लॉकडाउन: सुप्रीम कोर्ट ने पलायन कर रहे मज़दूरों की दिक्कतों पर केंद्र और राज्यों से मांगा जवाब

देश के विभिन्न हिस्सों में लॉकडाउन में फंसे प्रवासी कामगारों की स्थिति पर स्वतः संज्ञान लेते हुए शीर्ष अदालत ने कहा कि अख़बार और मीडिया रिपोर्ट लगातार लंबी दूरी तक पैदल और साइकिल से जा रहे मज़दूरों की दयनीय स्थिति दिखा रही हैं. अगली सुनवाई तक केंद्र बताए कि इसके लिए उसने क्या क़दम उठाए हैं.

क्या सुप्रीम कोर्ट अनुसूचित जनजातियों को मिले अधिकारों को बोझ समझता है?

बीते महीने चेबरोलू लीला प्रसाद और अन्य बनाम आंध्र प्रदेश राज्य मामले में सुप्रीम कोर्ट की पांच सदस्यीय पीठ का फैसला एक बार फिर यह दिखाता है कि भारतीय संविधान की पांचवीं अनुसूची, जिस पर आदिवासी अधिकारों की रक्षा करने का दायित्व है, को कितना कम समझा गया है.

लॉकडाउन के दौरान भूख शहरी ग़रीबों की सबसे बड़ी दुश्मन बनकर उभरी है

बीते दो महीनों में दिल्ली में हज़ारों लोगों के बीच खाना और राशन पहुंचाते हुए देखा कि हम भूख के अभूतपूर्व संकट से गुजर रहे हैं. सैकड़ों लोग बेबसी और अनिश्चितता के अंधेरे में जी रहे हैं, उन्हें नहीं पता कि अगला निवाला उन्हें कब और किसके रहमोकरम पर मिलने वाला है.

हॉकी के महानतम खिलाड़ियों में से एक बलबीर सिंह सीनियर का निधन

महानतम एथलीटों में से एक बलबीर सिंह सीनियर आधुनिक ओलंपिक इतिहास के 16 महानतम ओलंपियनों में शामिल थे. उन्होंने लंदन (1948), हेलसिंकी (1952) और मेलबर्न ओलंपिक (1956) में स्वर्ण पदक जीते थे. किसी ओलंपिक फाइनल में सबसे ज्यादा गोल करने का उनका रिकॉर्ड आज भी कायम है.

लॉकडाउन: क्या ऑनलाइन स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म सिनेमाघरों के लिए चुनौती बनकर उभर रहे हैं?

कोरोना वायरस के मद्देनज़र लागू लॉकडाउन के बीच अमिताभ बच्चन और आयुष्मान खुराना की फिल्म ‘गुलाबो सिताबो’ सिनेमाघरों की बजाय सीधे ऑनलाइन स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म पर रिलीज़ हो रही है. कुछ और फिल्में हैं, जो अब सीधे इन्हीं प्लेटफॉर्म्स पर रिलीज़ होने वाली हैं. ऐसे में बंदी के दौर से गुज़र रहे सिनेमाघरों के सामने ऑनलाइन स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म्स ने नया संकट खड़ा कर दिया है.

पंजाब: नाबालिग बेटी के बलात्कार का प्रयास करने वाले शख़्स की पत्नी ने की हत्या

घटना लुधियाना के माधोपुरी इलाके की है, जहां एक व्यक्ति ने नशे में अपनी नाबालिग बेटी से बलात्कार का प्रयास किया था, जिसके बाद उसकी पत्नी ने बेटे के साथ मिलकर ये क़दम उठाया. 2014 में यह व्यक्ति अपनी एक और बेटी से रेप की कोशिश के आरोप में जेल जा चुका था. उस बेटी ने कुछ समय बाद आत्महत्या कर ली थी.

राजस्थान: खनन क्षेत्र के लाखों मज़दूर भुगत रहे हैं लॉकडाउन का ख़ामियाजा

कोरोना संक्रमण के मद्देनज़र हुए लॉकडाउन के बाद राजस्थान में खानें भी बंद हो गई थीं. अप्रैल से राज्य सरकार ने खनन कार्य की अनुमति दी थी, लेकिन अधिकतर मज़दूर घर लौट गए हैं या फिर उनके पास खान तक पहुंचने का साधन नहीं है.

