प्रतिबंधित होने से पहले उल्फा नेताओं ने ब्रिटेन से मांगी थी मदद: रिपोर्ट

प्रतिबंधित होने से पहले उल्फा के ब्रिटेन से मदद मांगने का खुलासा ब्रिटेन के नेशनल आर्काइव्स द्वारा कुछ गोपनीय दस्तावेजों को हाल में सार्वजनिक किए जाने के बाद हुआ है. उल्फा के तत्कालीन तीन शीर्ष नेताओं से मुलाकात के बाद बांग्लादेश में ब्रिटिश राजनयिक डेविड ऑस्टिन ने एक पत्र लिख ब्रिटेन को बताया था कि उल्फा इजरायल से प्रभावित है.

असम: सीमाई ज़िले के फॉरेनर्स ट्रिब्यूनल में मुस्लिम अधिवक्ताओं को हटाकर हिंदुओं की नियुक्ति

धर्म के आधार पर फॉरेनर्स ट्रिब्यूनल के शासकीय अधिवक्ताओं को नियुक्त करने से पहले राज्य सरकार सीमाई ज़िलों में एनआरसी से बाहर रहने वाले लोगों की दर को लेकर कई बार नाख़ुशी ज़ाहिर कर चुकी है.

त्रिपुरा: मुख्यमंत्री के मीडिया को कथित तौर पर धमकाने से नाराज़ पत्रकार, कहा- वापस लें बयान

मुख्यमंत्री बिप्लब देब ने शुक्रवार को कहा था कि ‘कुछ अति उत्साहित अख़बार’ राज्य में कोविड-19 की स्थिति के बारे में जनता में भ्रम फैला रहे हैं, जिन्हें मैं कभी माफ़ नहीं करूंगा. मीडिया संगठनों ने इसकी आलोचना करते हुए कहा है कि राज्य सरकार मीडिया को अपना ग़ुलाम बनाने की कोशिश कर रही है.

शांति समझौता: नगा समूहों ने कहा- राजनीतिक समाधान का समय नज़दीक है

नगा राष्ट्रीय राजनीतिक समूहों की ओर से जारी एक वक्तव्य में कहा गया कि इंतज़ार की घड़ियां समाप्त हुईं और केंद्र ऐसा समाधान निकालने के लिए आवश्यक क़दम उठा रहा है, जो सभी को स्वीकार्य हो.

असम एनआरसी का एक साल: अंतिम सूची से बाहर रहे 19 लाख लोगों के साथ क्या हुआ

एनआरसी की अंतिम सूची के प्रकाशन के एक साल बाद भी इसमें शामिल नहीं हुए लोगों को आगे की कार्रवाई के लिए ज़रूरी रिजेक्शन स्लिप का इंतज़ार है. प्रक्रिया में हुई देरी के लिए तकनीकी गड़बड़ियों से लेकर कोरोना जैसे कई कारण दिए जा रहे हैं, लेकिन जानकारों की मानें तो वजह केवल यही नहीं है.

चीन की सेना द्वारा अपहृत पांच युवाओं का अब तक कोई पता नहीं: अरुणाचल प्रदेश पुलिस

बीते पांच सितंबर को अरुणाचल प्रदेश के ऊपरी सुबनसिरी ज़िले के जंगल में शिकार करने गए पांच लोगों को चीन की सेना द्वारा कथित तौर अपहृत किए जाने का मामला सामने आया था. केंद्रीय मंत्री किरण रिजीजू ने कहा है कि युवकों के कथित तौर पर अपहरण का मुद्दा चीनी सेना के समक्ष उठाया गया है और उनके जवाब का इंतजार है.

असम: लव जिहाद के आरोप में बंद धारावाहिक से हाईकोर्ट ने प्रतिबंध हटाया

असम के रेंगोनी चैनल पर प्रसारित होने वाले धारावाहिक ‘बेग़म जान’ पर लव जिहाद को बढ़ावा देने का आरोप लगाकर दो महीने का प्रतिबंध लगा दिया था. गुवाहाटी हाईकोर्ट ने कहा है कि दूसरे पक्ष को सुने बिना एकपक्षीय रूप से यह प्रतिबंध लगाया गया था.

