मैंने आज़ादी के बाद जैसा हिंदुस्तान देखा था, उसी हिंदुस्तान में मरना चाहता हूं: मुनव्वर राना

जन्मदिन विशेष: इस सियासी उथल-पुथल में एक बुजुर्ग की हैसियत से मुझे ख़ौफ़ लगता है कि कहीं हिंदुस्तान में ज़बान, तहज़ीब और मज़हब के आधार पर कई हिंदुस्तान बन जाएं. यह बहुत अफ़सोसनाक होगा.

‘भारतीय मुसलमान अपने वतन से प्यार करता है, जो इस पर सवाल उठाते हैं, वे देशद्रोही हैं’

जन्मदिन विशेष: इस मुल्क़ में 25 करोड़ मुसलमान हैं, इनको आप कहां फेंकेंगे? ज़मीन में बोएंगे तो ज़मीन छोटी पड़ जाएगी. हल यही है कि इनको अपने सीने से लगाइए.

‘एक फिल्म ने ऐसे बादशाह की छवि बिगाड़ दी जिसने मंगोलों से हिंदुस्तान की हिफ़ाज़त की थी’

'इतिहास के ज्ञान के नाम पर जहालत इतनी है कि फिल्मों को ही इतिहास मान लिया जाता है. हमें यह समझना होगा कि फिल्म इतिहास नहीं है.'

अदालत की अवमानना के लिए आईएफएफआई पर मुक़दमा दायर करेंगे: एस दुर्गा के निर्देशक

एस दुर्गा के निर्देशक सनल कुमार शशिधरन ने कहा कि अगर कोर्ट के आदेश के बावजूद फिल्म को समारोह में नहीं दिखाया जा रहा, तो यह हमारी नहीं, बल्कि एक देश और व्यवस्था की विफलता है.

गांधी के चंपारण सत्याग्रह के शताब्दी वर्ष तक भारत किसानों का क़ब्रगाह बन गया है

देश भर के किसान एकजुट होकर लड़ रहे हैं तो दूसरी ओर पूरे देश में किसान आत्महत्याएं भी जारी हैं. महाराष्ट्र में क़र्ज़ माफ़ी के बाद 5 महीने में 1,020 किसान आत्महत्या कर चुके हैं.

बिहार: शिक्षकों को मिला खुले में शौच की निगरानी का काम, हुआ विरोध

शिक्षकों ने सुबह-शाम इलाक़े का चक्कर लगाकर खुले में शौच कर रहे लोगों को समझाने और न मानने वालों की तस्वीर खींचने के आदेश को अपमानजनक बताया है.

‘अब एक भी किसान की कुर्की नहीं होने देंगे, हिम्मत है तो पहले अंबानी-अडानी-माल्या की कुर्की करो’

किसान संसद ने कहा, देश भर के 184 किसान संगठन बिना न्यूनतम समर्थन मूल्य के एक भी बोरा अनाज बिकने नहीं देंगे.

मुज़फ़्फ़रनगर दंगों पर आधारित फिल्म पर पांच ज़िलों में रोक का दावा

निर्माता का आरोप है कि यूपी निकाय चुनाव की वजह से सिनेमाघर मालिकों को फिल्म न प्रदर्शित करने को कहा गया है. ज़िला प्रशासन ने आरोप का किया खंडन.

अंतरराष्ट्रीय फिल्म समारोह में एस. दुर्गा के प्रदर्शन को हरी झंडी

केरल उच्च न्यायालय ने फिल्म प्रदर्शित करने का आदेश दिया. फिल्म के निर्देशक सनल कुमार शशिधरन ने कहा, सिनेमा और लोकतंत्र की जीत हुई.

1 341 342 343 344 345 377