारी देने गए थे?
अफ़राज़ुल हत्याकांड: ये तीन लोगों की कहानी है. भगवान, अल्लाह, गॉड, इलाही जिसको भी आप मानते हो, वो कहता है, साउंड, कैमरा, एक्शन और एक सीन शुरू होता है.
अभिनेत्री कंगना रनौत ने कहा कि पद्मावती के निर्देशक संजय लीला भंसाली और अभिनेत्री दीपिका पादुकोण का समर्थन करने के लिए एकजुट होने ज़रूरत है.
इतिहासकार रामचंद्र गुहा ने कहा, इतिहास सामाजिक विज्ञान और साहित्य का मिश्रण है और वह कभी एक आयामी नहीं हो सकता.