हाल ही में अधिसूचित नए आईटी नियम कहते हैं कि गूगल, फेसबुक, ट्विटर आदि सोशल मीडिया कंपनियां सरकारी फैक्ट-चेक इकाई द्वारा ‘फ़र्ज़ी या भ्रामक’ बताई सामग्री हटाने के लिए बाध्य होंगी. सरकार ने इसके ख़िलाफ़ बॉम्बे हाईकोर्ट में दर्ज स्टैंड-अप कॉमेडियन कुणाल कामरा की याचिका ख़ारिज करने की मांग की है.
पंजाब के डेरा बस्सी में एक फेडरल मीट प्लांट में ग्रीस टैंक की सफाई के दौरान जहरीली गैस की चपेट में आने से एक नेपाली समेत चार मजदूरों की मौत हो गई. घटना की मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दिए हैं. पुलिस ने मीट फैक्ट्री के प्रबंधन के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया है. एक अन्य घटना में सीवर की सफाई के दौरान एक मजदूर की दम घुटने से मौत हो गई.
कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी के पति और कारोबारी रॉबर्ट वाड्रा के डीएलएफ के साथ हुए ज़मीन सौदे को लेकर भाजपा ने वाड्रा और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा पर धोखाधड़ी और भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे. अब पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में दाख़िल एक हलफ़नामे में सरकार ने कहा है कि सौदे में कोई गड़बड़ी नहीं मिली है.
पुलिस ने कहा कि आईआईटी मद्रास में पिछले तीन महीने के दौरान यह इस तरह की चौथी घटना है. 31 मार्च को यहां से पढ़ाई कर रहे एक पीएचडी छात्र ने, 14 मार्च को आंध्र प्रदेश के एक छात्र ने और 13 फरवरी को स्नातकोत्तर के एक छात्र ने कथित तौर पर आत्महत्या कर ली थी.
अक्टूबर 2021 में रिलायंस जनरल इंश्योरेंस की एक बीमा योजना को लेकर तत्कालीन राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने आरोप लगाया था कि जम्मू कश्मीर में इसे लाने के लिए आरएसएस नेता राम माधव ने कथित तौर पर उन पर दबाव बनाने का प्रयास किया था. उन्होंने कहा था कि उन्हें 300 करोड़ रुपये की रिश्वत देने की कोशिश की गई थी, लेकिन उन्होंने इसे रद्द कर दिया था.
गुजरात के गोधरा में 27 फरवरी, 2002 को अयोध्या से ‘कारसेवकों’ को लेकर लौट रही साबरमती एक्सप्रेस के एस-6 कोच में आग लगा देने के कारण 59 लोगों की मौत हो गई थी, जिसमें 1,200 से अधिक लोग मारे गए थे, जिनमें ज़्यादातर मुस्लिम समुदाय के थे.
अमेरिका के सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल ने बताया है कि चेन्नई की ग्लोबल फार्मा हेल्थकेयर द्वारा निर्मित ‘इज्रीकेयर आर्टिफिशियल टियर्स’ आई-ड्रॉप के चलते एक दवा-प्रतिरोधी जीवाणु का स्ट्रेन फैलने संबंधी 68 मामले 16 राज्यों में सामने आए हैं, जिनमें 3 लोगों की मौत हो चुकी है, 8 लोग आंखों की रोशनी खो चुके हैं.
द एनर्जी एंड रिसोर्सेस इंस्टिट्यूट के पूर्व कार्यकारी उपाध्यक्ष आरके पचौरी ने यह दावा करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट का रुख़ किया था कि मीडिया घरानों ने जान-बूझकर और तिरस्कारपूर्वक अदालत के पहले के आदेशों की अवहेलना की, जिसमें यौन उत्पीड़न के आरोपों से संबंधित उनके ख़िलाफ़ दावों को प्रकाशित करने से रोक दिया गया था.
सूचना और प्रसारण मंत्रालय के तहत नवंबर 2019 में प्रेस इंफॉर्मेशन ब्यूरो में एक फैक्ट-चेक इकाई बनाई थी, जिसे केंद्र से संबंधित फ़र्ज़ी ख़बरों के स्वत: संज्ञान के साथ नागरिकों द्वारा भेजे प्रश्नों के माध्यम से संज्ञान लेने का काम मिला था. इसे सही जानकारी के साथ इन सवालों का जवाब देने और सोशल मीडिया पर किसी भी ग़लत सूचना को चिह्नित करने का भी काम सौंपा गया है.
गुजरात में अहमदाबाद के नरोदा गाम में 28 फरवरी 2002 को सांप्रदायिक दंगे के दौरान 11 लोगों की हत्या कर दी गई थी. गुरुवार को इस मामले में आए अदालती फैसले में सभी आरोपियों को बरी कर दिया गया था. आरोपियों में गुजरात सरकार की पूर्व मंत्री माया कोडनानी और बजरंग दल के पूर्व नेता बाबू बजरंगी भी शामिल थे.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कल्याणकारी राज्य का यह कर्तव्य है कि वह प्रत्येक प्रवासी श्रमिक को राशन कार्ड मुहैया कराए. अदालत ने अधिकारियों को अपने आदेश को लागू करने के लिए तीन महीने का समय दिया और सुनवाई की अगली तारीख 3 अक्टूबर तक केंद्र से स्थिति रिपोर्ट मांगी है.
उत्तर प्रदेश के हाथरस शहर का मामला. बीते 19 अप्रैल को स्थानीय हिंदुत्ववादी नेता के नेतृत्व में छात्रों के अभिभावकों ने विरोध प्रदर्शन किया था. स्कूल प्रबंधन में हालांकि प्रिसिंपल को निलंबित कर दिया, लेकिन इन आरोपों से इनकार किया है.
जम्मू कश्मीर के पुंछ ज़िले में सेना के ट्रक पर हुआ आतंकी हमला. राष्ट्रीय राइफल्स के ये शहीद जवान आतंकवाद विरोधी अभियानों के लिए तैनात थे. 2019 के पुलवामा आत्मघाती बम विस्फोट के बाद से जम्मू कश्मीर में सुरक्षा बलों के चलते वाहन पर हुआ यह सबसे घातक हमला है.
सुप्रीम कोर्ट में समलैंगिक विवाहों को क़ानूनी मान्यता देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई चल रही है. इस दौरान विशेष विवाह अधिनियम 1954 के तहत सार्वजनिक आपत्ति आमंत्रित करने वाले 30 दिनी नोटिस पर हुई चर्चा के दौरान शीर्ष अदालत ने कहा कि यह अनिवार्य नोटिस ‘पितृसत्तात्मक’ है और ‘समाज के खुले हस्तक्षेप’ को बढ़ावा देता है.
गुजरात में अहमदाबाद के नरोदा गाम में 28 फरवरी 2002 को सांप्रदायिक दंगे के दौरान 11 लोगों की हत्या कर दी गई थी. इस मामले में 86 आरोपी बनाए गए थे, जिनमें गुजरात सरकार की पूर्व मंत्री माया कोडनानी और बजरंग दल के पूर्व नेता बाबू बजरंगी भी शामिल थे. नरोदा गाम में नरसंहार उस साल के नौ बड़े सांप्रदायिक दंगा मामलों में से एक था.