भाजपा के नेतृत्व वाली असम सरकार ने 1,281 राज्य संचालित मदरसों का नाम बदलकर मिडिल इंग्लिश (एमई) स्कूल कर दिया है. राज्य के शिक्षा मंत्री रनोज पेगु ने कहा कि यह निर्णय राज्य की शिक्षा प्रणाली में एकरूपता और समावेश को बढ़ावा देने के लिए लिया गया है.
शिक्षा मंत्रालय में राज्य मंत्री डॉ. सुभाष सरकार ने राज्यसभा में बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के अनुरूप अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) ने विभिन्न भारतीय भाषाओं में इंजीनियरिंग पुस्तकें (बी.टेक/डिप्लोमा) उपलब्ध कराने के उद्देश्य से ‘तकनीकी पुस्तक लेखन और उसके अनुवाद की योजना’ शुरू की है.
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) ने अपने कैंपस के किसी भी शैक्षणिक या प्रशासनिक भवन के पास धरना देने, भूख-हड़ताल करने या किसी अन्य प्रकार के विरोध पर रोक लगाने के लिए नए नियम जारी किए हैं. इसके अलावा फ्रेशर्स की स्वागत पार्टियों, विदाई या डीजे कार्यक्रम जैसे आयोजन करने पर भी दंड का प्रावधान किया गया है.
राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग ने उन एमबीबीएस छात्रों को एक अतिरिक्त मौका देने की अनुमति दे दी है, जो शैक्षणिक वर्ष 2020-21 के दौरान मेडिकल कॉलेजों में भर्ती हुए और कोविड-19 महामारी के कारण अपनी पहली व्यावसायिक परीक्षा उत्तीर्ण नहीं कर सके थे. यह ढील सिर्फ़ एक बार का उपाय होगा.
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने सभी विश्वविद्यालयों से अपने छात्रों और फैकल्टी सदस्यों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भाषण सुनने के लिए प्रोत्साहित करने को कहा है. मोदी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के ज़रिये ‘विकसित भारत@2047: युवाओं की आवाज़’ परामर्श कार्यक्रम में बोलेंगे. कुछ शिक्षाविदों और सांसदों ने इस क़दम की आलोचना की है.
बीते दिनों दिल्ली विश्वविद्यालय के कई कॉलेजों से विभिन्न विभागों के ऐसे एडहॉक शिक्षकों को हटाने की घटनाएं सामने आई हैं, जो एक दशक से अधिक समय से सेवाएं दे रहे थे.
यूजीसी के 'सेल्फी पॉइंट' के आदेश समेत उच्च शिक्षण संस्थानों के लिए जारी होते विभिन्न निर्देशों को व्यापक परिप्रेक्ष्य में देखा जाए तो लगता है कि ‘आज्ञापालक नागरिक’ तैयार करने का प्रयास ज़ोर-शोर से चल रहा है और इसके लिए विश्वविद्यालयों को प्रयोगशाला बनाया जा रहा है.
केंद्र सरकार ने राज्यसभा में बताया कि 2018 से दुनियाभर के 34 देशों में 403 भारतीय छात्रों की मौत की वजहें प्राकृतिक कारण, दुर्घटना और बीमारी आदि थे. सर्वाधिक 91 मौतें कनाडा में हुईं.
सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय ने संसद में बताया कि 2019 में छात्रों की आत्महत्या से मौत की 10,335 घटनाएं दर्ज की गईं, 2020 व 2021 में यह आंकड़ा क्रमशः 12,526 और 13,089 दर्ज किया गया. एससी और एसटी छात्रों द्वारा आत्महत्या की संख्या पर मंत्रालय ने कहा कि इसका डेटा उपलब्ध नहीं है.
2024 के आम चुनावों के क़रीब आते ही अपने नवीनतम पत्र में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने सुझाव दिया है कि विभिन्न विश्वविद्यालयों और कॉलेज के कैंपस अधिकारियों को छात्रों और आगंतुकों को ‘विभिन्न क्षेत्रों में भारत की उपलब्धियों’ पर ‘सामूहिक गौरव’ की भावना पैदा करने के लिए इन पॉइंट्स पर सेल्फी लेने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए.
गुजरात के सूरत शहर स्थित वीर नर्मद दक्षिण गुजरात विश्वविद्यालय का मामला. इन छह पुरुष छात्रों को फेल कर दिया है. इनमें से प्रत्येक पर 1,000 रुपये का जुर्माना लगाया है और उन्हें भविष्य में परीक्षा देने से पहले मनोचिकित्सक से मिला प्रमाण-पत्र जमा करने का निर्देश दिया है कि वे मानसिक रूप से स्थिर हैं.
कश्मीर के बाहर के एक छात्र द्वारा पैगंबर पर किए सोशल मीडिया पोस्ट के ख़िलाफ़ विरोध बढ़ने के बीच एनआईटी, श्रीनगर ने शीतकालीन छुट्टियों की घोषणा करते हुए छात्रों से हॉस्टल छोड़ने को कहा है. वहीं, घाटी के कॉलेजों में ऑफलाइन कक्षाएं निलंबित करते हुए ऑनलाइन कक्षाएं चलाने का निर्देश दिया गया है.
राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) ने निर्णय लिया है कि मणिपुर के हिंसा प्रभावित क्षेत्रों के चार मेडिकल कॉलेजों के सभी विस्थापित छात्रों को चुराचांदपुर मेडिकल कॉलेज में ऑनलाइन कक्षाएं या हाइब्रिड मोड में कक्षाओं में शामिल होने की अनुमति दी जाएगी. एनएमसी ने कहा कि उपरोक्त अनुमति मणिपुर में असाधारण स्थिति को ध्यान में रखते हुए दी गई है.
बीते 27 नवंबर को राष्ट्रीय पात्रता सह-प्रवेश परीक्षा (एनईईटी) की तैयारी कर रहे पश्चिम बंगाल के 20 वर्षीय छात्र ने कोटा में अपने किराये के आवास पर आत्महत्या कर ली. अधिकारियों को यह सूचित करने में विफल रहने पर कि छात्र ‘गंभीर रूप से तनाव’ में था और काउंसलिंग से गुज़र रहा था, ज़िला प्रशासन ने कोचिंग संस्थान को नोटिस भेजकर स्पष्टीकरण मांगा है.
यूनिफाइड डिस्ट्रिक्ट इंफॉर्मेशन सिस्टम फॉर एजुकेशन प्लस और ऑल इंडिया सर्वे ऑफ हायर एजुकेशन के आंकड़ों पर आधारित 'भारत में मुस्लिम शिक्षा की स्थिति' रिपोर्ट बताती है कि 2019-20 में 21 लाख मुस्लिम छात्रों ने उच्च शिक्षा के लिए नामांकन कराया था, 2020-21 में यह संख्या 19.21 लाख हो गई.