अरुणाचल प्रदेश: चीनी सेना ने कथित रूप से पांच लोगों का अपहरण किया, जांच शुरू

घटना अरुणाचल प्रदेश के ऊपरी सुबनसिरी ज़िले के नाचो इलाके में हुई. परिवार ने प्रशासन से अपहृत लोगों को वापस लाने के लिए क़दम उठाने की मांग की है.

असम: तीन अलग स्वायत्त ज़िला परिषद बनाने के लिए विधेयक पारित

मार्च में बजट सत्र के आखिरी दिन मोरान स्वायत्त ज़िला परिषद विधेयक 2020, कामतापुर स्वायत्त ज़िला परिषद विधेयक 2020 और मतक स्वायत्त ज़िला परिषद विधेयक 2020 पेश किए गए थे, जिन्हें गुरुवार को पारित कर दिया गया.

असमः नाबालिग घरेलू सहायक पर गर्म पानी डालने का आरोप, मामला दर्ज

असम के डिब्रूगढ़ का मामला. बीते 29 अगस्त को डिब्रूगढ़ चाइल्ड वेलफेयर कमेटी और पुलिस की संयुक्त टीम ने नाबालिग बच्चे को बचाया. फ़िलहाल आरोपी डॉक्टर और उनकी शिक्षक पत्नी फ़रार हैं.

सौ दिन से हो रहे गैस रिसाव में लगी आग दो और महीने जारी रह सकती हैः असम सरकार

तिनसुकिया ज़िले के बाघजान में ऑयल इंडिया लिमिटेड के एक कुएं में 27 मई से शुरू हुए गैस रिसाव में हफ्ते भर बाद आग लग गई थी, जिसे अब तक बुझाया नहीं जा सका है. वाणिज्य और उद्योग मंत्री चंद्रमोहन पटवारी ने विधानसभा में कहा कि कनाडा से विशेषज्ञों को बुलाया गया है, जिन्हें आग बुझाने में दो और महीने लग सकते हैं.

कैग ने असम सरकार के वित्तीय हिसाब-किताब पर उठाए सवाल, खातों की ‘सत्यता’ पर संदेह जताया

असम के पूरे 108,490 करोड़ रुपये के बजट का विश्लेषण करते हुए कैग ने कहा कि बजट को लागू करने और उस पर निगरानी रखने के सरकार के प्रयास अपर्याप्त रहे. यह भी कहा गया है कि बिना उचित स्पष्टीकरण के अतिरिक्त अनुदान का आवंटन किया गया और बिना बजट प्रावधान के भारी-भरकम राशि ख़र्च की गई है.

असम: एनआरसी सूची आने के साल भर बाद भी दोबारा वेरिफिकेशन की मांग पर अड़ी राज्य सरकार

असम में भारतीयों की पहचान के लिए हुई एनआरसी की अंतिम सूची 31 अगस्त 2019 को प्रकाशित हुई थी, जिसमें 3.3 करोड़ आवेदकों में से 19 लाख से अधिक लोगों को जगह नहीं मिली थी. सत्तारूढ़ भाजपा और एनआरसी मूल याचिकाकर्ता तभी से इसे दोषपूर्ण मानते हुए दोबारा सत्यापन की मांग करते रहे हैं.

मेघालय में बीते चार महीने में 877 नवजात शिशुओं, 61 गर्भवती महिलाओं की मौत: अधिकारी

मेघालय के स्वास्थ्य सेवा निदेशक ने बताया कि स्वास्थ्य तंत्र के कोविड-19 महामारी से निपटने में लगे होने और चिकित्सा देखभाल की कमी के कारण बीते अप्रैल से जुलाई महीने के दौरान इन गर्भवती महिलाओं और नवजातों की मौत हुई है.

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