दिल्ली हाईकोर्ट ने यह टिप्पणी एक मेडिकल कॉलेज में स्नातकोत्तर और स्नातक पाठ्यक्रमों में सीटें बढ़ाने की अनुमति देते हुए की. कोर्ट ने कहा कि आकांक्षी छात्रों को गुणवत्तापूर्ण सस्ती शिक्षा प्रदान करने वाले पर्याप्त मेडिकल संस्थानों की कमी के कारण ही वे स्वदेश छोड़ने और विदेशों में अध्ययन करने के लिए मजबूर होते हैं.
टाइम्स समूह के स्वामित्व वाले ग्रेटर नोएडा के बेनेट विश्वविद्यालय ने अपने छात्रों और उनके अभिभावकों से एक शपथपत्र पर हस्ताक्षर करने को कहा है, जिसमें उन्हें कैंपस के अंदर या बाहर किसी भी प्रकार की 'देशविरोधी' या 'असामाजिक गतिविधि में शामिल होने, उसका समर्थन या प्रचार न करने के लिए कहा गया है. छात्रों को भेजे ईमेल में विश्वविद्यालय ने कहा कि यह क़दम उत्तर प्रदेश सरकार से मिले निर्देशों के तहत उठाया गया है.
केंद्र सरकार द्वारा अनुसूचित जाति/जनजाति और भूमिहीन कृषि श्रमिक परिवारों से आने वाले छात्रों को विदेश में पढ़ने के लिए दी जाने वाली राष्ट्रीय ओवरसीज़ छात्रवृत्ति योजना में बिना किसी से सलाह-मशविरे और उससे लाभांवित तबकों की राय जाने बिना किए गए विषय संबंधी बदलाव बहुसंख्यकवादी असुरक्षा का नतीजा हैं.
केंद्र सरकार द्वारा राष्ट्रीय ओवरसीज़ छात्रवृत्ति के दिशानिर्देशों में हाल ही में किए गए बदलावों पर असहमति जताई जा रही है. नए दिशानिर्देशों में वंचित या हाशिये के समुदायों के उन छात्रों को बाहर रखा गया है, जो विदेशों में जाकर भारतीय संस्कृति, विरासत, इतिहास और सामाजिक विज्ञान जैसे विषयों पर विदेशों में जाकर अध्ययन या शोध करना चाहते हैं.
यह मामला मंगलुरु के दयानंद पई सतीश पई गवर्मेंट फर्स्ट ग्रेड कॉलेज का है. बीते तीन मार्च को हिबा शेख़ सहित उनकी साथी छात्राओं को कॉलेज के गेट पर एबीवीपी से जुड़े छात्रों के बीच हिजाब को लेकर विवाद हुआ था. इस संबंध में हिबा ने 19 छात्रों के ख़िलाफ़ केस दर्ज कराया है. अपने ख़िलाफ़ एफ़आईआर पर उन्होंने कहा कि उन्हें फ़ंसाया गया है.
भोपाल स्थित राष्ट्रीय विधि संस्थान विश्वविद्यालय का मामला. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि लड़कों और लड़कियों के साथ ‘दुर्व्यवहार’ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. आरोपी प्रोफेसर ने यौन उत्पीड़न के आरोपों को बेबुनियाद बताया है.
जेएनयू की पहली महिला कुलपति शांतिश्री धुलिपुड़ी पंडित ने पिछले महीने एम. जगदीश कुमार के स्थान पर कुलपति का पदभार संभाला है. एक साक्षात्कार में उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के बारे में नकारात्मक धारणा को बदलकर इसे बेहतर बनाना होगा. वास्तव में जेएनयू असहमति और विविधता का प्रतिनिधित्व करता है.
उत्तराखंड के हल्द्वानी स्थित राजकीय मेडिकल कॉलेज परिसर में छात्रों का सिर मुंडाए और पीछे बंधे हुए हाथ के साथ एक कतार में चलने का वीडियो सोशल मीडिया पर प्रसारित हुआ है, जिसे कथित तौर पर वरिष्ठ छात्रों द्वारा की गई रैगिंग बताया जा रहा है. प्रिंसिपल ने कहा कि अगर यह साबित हो जाता है कि कैंपस में रैगिंग हुई थी तो ज़िम्मेदार लोगों के ख़िलाफ़ सख़्त से सख़्त कार्रवाई की जाएगी.
