नागरिक होने का अर्थ केवल ज़िंदा रहना और वोट डालना भर रह गया है

देश में चुनाव हो रहे हैं और लोकतांत्रिक अधिकारों को लेकर चिंताएं गहराती जा रही हैं. लोग बदहाल ज़िंदगियां जी रहे हैं, बीमारी, भूख, अत्याचार, दुर्घटना और हिंसक हमलों में मारे जा रहे हैं. अपमानित किए जा रहे हैं. उनके अधिकार दिन-ब-दिन कमज़ोर किए जा रहे हैं.

बुलंदशहर हिंसा से पहले बजरंग दल संयोजक और आरोपियों के बीच हुई थी फोन पर बात: विशेष जांच दल

एसआईटी द्वारा दायर चार्जशीट में कहा गया है कि हिंसा के मुख्य आरोपी सचिन ने तीन दिसंबर की सुबह बजरंग दल के संयोजक योगेश को महाव में हुई कथित गोहत्या की जानकारी दी, जिसके बाद योगेश ने उसे गो अवशेष और अपने समर्थकों के साथ घटनास्थल पर एकत्र होने को कहा.

चीफ जस्टिस पर सुप्रीम कोर्ट की पूर्व कर्मचारी ने लगाए यौन उत्पीड़न और प्रताड़ना के आरोप

सुप्रीम कोर्ट के 22 जजों को भेजे गए हलफनामे में सुप्रीम कोर्ट की पूर्व जूनियर कोर्ट असिस्टेंट ने आरोप लगाया है कि अक्टूबर 2018 में मुख्य न्यायाधीश जस्टिस रंजन गोगोई ने अपने घर पर बने ऑफिस में उसके साथ बदसलूकी की थी, जिसका विरोध करने के बाद उन्हें और उनके परिवार को प्रताड़ित किया जा रहा है. सुप्रीम कोर्ट के सेक्रेटरी जनरल का आरोपों से इनकार.

नोटबंदी के बाद से देश में 50 लाख लोगों की नौकरियां गईंः रिपोर्ट

रिपोर्ट में बताया गया है कि नौकरी खोने वाले इन 50 लाख लोगों में शहरी और ग्रामीण इलाकों के कम शिक्षित पुरुषों की संख्या अधिक है. पुरूषों की तुलना में महिला इससे अधिक प्रभावित हैं.

बिहारः जेल में महिला कैदियों के यौन शोषण के आरोप के बाद जांच समिति का गठन

बिहार के मुज़फ़्फ़रपुर के केंद्रीय कारावास में सज़ा काट चुकी एक महिला ने बीते दिनों प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में कहा कि जेल में महिला बंदियों को शारीरिक संबंध बनाने के लिए मजबूर किया जाता है और ऐसा न करने पर उनकी बेरहमी से पिटाई की जाती है.

नमाज़ के लिए मस्जिदों में मुस्लिम महिलाओं के प्रवेश की याचिका पर केंद्र सरकार को नोटिस

पुणे के एक दंपति द्वारा शीर्ष अदालत में दायर याचिका में महिलाओं को मस्जिद में नमाज़ पढ़ने की इजाज़त देने और उनके प्रवेश पर पाबंदी को ग़ैर-क़ानूनी और असंवैधानिक घोषित करने का अनुरोध किया गया है.

सरकारी स्कूल फेल नहीं हुए, इन्हें चलाने वाली सरकारें फेल हुई हैं

सरकारी स्कूलों को बहुत ही प्रायोजित तरीके से निशाना बनाया गया है. प्राइवेट स्कूलों की समर्थक लॉबी की तरफ से बहुत ही आक्रामक ढंग से इस बात का दुष्प्रचार किया गया है कि सरकारी स्कूलों से बेहतर निजी स्कूल होते हैं और सरकारी स्कूलों में सुधार की कोई गुंजाइश नहीं बची है.

झारखंडः गोहत्या के शक़ में भीड़ के हमले में घायल तीनों आदिवासियों के ख़िलाफ़ केस दर्ज

झारखंड के गुमला ज़िले में गोहत्या के संदेह में भीड़ ने आदिवासियों पर हमला कर दिया था. इससे एक व्यक्ति की मौत हो गयी थी और तीन लोग घायल हो गए थे.

भारतीय लोकतंत्र ने बहुत-सारी अलोकतांत्रिक शक्तियों को भी जन्म दिया है

पुस्तक समीक्षा: अपनी किताब ‘बदलता गांव बदलता देहात: नयी सामाजिकता का उदय’ में सत्येंद्र कुमार ग्रामीण भारतीय जीवन को देखने की बनी-बनाई समझ और उससे पैदा हुई बहसों से परे जाकर उसे उसके रोज़मर्रा के जीवन में समझने की कोशिश करते हैं.

क्या मोदी सरकार वाकई उर्दू का भला चाहती है?

मानव संसाधन और विकास मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले राष्ट्रीय उर्दू भाषा विकास परिषद ने उर्दू के प्रमोशन के लिए बॉलीवुड के कलाकारों से प्रचार करवाने की बात कही. हालांकि बजट से मालामाल परिषद पर अक्सर यह इल्ज़ाम लगता रहा है कि हाल के सालों में इसने उर्दू भाषा के विकास में कोई अहम रोल अदा नहीं किया.

निजी छात्रावासों व पीजी आवासों पर पुलिस निगरानी की ज़रूरत: दिल्ली हाईकोर्ट

दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि पुलिस का कर्तव्य है कि वह अपने क्षेत्रों पर नज़र रखे ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि महिलाओं या लड़कियों को बंधक बनाकर नहीं रखा गया है जैसा कि रोहिणी के एक आश्रम में हुआ था.

संविधान अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की बात करता है, उसे दांव पर नहीं लगाया जा सकता: मानव कौल

वीडियो: अभिनेता, लेखक और नाटककार मानव कौल और ‘अल्बर्ट पिंटो को गुस्सा क्यों आता है’ फिल्म के निर्देशक सौमित्र रानाडे से प्रशांत वर्मा की बातचीत.

आदिवासी और वन निवासियों को जंगलों से बेदख़ल करना उनका संहार करने जैसा है

वन अधिकार क़ानून 2006 के तहत ख़ारिज दावा-पत्रों के आधार पर सुप्रीम कोर्ट ने आदिवासियों को जंगल से बेदख़ल करने का आदेश दिया था, जिस पर बाद में रोक लगा दी गई. पर दावा-पत्र खारिज क्यों हुए? केंद्र सरकार ने अदालत से कहा कि दावा-पत्र सही से नहीं भरे गए, जबकि हक़ीक़त यह है कि सरकारों की मिलीभगत से इन्हें ख़ारिज किया गया है ताकि जंगलों में खनिज संपदा के दोहन के लिए लीज़ देने में किसी तरह की परेशानी

साल 2018 में दो लाख लोगों को ज़बरदस्ती उनके घरों से बेदख़ल किया गया: रिपोर्ट

एक अध्ययन के अनुसार साल 2018 में हर दिन 554 और हर घंटे 23 लोगों को बेदखली का सामना करना पड़ा. इसके अलावा करीब एक करोड़ 10 लाख लोग बेदखली और विस्थापन के खतरे का सामना कर रहे हैं.

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