दिल्ली आबकारी नीति मामले में मनीष सिसोदिया को सुप्रीम कोर्ट ने ज़मानत दी

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को दिल्ली आबकारी नीति मामले से जुड़े मामलों में नियमित ज़मानत दी है. सिसोदिया को फरवरी 2023 में सीबीआई द्वारा गिरफ़्तार करने के एक महीने बाद ईडी ने भी गिरफ़्तार किया था.

शेख़ हसीना ने जो चुनावी बूथ पर नहीं होने दिया, वह सड़क पर होकर रहा

शेख़ हसीना के ख़िलाफ़ हुआ विद्रोह अपनी तार्किक परिणति पर तब तभी पहुंच सकता है जब वह छात्रों को सुनेगा: यह आंदोलन एक ऐसा समाज बनाने का आंदोलन है जिसमें किसी भी प्रकार का भेदभाव न होगा.

विनेश के ओलंपिक से बाहर होने पर खेल मंत्री ने संसद में उन्हें दी गई वित्तीय सहायता गिनाई

भारतीय महिला पहलवान विनेश फोगाट को पेरिस ओलंपिक से अयोग्य घोषित किए जाने के कुछ ही घंटों बाद केंद्रीय खेल मंत्री मनसुख मंडाविया ने लोकसभा में अपने भाषण में गिनाया कि ओलंपिक की तैयारी के लिए भारत सरकार ने उन्हें कितनी वित्तीय सहायता प्रदान की. इसके विरोध में विपक्ष ने सदन से वॉकआउट कर लिया.

‘मैं यहां नौकरी करने नहीं आया’… योगी आदित्यनाथ किससे और क्या कहना क्या चाहते हैं?

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बीते हफ्ते विधानसभा में कहते नज़र आए कि 'मैं यहां नौकरी करने नहीं आया हूं... मुझे इससे ज्यादा प्रतिष्ठा अपने मठ में मिल जाती है.' सवाल उठता है कि क्या उनकी निगाह में मुख्यमंत्री पद गोरक्षपीठाधीश्वर के पद से कम प्रतिष्ठित है?

केंद्र की वक़्फ़ अधिनियम में संशोधन की तैयारी, बोर्ड में ग़ैर-मुस्लिमों को शामिल करने का प्रस्ताव

केंद्र सरकार वक़्फ़ अधिनियम, 1995 में संशोधन के लिए संसद में एक विधेयक पेश करने की तैयारी में है, जिसमें किसी संपत्ति के वक़्फ़ संपत्ति होने का निर्णय लेने की बोर्ड की शक्तियों से संबंधित धारा 40 को हटा दिया गया है.

2019 से ईडी ने नेताओं के ख़िलाफ़ 132 मनी लॉन्ड्रिंग मामले दर्ज किए, केवल एक में दोषसिद्धि

केंद्र सरकार ने संसद में बताया कि 2019 से वर्तमान और पूर्व सांसदों, विधायकों, एमएलसी और राजनेताओं के ख़िलाफ़ मनी लॉन्ड्रिंग निवारण अधिनियम के तहत दर्ज की गईं कुल 132 ईसीआईआर में से केवल 5 मामलों में सुनवाई पूरी हुई है, जबकि एक केस में दोषसिद्धि हुई है.

विपक्षी सांसदों ने केंद्र से स्वास्थ्य और जीवन बीमा प्रीमियम पर 18% जीएसटी वापस लेने की मांग की

'इंडिया' गठबंधन के विपक्षी सांसदों ने संसद के मकर द्वार पर बैनर और पोस्टर के साथ विरोध प्रदर्शन किया और 'मेडिकल इंश्योरेंस जीएसटी वापस लो' के नारे लगाए.

कश्मीर की तलाश में: तीसरी क़िस्त

अगस्त 2019 में दावे किए जा रहे थे कि बहुत जल्द पंडित लौटकर कश्मीर आ जाएंगे, बाकी हिंदुस्तानी भी पहलगाम और सोनमर्ग में ज़मीन ख़रीद सकेंगे. लेकिन हालात ऐसे बिगड़े कि घाटी में बचे रह गए पंडित भी अपना घर छोड़कर जाना चाह रहे हैं.

जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव अगले सितंबर माह में होंगे- केंद्रीय मंत्री जी. किशन रेड्डी

बीते साल 2023 में सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने अपने फैसले में निर्देश दिया था कि केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर का राज्य का दर्जा जल्द से जल्द बहाल किया जाए और निर्वाचन आयोग 30 सितंबर, 2024 तक वहां विधानसभा चुनाव कराने के लिए कदम उठाए.

जम्मू कश्मीर में लोकतंत्र और लोगों के पास अन्य भारतीयों के समान अधिकार नहीं हैं: श्रीनगर सांसद

श्रीनगर के सांसद आगा सैयद रूहुल्लाह मेहदी ने सोमवार को लोकसभा में बजट पर चर्चा के दौरान कहा कि बजट बनाना लोकतंत्र का हिस्सा है, लेकिन इस समय हमारे पास लोकतंत्र नहीं है.

कश्मीर की तलाश में: दूसरी क़िस्त

कश्मीर में इस वक्त दो भावनाएं साथ बहती हैं: गहरा आक्रोश व अपमान, और घनघोर निराशा कि यह स्थिति अपरिवर्तनीय है. न पाकिस्तान आज़ादी दिला सकता है, न केंद्र की कोई आगामी सरकार 5 अगस्त से पहले की स्थिति बहाल कर पाएगी.

जम्मू कश्मीर: अनुच्छेद 370 हटाए जाने की पांचवीं वर्षगांठ पर कश्मीरी नेताओं को किया नज़रबंद

भारतीय जनता पार्टी की स्थानीय इकाई के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने श्रीनगर में जश्न मनाते हुए एक जुलूस निकाला और कहा कि कश्मीर को 5 अगस्त को आज़ादी मिली थी.

दिल्ली: नगर निगम में ‘एल्डरमैन’ नियुक्ति के उपराज्यपाल के अधिकार को सुप्रीम कोर्ट ने बरक़रार रखा

दिल्ली नगर निगम में 250 निर्वाचित और 10 नामांकित सदस्य होते हैं. शीर्ष अदालत ने पिछले साल इसी मामले में सुनवाई के दौरान कहा था कि उपराज्यपाल को 'एल्डरमैन' को नामित करने की शक्ति देने का मतलब होगा कि वह एक निर्वाचित नागरिक निकाय को अस्थिर कर सकते हैं.

कश्मीर के होंठ सिल दिए गए हैं और उसकी छाती पर भारतीय राज्य का बूट है

5 अगस्त, 2019 के बाद का कश्मीर भारत के लिए आईना है. उसके बाद भारत का तेज़ गति से कश्मीरीकरण हुआ है. नागरिकों के अधिकारों का अपहरण, राज्यपालों का उपद्रव, संघीय सरकार की मनमानी.

कश्मीर की तलाश में: पहली क़िस्त

कश्मीर पर हो रही बहस से कश्मीरवासी अनुपस्थित है. उसके बग़ैर उसकी भूमि की नियति निर्धारित हो रही है. इस विडंबना के सहारे आप झेलम के पानी में उतर सकते हैं- यह नदी दोनों समुदायों की गर्भनाल से बंधी स्मृतियों और कसमसाती डोर में बंधी पीड़ाओं को लिए बहती है.

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