वीडियो: फेसबुक के नेताओं की हेट स्पीच संबंधी पोस्ट की अनदेखी के प्रसंग से यह बहस तेज़ हो गई है कि क्या जनतांत्रिकता और सामाजिकता के नाम पर वैश्विक स्तर पर ये प्लेटफॉर्म इन्हीं को नुकसान पहुंचा रहे हैं? इस बारे में मीडिया विश्लेषक विनीत कुमार और पत्रकार सिद्धार्थ से बात कर रहे हैं उर्मिलेश.
हाल ही में कुछ विदेशी पत्रकारों ने चिंता ज़ाहिर की थी कि कोरोना महामारी की शुरुआत में भारत में रहने वाले विदेशी पत्रकार अपने देश वापस लौट गए थे, इसके बाद से उन्हें भारत में प्रवेश की अनुमति नहीं मिल रही है.
यूपी पुलिस द्वारा दूसरी बार प्रशांत कनौजिया को गिरफ़्तार किया गया है. उन पर हिंदू आर्मी के नेता की पोस्ट से छेड़छाड़ कर प्रसारित करने के आरोप में आईपीसी की नौ धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है, जिनमें अधिकतम सात साल तक क़ैद की सज़ा दी जा सकती है.
वीडियो: कोरोना वायरस, बाढ़ की विभीषिका, बेकारी-बेहाली के दौर में भी मीडिया, खासकर न्यूज़ चैनल अभिनेता सुशांत सिंह प्रकरण में बड़े मसलों से ध्यान हटाने और एक तरह का ‘मीडिया ट्रायल’ चलाते नज़र आ रहे हैं. कुछ चैनल प्रोफेसरों-लेखकों को फंसाने में क्यों जुटे हैं? मीडिया बोल के नए एपिसोड में इन्हीं मुद्दों पर चर्चा.
आरोप है कि उत्तर-पूर्वी दिल्ली में सांप्रदायिक तनाव से जुड़ी एक घटना कवर करने गए कारवां पत्रिका के तीन पत्रकारों पर भीड़ द्वारा हमला किया गया. उनसे मारपीट करने के साथ उन पर सांप्रदायिक टिप्पणियां की गईं और महिला पत्रकार का यौन उत्पीड़न किया गया. तीनों पत्रकारों ने इस संबंध में दिल्ली पुलिस से शिकायत की है, लेकिन पुलिस ने अब तक एफ़आईआर दर्ज नहीं की है.
लोकप्रिय टेबलॉयड ‘एप्पल डेली’ के मालिक जिम्मी लाय हांगकांग में लोकतंत्र के समर्थन में आवाज़ उठाने वाली प्रमुख हस्ती हैं और लगातार चीन के निरंकुश शासन की आलोचना करते रहे हैं.
अप्रैल में बांद्रा स्टेशन पर लॉकडाउन में ट्रेन बहाल होने की अफवाह पर कामगारों की भीड़ जुट गई थी. इस बारे में एक टीवी पत्रकार पर कथित ग़लत जानकारी देने का मामला दर्ज किया गया था. पुलिस ने इस बारे में अपनी क्लोज़र रिपोर्ट में कहा है कि पत्रकार की रिपोर्ट ग़लत नहीं थी, पर देखने वालों ने इसे ग़लत संदर्भ में लिया.
वीडियो: जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा छिनने और उसके विभाजन को एक साल पूरा हो गया. इस एक वर्ष में वहां के लोगों, समाज, सियासत और मीडिया का सफ़र कैसा रहा, इस बारे ने जम्मू कश्मीर के पूर्व वार्ताकार एमएम अंसार और कश्मीर टाइम्स की संपादक अनुराधा भसीन से वरिष्ठ पत्रकार उर्मिलेश की बातचीत.
वीडियो: कोविड-19 महामारी के दौर में देश के आम लोग बेहाल हैं, पर मीडिया के बड़े हिस्से, ख़ासकर टीवी चैनलों के लिए इन दिनों बड़े मसले हैं- अयोध्या में राम मंदिर का भूमि पूजन, रफाल का भारत आना, सरहदी तनाव या एक अभिनेता की दुर्भाग्यपूर्ण आत्महत्या से जुड़े मामले. इस बारे में वरिष्ठ पत्रकार उर्मिलेश का नज़रिया.
वीडियो: पिछले दिनों पर्यावरण के मसलों को उठाने वाली तीन वेबसाइटों के संचालन को किसी तरह की सूचना दिए बिना बंद कर दिया गया. इसी तरह हरियाणा के कई ज़िलों में एपिडेमिक एक्ट का सहारा लेकर कुछ पत्रकारों या सामाजिक संस्थाओं के सोशल मीडिया मंचों पर पाबंदी लगा दी गई है.
मध्य प्रदेश के निवाड़ी ज़िले के पुतरीखेरा गांव का मामला. पुलिस ने हत्या की वजह ज़मीन का विवाद बताया है. 21 जुलाई को उत्तर प्रदेश के ग़ाज़ियाबाद में भी एक पत्रकार की गोली मारकर हत्या कर दी थी.
पत्रकार विक्रम जोशी ने कुछ दिन पहले ही अपनी भतीजी से छेड़छाड़ किए जाने की शिकायत पुलिस में दर्ज कराई थी. इस संबंध में अब तक नौ लोगों को गिरफ़्तार किया गया है.
पत्रकार विक्रम जोशी ने कुछ दिन पहले ही अपनी भतीजी के उत्पीड़न के बारे में पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी. परिजनों का आरोप है कि इन्हीं लोगों ने सोमवार देर रात उन पर हमला किया है.
हिमाचल प्रदेश के एक भाजपा नेता ने विनोद दुआ पर एक शो के माध्यम से फ़र्ज़ी सूचनाएं फैलाने और प्रधानमंत्री के ख़िलाफ़ अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया है. दुआ के ख़िलाफ़ राजद्रोह, मानहानिकारक सामग्री प्रकाशित करने जैसे आरोपों में केस दर्ज किया गया है.
कोविड संक्रमण के ख़तरे के बीच भी देशभर के मीडियाकर्मी लगातार काम कर रहे हैं, लेकिन मीडिया संस्थानों की संवेदनहीनता का आलम यह है कि जोखिम उठाकर काम रहे इन पत्रकारों को किसी तरह का बीमा या आर्थिक सुरक्षा देना तो दूर, उन्हें बिना कारण बताए नौकरी से निकाला जा रहा है.