2008 में हुए आतंकवादी हमले में मारे गए महाराष्ट्र एटीएस प्रमुख हेमंत करकरे पर टिप्पणी करते हुए भोपाल से भाजपा उम्मीदवार साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने कहा कि जब मैं वहां गई तो इसके सूतक लग गया, सवा महीने बाद जब इसे आतंकवादियों ने मारा, तब उसका अंत हुआ.
राज्य में सत्तारूढ़ कांग्रेस और विपक्षी भाजपा दोनों ही लोकसभा चुनावों में अच्छे प्रदर्शन के बढ़-चढ़कर दावे कर रहे हैं. कांग्रेस 20 से अधिक सीटों पर तो भाजपा सभी 29 सीटों पर जीत मिलने का दावा कर रही है, लेकिन दोनों के दावे हक़ीक़त से कोसों दूर हैं.
भाजपा ने शिकायत दर्ज कराई थी. इस विज्ञापन में ‘चौकीदार’ के ख़िलाफ़ आपत्तिजनक भाषा का प्रयोग किया गया है और यहां ‘चौकीदार’ से आशय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से है.
चुनावी बातें: देश की राजनीति में एक समय ऐसा भी था जब सादगी हमारे नेताओं के बीच एक स्थापित परंपरा हुआ करती थी.
बसपा सुप्रीमो मायावती ने चंद्रशेखर को भाजपा का एजेंट बताया था. भीम आर्मी के संस्थापक चंद्रशेखर ने कहा कि भाजपा को हराने के लिए दलित वोट संगठित रहना चाहिए और उनका संगठन सपा-बसपा गठबंधन का समर्थन करेगा.
लोग कह रहे हैं कि इस चुनाव में भाजपा का भरोसा छूट रहा है, उसने साध्वी को लाकर ब्रह्मास्त्र चलाया है. यह परीक्षा वास्तव में भाजपा की नहीं है, यह हिंदुओं का इम्तिहान है. क्या वे धर्म के इस अर्थ को स्वीकार करने को तैयार हैं?
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार झंझरपुर लोकसभा सीट पर अपनी पार्टी के प्रत्याशी के लिए वोट मांग रहे थे जहां पर 23 अप्रैल को चुनाव है.
लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण में चुनाव वाली 95 सीटों पर 15.8 करोड़ मतदाता कुल 1635 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला करेंगे. इसमें उत्तर प्रदेश की आगरा, मथुरा, नगीना, अमरोहा, बुलंदशहर, अलीगढ़, हाथरस और फतेहपुर सीकरी की आठ सीटें शामिल हैं.
बिहार में ‘सन ऑफ मल्लाह’ के नाम से मशहूर मुकेश साहनी की विकासशील इंसान पार्टी साल 2014 के लोकसभा चुनाव में एनडीए के साथ थी. इस बार मुकेश साहनी महागठबंधन का हिस्सा हैं.
चुनाव आयोग का संवैधानिक दायित्व केवल आदर्श आचार संहिता ही नहीं बल्कि जनप्रतिनिधि क़ानून को भी बरक़रार रखना है, जिसके तहत प्रधानमंत्री सहित विभिन्न भाजपा नेताओं के नफ़रत भरे भाषण अपराध की श्रेणी में आते हैं.
झारखंड की सभी 14 लोकसभा सीटों के लिए महागठबंधन में शामिल कांग्रेस, झारखंड मुक्ति मोर्चा, झारखंड विकास मोर्चा और राजद ने किसी भी अल्पसंख्यक चेहरे को चुनाव मैदान में नहीं उतारा है.
महाराष्ट्र के मालेगांव में साल 2008 में हुए बम विस्फोट में साध्वी प्रज्ञा ठाकुर एक आरोपी हैं. वह फिलहाल ज़मानत पर बाहर हैं.
वेल्लोर सीट से डीएमके उम्मीदवार के कार्यालय से कथित रूप से भारी मात्रा में नकदी बरामद होने के बाद मामला दर्ज हुआ, जिसके बाद राष्ट्रपति की मंज़ूरी से यहां चुनाव पर रोक लगा दी गई, वहीं त्रिपुरा में ख़राब क़ानून व्यवस्था का हवाला देते हुए मतदान टाला गया है. दोनों सीटों पर 18 अप्रैल को वोटिंग होनी थी.
कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू ने एक संप्रदाय विशेष को लेकर विवादित बयान दिया था, जबकि हिमाचल प्रदेश के भाजपा अध्यक्ष सतपाल सिंह सत्ती ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के लिए अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल किया था.
रिपोर्ट में बताया गया है कि नौकरी खोने वाले इन 50 लाख लोगों में शहरी और ग्रामीण इलाकों के कम शिक्षित पुरुषों की संख्या अधिक है. पुरूषों की तुलना में महिला इससे अधिक प्रभावित हैं.