समाज कल्याण और अधिकारिता मंत्रालय की राष्ट्रीय ओवरसीज़ छात्रवृत्ति योजना के तहत अनुसूचित जाति/ जनजाति और भूमिहीन कृषि श्रमिक परिवारों से आने वाले छात्रों को उच्च-रैंकिंग वाले विदेशी विश्वविद्यालयों में स्नातकोत्तर शिक्षा के लिए आर्थिक सहायता दी जाती है. इस साल बिना हितधारकों से चर्चा किए योजना से मानविकी व समाज विज्ञान विषयों को हटा दिया गया है.
गैर सरकारी संगठन ‘सेव द चिल्ड्रन’ द्वारा पिछले साल फरवरी में दिल्ली, महाराष्ट्र, बिहार और तेलंगाना की शहरी झुग्गियों में किए गए सर्वेक्षण अनुसार, कोविड-19 महामारी के कारण 2020 में लगाए गए लॉकडाउन के दौरान 67 प्रतिशत लड़कियां ऑनलाइन कक्षाओं में शामिल नहीं हुईं. अध्ययन में यह भी पाया गया है कि 10 से 18 वर्ष के बीच की 68 प्रतिशत लड़कियों ने इन राज्यों में स्वास्थ्य और पोषण सुविधाएं पाने में चुनौतियों का सामना किया.
युद्धग्रस्त यूक्रेन के खारकीव शहर में रूसी सेना की गोलीबारी में मृत कर्नाटक के छात्र नवीन शेखरप्पा ज्ञानगौदर के पिता ने कहा कि भारत की शिक्षा प्रणाली और जातिवाद के कारण उन्हें यहां सीट नहीं मिल सकी, जबकि वह मेधावी छात्र थे. उन्होंने आरोप लगाया कि यहां एक मेडिकल सीट हासिल करने के लिए एक करोड़ से दो करोड़ रुपये तक घूस देने पड़ते हैं. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से यह देखने की अपील की कि निजी संस्थानों में भी
यूपीएससी की प्रारंभिक परीक्षा में सफल रहे तीन छात्रों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर अनुरोध किया है कि उन्हें परीक्षा में शामिल होने के लिए एक अतिरिक्त अवसर दें या परीक्षा परिणाम आने से पहले उनके शेष पेपर की परीक्षा की कुछ व्यवस्था करें. कोविड-19 से पीड़ित होने के कारण तीनों छात्र पिछले महीने संपन्न मुख्य परीक्षा के सभी पेपरों में उपस्थित नहीं हो सके थे.
ग्रेटर फ़रीदाबाद स्थित दिल्ली पब्लिक स्कूल का मामला. छात्र की मां ने पुलिस को दी गई शिकायत में आरोप लगाया है कि छात्र को उसकी सेक्सुऐलिटी (यौन भावनाओं) के कारण परेशान किया गया था और स्कूल ने उसकी शिकायत को नज़रअंदाज़ कर दिया था. पुलिस ने केस दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है.
दक्षिण दिल्ली नगर निगम की शिक्षा समिति ने अपने शिक्षा विभाग के अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश देने को कहा है कि एसडीएमसी के प्राथमिक स्कूलों में छात्र-छात्राएं ‘धार्मिक पोशाक’ पहनकर न आएं और उन्हें निर्धारित ड्रेस कोड में ही स्कूल में प्रवेश करने की अनुमति दी जाए.
कर्नाटक के उडुपी ज़िले में एक प्री-यूनिवर्सिटी कॉलेज में बीते साल दिसंबर में ड्रेस कोड का उल्लंघन करने के लिए कुछ लड़कियों को कक्षा में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी गई थी. धीरे-धीरे यह विवाद राज्य के अन्य हिस्सों में भी फैल गया, जिससे कई स्थानों पर शिक्षण संस्थानों में तनाव का माहौल पैदा हो गया था.