मध्य प्रदेश के राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने इस संबंध में आवश्यक कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं. इसके अलावा राज्यपाल ने कहा कि सभी निजी और राजकीय विश्वविद्यालय अधिक से अधिक रोज़गार मूलक पाठ्यक्रम संचालित करें. पाठ्यक्रमों की उच्च गुणवत्ता के मानकों का कड़ाई से पालन करें.
केरल हाईकोर्ट 2019 के उस सरकारी आदेश के ख़िलाफ़ याचिका सुन रहा है, जिसमें रात 9.30 बजे के बाद उच्च शिक्षण संस्थानों के हॉस्टल की लड़कियों के बाहर निकलने पर पाबंदी लगाई गई है. कोर्ट ने कहा कि सरकार का दायित्व कैंपस को सुरक्षित रखना है. समस्याएं पुरुष पैदा करते हैं तो उन्हें बंद किया जाना चाहिए.
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का आरोप है कि क़ानून के विद्यार्थियों को पढ़ाई जा रही इस किताब में हिंदू समुदाय और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के ख़िलाफ़ बेहद आपत्तिजनक बातें लिखी गई हैं, जिनसे धार्मिक कट्टरता को बल मिलता है. एफ़आईआर किताब की लेखक डॉ. फ़रहत ख़ान, प्रकाशक अमर लॉ पब्लिकेशन, प्रिंसिपल डॉ. इनामुर्रहमान और संस्थान के प्रोफेसर मिर्ज़ा मोजिज बेग के ख़िलाफ़ दर्ज की गई है.
घटना इरोड ज़िले की है, जहां एक छात्र के अभिभावकों की शिकायत पर पुलिस ने किशोर न्याय अधिनियम और एससी/एसटी (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया है. पुलिस ने बताया कि आरोपी प्रधानाध्यापिका फ़रार हैं.
दिल्ली विश्वविद्यालय के परिसर में पूर्व प्रोफेसर जीएन साईबाबा की रिहाई की मांग को लेकर करीब 36 संगठनों के संयुक्त मोर्चे 'कैंपेन अगेंस्ट स्टेट रिप्रेशन' के बैनर तले प्रदर्शन किया जा रहा था. आरोप है कि इस दौरान अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के सदस्यों ने प्रदर्शनकारियों पर लाठी-डंडों आदि से हमला कर दिया.
मध्य प्रदेश के वरिष्ठ कांग्रेस नेता और सदन में नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखते हुए कहा है कि प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा ने जबलपुर के जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय में नियम विरुद्ध अपने ससुर की कुलपति के तौर पर नियुक्ति कराई है. इसी विश्वविद्यालय में शर्मा की पत्नी भी सेवारत हैं.
मामला इंदौर के शासकीय नवीन विधि महाविद्यालय का है. एबीवीपी ने हंगामा करते हुए दावा किया था कि महाविद्यालय में कुछ शिक्षक विद्यार्थियों के बीच कट्टरता, लव जिहाद और देश के संबंध में नकारात्मक बातों को बढ़ावा दे रहे हैं. इसके बाद कॉलेज द्वारा अस्थायी तौर पर हटाए गए छह अध्यापकों में से चार मुस्लिम हैं.
केरल हाईकोर्ट कोझिकोड मेडिकल कॉलेज की पांच मेडिकल छात्राओं और कॉलेज संघ के पदाधिकारियों द्वारा दायर उस याचिका पर सुनवाई कर रहा था, जिसमें 2019 के उस सरकारी आदेश को चुनौती दी गई थी जो सभी महिला छात्रावासों को रात 9:30 बजे तक खोले जाने की बात करता था.
यूनिफाइड डिस्ट्रिक्ट इनफॉरमेशन सिस्टम फॉर एजुकेशन प्लस (यूडीआईएसई+) की 2021-22 की रिपोर्ट के अनुसार, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, जम्मू कश्मीर, मध्य प्रदेश, मणिपुर, पश्चिम बंगाल, मेघालय, ओडिशा, तेलंगाना और त्रिपुरा में 80 से 85 प्रतिशत स्कूलों में इंटरनेट की सुविधा नहीं है.
केंद्र सरकार ने शिक्षा का अधिकार क़ानून का हवाला देते हुए एक नोटिस जारी किया है, जिसमें कहा गया है कि वह इस क़ानून के तहत पहली से आठवीं कक्षा तक के छात्रों को अनिवार्य शिक्षा प्रदान कर रही है, इसलिए स्कॉलरशिप दिए जाने की ज़रूरत नहीं है.
कर्नाटक के निजी विश्वविद्यालय मणिपाल इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी का मामला. घटना से संबंधित कथित वीडियो में छात्र आरोपी प्रोफेसर से कहता है कि इस देश में मुसलमान होना और यह सब हर रोज़ झेलना मज़ाक नहीं है सर. आप मेरे धर्म का मज़ाक नहीं उड़ा सकते, वह भी अपमानजनक तरीके से.
सुप्रीम कोर्ट में दाख़िल याचिका में कहा गया कि ग़रीब पृष्ठिभूमि की 11 से 18 साल की छात्राओं को शिक्षा हासिल करने में गंभीर समस्या का सामना करना पड़ता है. मासिक धर्म के बारे में व्याप्त मिथक के कारण लाखों लड़कियों को या तो जल्द ही स्कूल छोड़ना पड़ता है या फिर इस अवधि के दौरान उन्हें अलग-थलग रहना पड़ता है.
हरियाणा सरकार एमबीबीएस में दाख़िले के वक़्त 40 लाख रुपये का बॉन्ड भरवा रही है. इसके तहत सरकारी मेडिकल कॉलेज से पढ़ने वाले हर छात्र को कम से कम सात साल सरकारी अस्पताल में सेवा देनी होगी. अगर वह ऐसा नहीं करता है तो उसे 40 लाख रुपये सरकार को देने होंगे. एमबीबीएस छात्र इस फैसले के विरोध में हैं.
दिसंबर 2019 को नागरिकता संशोधन क़ानून के ख़िलाफ़ जामिया मिलिया इस्लामिया के छात्र-छात्राएं विरोध प्रदर्शन कर रहे थे. इस दौरान हुई झड़प के बाद दिल्ली पुलिस ने विश्वविद्यालय परिसर में घुसकर उन पर लाठीचार्ज किया था, जिसमें क़रीब 100 लोग घायल हुए थे. वहीं, एक छात्र की एक आंख की रोशनी चली गई थी.
दिल्ली बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष अनुराग कुंडू ने कहा कि 9वीं कक्षा की अंग्रेज़ी पाठ्यपुस्तक का ‘द लिटिल गर्ल’ नामक अध्याय पितृसत्ता को क़ायम रखता है और परिवार में बुरे व्यवहार को बढ़ावा देता है, इसलिए इसे संशोधित या हटाया जाना चाहिए.