मणिपुर जातीय हिंसा: राज्य में 200 से अधिक दिन से इंटरनेट पर प्रतिबंध जारी

मणिपुर में बहुसंख्यक मेईतेई और आदिवासी कुकी समुदायों के बीच जातीय हिंसा भड़कने के बाद बीते 3 मई से मोबाइल इंटरनेट पूरी तरह या आंशिक रूप से निलंबित कर दिया गया है. बीते सितंबर महीने में इंटरनेट को तीन दिनों के लिए बहाल किया गया था, लेकिन फिर से प्रतिबंध लागू कर दिया गया.

मणिपुर की समस्या के राजनीतिक समाधान की ज़रूरत है: शीर्ष सैन्य अधिकारी

सेना के पूर्वी कमान प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल राणा प्रताप कलीता ने मीडिया से बातचीत में कहा है कि जब तक विभिन्न पुलिस थानों और अन्य स्थानों से लूटे गए 4,000 से अधिक हथियार लोगों के हाथों में हैं, मणिपुर में हिंसा ख़त्म नहीं होगी.

मिज़ोरम: मणिपुर शरणार्थियों को राहत के लिए मदद के ‘बार-बार अनुरोध’ को केंद्र ने नज़रअंदाज़ किया

बीते छह महीने से मणिपुर में जारी जातीय हिंसा के बाद वर्तमान में लगभग 12,000 मणिपुरी मिज़ोरम में शरण लिए हुए हैं. राज्य सरकार के अधिकारियों ने कहा है कि पिछले कई महीनों में ‘बार-बार अनुरोध’ के बावजूद केंद्र सरकार ने आंतरिक रूप से विस्थापित लोगों को राहत देने के लिए नकद या अन्य कोई सहायता नहीं दी है. 

मणिपुर: ताज़ा हिंसा में दो लोगों की मौत, आदिवासी संगठन ने बंद की घोषणा की

मणिपुर के कांगपोकपी ज़िले में 20 नवंबर को हुई हिंसा में कुकी-ज़ो समुदाय के दो व्यक्तियों की गोली लगने से मौत हो गई. वहीं, आदिवासी एकता समिति ने कुकी-ज़ो समुदाय के लोगों पर हमले की निंदा करते ज़िले में ‘आपातकालीन बंद’ की घोषणा की है.

मणिपुर हिंसा के मृतकों के परिजनों को चार सप्ताह के भीतर 10 लाख रुपये मुआवज़ा दे सरकार: एनएचआरसी

पूर्वोत्तर राज्यों के मामलों की सुनवाई करने के बाद राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) के अध्यक्ष जस्टिस अरुण कुमार ने कहा कि मणिपुर हिंसा में एक विशेष तारीख तक 180 लोग मारे गए थे, लेकिन 93 लोगों को ही 10 लाख रुपये का मुआवज़ा मिला है. चार सप्ताह के भीतर सरकार सभी को मुआवज़ा जारी करे.

आदिवासी संगठन ने मणिपुर के कुछ ज़िलों में ‘स्वशासन’ की घोषणा की

मणिपुर में कुकी-ज़ो लोगों का प्रतिनिधित्व करने वाले इंडिजिनस ट्राइबल लीडर्स फोरम ने तेंगनौपाल, कांगपोकपी और चुराचांदपुर ज़िलों में ‘स्व-शासन’ की घोषणा की है. आईटीएलएफ के एक नेता ने कहा कि हमें ‘मेईतेई मणिपुर सरकार’ से कोई उम्मीद नहीं है और अगर केंद्र हमें मान्यता नहीं देता है तो हमें कोई परवाह नहीं है.

मिजोरम: छात्रों को छात्रवृत्ति देने में देरी को लेकर तीन दिनों से विरोध प्रदर्शन जारी

मिजोरम के शीर्ष छात्र संगठन मिज़ो ज़िरलाई पावल (एमजेडपी) के नेतृत्व में प्रदर्शनकारी राज्य की राजधानी आइजोल के पश्चिमी भाग में डावरपुई वेंगथर में मिजोरम छात्रवृत्ति बोर्ड कार्यालय के सामने दो दिन से धरना दे रहे हैं. वे राज्य के भीतर और बाहर पढ़ रहे 19,495 छात्रों को छात्रवृत्ति राशि के तत्काल वितरण की मांग कर रहे हैं.

गृह मंत्रालय ने सात मेईतेई ‘चरमपंथी’ संगठनों और उनके सहयोगियों पर 5 साल का प्रतिबंध बढ़ाया

मणिपुर में चल रहे संकट के बीच केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा सात ‘मेईतेई चरमपंथी संगठनों’ और उनके सहयोगियों पर यूएपीए के तहत प्रतिबंध बढ़ाने की अधिसूचना में कहा गया है कि इनका कथित उद्देश्य सशस्त्र संघर्ष के माध्यम से मणिपुर को भारत से अलग करना और इस तरह के अलगाव के लिए मणिपुर के स्थानीय लोगों को उकसाना है.