लॉकडाउन: घोषणाओं से दिल भले बहल जाएं, पेट कैसे भरेंगे

मज़दूरों के नाम पर हो रही बड़ी-बड़ी घोषणाओं के बीच यह स्पष्ट दिख रहा है कि सरकार और समाज के पास न तो उनके लिए सरोकार है, न सम्मान की भाषा और व्यवहार. न ही वह गरिमा और आंख का पानी बचा है, जिसके साथ एक मनुष्य दूसरे को मनुष्य समझते हुए देखता है.

क्या सरकार मान चुकी है कि उसका काम सिर्फ़ घोषणा करना है, तर्क ढूंढना जनता की ज़िम्मेदारी है?

आज सबसे बड़ा प्रश्न यह है कि क्या किसी चीज़ का कोई तर्क बचा है? क्या यह इसलिए है कि सरकार निश्चिंत है कि उसके फैसलों की तर्कहीनता की हिमाकत पर उसकी जनता मर मिटने को तैयार बैठी है?

दुनिया की सैर पर निकला था फ्रेंच परिवार, लॉकडाउन के चलते यूपी के एक गांव में दो महीने से फंसा है

दुनिया घूमने निकला फ्रांस का एक परिवार मार्च में भारत के रास्ते नेपाल जा रहा था, जब दोनों ही देशों में कोरोना संक्रमण के चलते हुए लॉकडाउन के कारण वे भारत की सीमा में ही रह गया. बीते दो महीने से वे लोग महराजगंज ज़िले के अचलगढ़ गांव में रह रहे हैं.

‘वे जल्द से जल्द लौटना चाहते थे कि बच्चों को देख सकें, पर ऐसे आएंगे ये नहीं सोचा था’

बिहार के पूर्वी चंपारण ज़िले के एक गांव के रहने वाले सगीर अंसारी दिल्ली में सिलाई का काम करते थे. लॉकडाउन के दौरान काम न होने और जमापूंजी ख़त्म हो जाने के बाद वे अपने भाई और कुछ साथियों के साथ साइकिल से घर की ओर निकले थे, जब लखनऊ में एक गाड़ी ने उन्हें टक्कर मार दी, जिसके बाद उनकी मौत हो गई.

बिहार: दुरुस्त स्वास्थ्य सेवा के सरकारी दावों के बीच समय पर एम्बुलेंस न मिलने से वृद्धा की मौत

घटना पूर्वी चंपारण ज़िले की है. ग्रामीणों का कहना है कि एक साठ वर्षीय महिला के अचानक बेहोश हो जाने पर पांच घंटों तक लगातार फोन करने और अधिकारियों का चक्कर लगाने के बावजूद जिला मुख्यालय से मात्र 2 किलोमीटर दूर उनके गांव में एम्बुलेंस नहीं पहुंची. कुछ घंटों बाद महिला ने दम तोड़ दिया.

लॉकडाउन: घर लौट रहे प्रवासियों के बच्चों की मुश्किलें; कोई भूख से तड़प रहा, कोई धूप से परेशान

कोरोना वायरस के कारण देशभर में लागू लॉकडाउन के दौरान आजीविका खोने के बाद दूसरे राज्यों में फंसे मज़दूर अपने घर वापस लौटने के लिए हर दिन जद्दोजहद कर रहे हैं.

पिता को साइकिल पर लेकर गुड़गांव से दरभंगा पहुंची ज्योति का ट्रायल लेगा साइकिलिंग फेडरेशन

15 साल की ज्योति कुमारी लॉकडाउन के बीच दस दिनों में क़रीब 1,200 किलोमीटर तक साइकिल चलाकर गुड़गांव से बिहार के दरभंगा में अपने गांव पहुंची थीं. साइकिलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष का कहना है कि यह मामूली बात नहीं है. अगर ज्योति चाहें तो साइकिलिंग का ट्रायल देकर ट्रेनिंग ले सकती हैं.

दिल्ली: एलएनजेपी अस्पताल ने डॉक्टरों से कहा- होटल छोड़ें या ख़ुद ख़र्च उठाएं

दिल्ली सरकार द्वारा कोविड-19 अस्पतालों में तैनात स्वास्थ्यकर्मियों को परिजनों में कोरोना संक्रमण फैलने के डर से होटल और धर्मशालाओं में क्वारंटीन के लिए रखा गया था. पिछले हफ़्ते आरएमएल अस्पताल के डॉक्टरों को फौरन होटल खाली करने का आदेश मिला था और ऐसा न करने पर वेतन कटौती की बात कही गई थी.

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