बीते 8 मई को राजस्थान में एक और मिग-21 लड़ाकू विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया था, जिसमें तीन लोगों की जान चली गई थी. इससे पहले 4 मई जम्मू कश्मीर के किश्तवाड़ में सेना के एक हेलीकॉप्टर के दुर्घटनाग्रस्त हो जाने से एक सैनिक की मौत हो गई थी और दो पायलट घायल हो गए थे. बीते छह महीने में हेलिकॉप्टर से यह चौथी बड़ी दुर्घटना थी.
केरल की महिलाओं के कथित तौर पर इस्लाम में परिवर्तित होने और आईएसआईएस में शामिल होने की कहानी दिखाने वाली फिल्म ‘द केरला स्टोरी’ का विपक्षी दलों द्वारा विरोध किया जा रहा है, जिस पर प्रतिक्रिया देते हुए केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा है कि फिल्म ने उस साज़िश का पर्दाफ़ाश किया है, जिसमें हिंदू और ईसाई लड़कियों को आतंकवाद में शामिल होने के लिए मजबूर किया गया था.
हरियाणा एमेच्योर कुश्ती संघ के अध्यक्ष ने इससे संबद्ध तीन ज़िला इकाइयों-झज्जर, हिसार और मेवात के सचिवों को निलंबित किया है. उन्होंने इन पदाधिकारियों पर दिल्ली में भारतीय कुश्ती महासंघ के ख़िलाफ़ पहलवानों के प्रदर्शन से कथित तौर पर जुड़े होने का आरोप लगाया गया है.
पहलवानों के हालिया आंदोलन में न केवल कुश्ती बल्कि भारतीय खेल संस्कृति के भविष्य को मोड़ने की ताक़त है. हालांकि, आंदोलन की क़रीबी पड़ताल करें तो एक तरफ़ ये आंदोलन राज्य की पितृसत्ता का विरोध कर रहा है, लेकिन साथ ही जातिगत पितृसत्ता के साथ खड़ा मिलता है.
सुप्रीम कोर्ट ने 2020 में विशेष तौर पर केंद्रीय जांच एजेंसियों के कार्यालय में सीसीटीवी कैमरे और रिकॉर्डिंग उपकरण लगाने के निर्देश दिए थे, ताकि अभियुक्तों और विचाराधीन कै़दियों के मानवाधिकारों की रक्षा हो और पारदर्शिता बनी रहे. लेकिन, केंद्र की सात जांच एजेंसी में से चार ने इस दिशा में कोई क़दम नहीं उठाया.
एक वेबिनार में पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त नसीम ज़ैदी ने कहा कि मतदाता बड़ी संख्या में वोट के लिए बाहर निकलते हैं, लेकिन उन्हें अच्छी पृष्ठभूमि वाले उम्मीदवार नहीं मिलते, इसलिए वोट नहीं देने के बजाय वे नोटा पर शिफ्ट हो गए. आने वाले चुनाव के बाद के विश्लेषण का यह विषय हो सकता है.
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यूट्यूबर मनीष कश्यप के ख़िलाफ़ तमिलनाडु में बिहार के श्रमिकों पर हमले के फ़र्ज़ी वीडियो प्रसारित करने के आरोप में एनएसए के तहत एफ़आईआर दर्ज की गई है. सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका के माध्यम से कश्यप ने तमिलनाडु और बिहार में दर्ज मामलों को एक साथ जोड़ने और बिहार ट्रांसफर करने का अनुरोध किया था.
मार्च महीने में मणिपुर हाईकोर्ट ने मेईतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति में शामिल करने के लिए राज्य सरकार को सिफ़ारिश करने का निर्देश दिया था. यह निर्णय विवाद के कारणों में से एक है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि किसी समुदाय को एससी/एसटी के रूप में नामित करने की शक्ति हाईकोर्ट के पास नहीं, राष्ट्रपति के पास होती है.
भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के ख़िलाफ़ प्रदर्शनरत पहलवानों को समर्थन देने संयुक्त किसान मोर्चा, भाकियू, खाप पंचायतों के नेताओं समेत सैकड़ों लोग जंतर-मंतर पहुंचे थे. पहलवानों को परामर्श देने के लिए गठित 31 सदस्यीय समिति ने बृजभूषण की गिरफ़्तारी के लिए 21 मई की समयसीमा देते हुए कहा है कि यदि ऐसा नहीं हुआ तो प्रदर्शनकारी 'अहम फैसला' लेंगे.
मणिपुर में जारी हिंसा के संबंध में पूर्वोत्तर भारत के राज्यों के विभिन्न महिला संगठनों ने एक संयुक्त बयान जारी कर कहा है कि मणिपुर और पूर्वोत्तर भारत के राज्यों में चल रहे विभिन्न संघर्षों का मूल कारण सदियों का उपनिवेशवाद, हाशिए पर रखा जाना, उपेक्षा, भेदभाव, सुशासन की कमी, सैन्यीकरण, शस्त्रीकरण और इस क्षेत्र का अंतरराष्ट्रीय संगठित अपराध के एक मार्ग के रूप में दुरुपयोग किया जाना है.
पीएम केयर्स फंड के रिकॉर्ड्स के अनुसार, वित्त वर्ष 2019-20 के दौरान फंड में 0.40 करोड़ रुपये विदेशी चंदा आया, इसके बाद 2020-21 में यह राशि 494.92 करोड़ रुपये हुई और 2021-22 में 40.12 करोड़ रुपये रही.
गुजरात कांग्रेस के प्रवक्ता हिरेन बैंकर ने कहा कि भाजपा के नेता केरल में महिलाओं के बारे में बात करते हैं, लेकिन प्रधानमंत्री और गृह मंत्री के गृह राज्य गुजरात में 40,000 से अधिक महिलाएं गायब हैं. राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़ों के अनुसार, साल 2016 में राज्य से 7,105, 2017 में 7,712, 2018 में 9,246 और 2019 में 9,268 महिलाएं लापता हुई हैं.
मणिपुर में पिछले कुछ दिनों से हिंसा जारी है, वहीं जम्मू कश्मीर में एक आतंकी हमले में पांच जवान शहीद हो गए हैं, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कर्नाटक के चुनाव प्रचार में व्यस्त हैं. इन दोनों घटनाओं पर उन्होंने अब तक न तो कोई बयान दिया, न ही अपने सोशल मीडिया एकाउंट पर इसके बारे में कोई चिंता प्रकट की है.
विशेष: भारतीय क्रिकेट टीम के ऑलराउंडर सलीम दुर्रानी की सरलता ऐसी थी कि आउट होने पर बिना अंपायर की तरफ देखे पवेलियन की तरफ़ चल देते थे. इसे लेकर कहा करते थे कि जब हमें पता लग गया है कि आउट हो गए हैं तो फिर किसी के फैसले का इंतज़ार क्यों करना.