मणिपुर हिंसा के कारण पढ़ाई जारी रखने में असमर्थ छात्रों ने प्रदर्शन किया

मणिपुर के चुराचांदपुर शहर में आदिवासी छात्रों ने अपनी शिक्षा पर पड़ रहे हिंसा के कुप्रभाव को लेकर धरना दिया. छात्रों ने राज्य और केंद्र पर कुकी और ज़ो समुदाय के छात्रों की शिक्षा के प्रति लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि वे अपनी पढ़ाई जारी रखने में असमर्थ हैं, क्योंकि सरकार उनके लिए वैकल्पिक व्यवस्था करने में विफल रही है.

मणिपुर हिंसा: हथियारबंद भीड़ ने सैनिक के परिजनों समेत पांच जनजातीय लोगों का अपहरण किया

मणिपुर के कांगपोकपी ज़िले के कांगचुप चिंगखोंग गांव के पास एक सुरक्षा चौकी पर हथियारबंद भीड़ ने कुकी-ज़ोमी समुदाय के पांच सदस्यों का अपहरण कर लिया. इनमें से चार एक सैनिक के परिजन हैं. घटना में घायल सैनिक के 65 वर्षीय पिता को सुरक्षा बलों ने बचा लिया, जिन्हें गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया है.

मणिपुर में बड़ी संख्या में लूटे गए हथियार ग़लत हाथों में जा सकते हैं: असम राइफल्स के डीजी

मणिपुर में लूटे गए और अब तक गायब बड़ी संख्या में हथियार चिंता का एक बड़ा कारण है. अगर ये हथियार वापस नहीं आते हैं, तो ये गलत हाथों में हैं. उनमें से कई विद्रोहियों के पास जा सकते हैं. मणिपुर हिंसा छह महीने बाद भी लूटे गए हथियारों में केवल एक चौथाई हथियार और 5 प्रतिशत से भी कम गोला-बारूद बरामद हो पाए हैं.

नेता का दावा, एक साल से त्रिपुरा में बसे दो हज़ार ब्रू परिवारों को कोई मासिक भत्ता नहीं मिला

जिला मजिस्ट्रेट को लिखे एक पत्र में त्रिपुरा के ब्रुहापारा बस्ती क्षेत्र के सहायक प्रभारी करणजॉय रियांग ने कहा कि आंतरिक रूप से विस्थापित ब्रू आदिवासी लोग, जिन्हें जातीय संघर्षों के कारण अपने गृह राज्य मिज़ोरम से भागना पड़ा था, उन्हें अक्टूबर 2022 से भत्ता नहीं मिला है, जिससे वे संकट में हैं.

मणिपुर हिंसा शुरू होने के छह महीने बाद भी लूटे गए हथियारों में से सिर्फ़ 25 फीसदी ही मिल पाए हैं

मणिपुर में 3 मई को शुरू हुए मेईतेई और कुकी समुदायों के बीच जातीय संघर्ष के दौरान पुलिस और राज्य के शस्त्रागारों से चुराए गए हथियारों और गोला-बारूद की बरामदगी से संबंधित एक रिपोर्ट बताती है कि लूटे गए लगभग 5,600 हथियारों में से लगभग 1,500 ही बरामद हो पाए हैं.

अलग झंडे और संविधान की मांग पूरी नहीं होने पर नगा समूह शांति वार्ता से हटने को तैयार

मणिपुर के नगा-बहुल उखरुल ज़िले में नगा नेताओं की एक दिवसीय सार्वजनिक सलाहकार बैठक के दौरान एनएससीएन के विचारक माने जाने वाले आरएच राइजिंग ने कहा कि अगर नगाओं की स्थिति का नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा सम्मान नहीं किया जाता है तो संगठन संघर्ष विराम से बाहर निकलने के लिए तैयार है.

कांग्रेस का दावा- मिज़ो संस्कृति की रक्षा करने वाला अनुच्छेद 371 जी ख़तरे में है

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने कहा कि एक सरकार और एक पार्टी जिसने अनुच्छेद 370 को हटाया, वह 371 'जी' को भी हटा सकती है. यह अधिनियम मिज़ो समुदाय की धार्मिक या सामाजिक प्रथाओं, मिज़ो प्रथागत क़ानून, नागरिक और आपराधिक न्याय प्रशासन, भूमि स्वामित्व आदि की रक्षा करता है.  

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