समृद्ध अतीत वाली कुम्हारी का वर्तमान दोहरे संकट का शिकार है. एक तो प्लास्टिक-फाइबर वगैरह से बनी वस्तुओं ने रोज़मर्रा की ज़िंदगी में तेज़ी से जगह बनाकर कुम्हारों के पैरों तले की ज़मीन तक छीन ली है, दूसरी ओर अब उनके काम लायक मिट्टी और आंवा के लिए ईंधन भी सुलभ नहीं रह गए हैं.
सुंदरबन में जलवायु परिवर्तन का असर सबसे ज़्यादा है. समुद्र का जलस्तर बढ़ने, चक्रवातों आदि से खेती की बर्बादी के बाद मछली पकड़ने पर निर्भरता बढ़ गई है. ऐसे में यहां की महिलाओं की मांग है कि यहां वन अधिकार क़ानून लागू हो और मछली पकड़ने के अधिकार को भी इसमें शामिल किया जाए.
2022 में मुंबई के एक व्यवसायी ने स्कॉटलैंड और लंदन में हुई नीलामी से प्रसिद्ध कलाकारों- एफएन सूजा और अकबर पदमसी की सात कलाकृतियां खरीदी थीं, जिन्हें कस्टम विभाग ने अश्लीलता का हवाला देते हुए ज़ब्त कर लिया था. हाईकोर्ट ने विभाग के आदेश को मूर्खतापूर्ण बताते हुए रद्द कर दिया है.
उत्तरकाशी की जिस मस्जिद को अवैध बताकर गिराने के लिए दक्षिणपंथी संगठनों ने प्रदर्शन किया, उसे लेकर उत्तरकाशी के डीएम ने इस महीने की शुरुआत में ही कहा था कि मस्जिद के पास सभी आवश्यक दस्तावेज़ हैं और यह वक़्फ़ बोर्ड द्वारा पंजीकृत भी है.
सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत मांगी गई जानकारी के जवाब में सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने इस क़ानून की धारा 8(1)(डी) और 8(1)(ई) का हवाला देते हुए जानकारी देने से इनकार कर दिया है.
भारतीय महिला क्रिकेट टीम की बल्लेबाज जेमिमा रोड्रिग्स मार्च 2023 में मुंबई के खार जिमखाना की सदस्यता पाने वाली पहली महिला क्रिकेटर बनी थीं. क्लब के सदस्यों का आरोप है कि उनके पिता उनकी सदस्यता का इस्तेमाल करके क्लब परिसर में धर्मांतरण संबंधी धार्मिक आयोजन कराते थे.
बीते सप्ताह सांप्रदायिक संघर्ष झेल चुके बहराइच में जिन 23 घरों पर अवैध निर्माण संबंधी नोटिस चिपकाए गए हैं, उनमें अब्दुल हमीद का घर भी शामिल है, जो हालिया हिंसा भड़काने के आरोपियों में से एक है. उक्त तेईस घरों में से 19 मुसलमानों तथा 4 हिंदुओं के हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने मैरिटल रेप को अपराध घोषित करने की याचिकाएं सुनते हुए सवाल किया कि आईपीसी की धारा 375 के तहत मिला अपवाद ख़त्म कर देने से क्या नया अपराध उत्पन्न नहीं होगा.
नीति आयोग के अनुसार, बहराइच उत्तर प्रदेश का सबसे गरीब ज़िला है, जिसमें कुल आबादी के 55 फीसदी लोग गरीबी में जीवन बसर करते हैं. लेकिन हाल के दशकों में निरंतर ताकतवर होते गए हिंदुत्ववादियों को यह त्रासद या अपमानजनक नहीं लगता.
मलयालम फिल्म उद्योग में यौन शोषण से जुड़े मामले पर सुनवाई कर रही केरल हाईकोर्ट की विशेष खंडपीठ ने एसआईटी को निर्देश दिया कि वह जस्टिस हेमा समिति के सामने दर्ज किए गए गवाहों के बयानों को संज्ञेय अपराधों की 'सूचना' के रूप में मानकर आगे की कार्रवाई करे.
एक आरटीआई के जवाब में राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग ने जानकारी दी है कि साल 2020-21 में उन्हें 11,917 शिकायतें मिलीं, जिनमें अधिकतर मामले जातिगत अत्याचार से संबंधित थे. यह भी बताया गया है कि आयोग को सबसे ज़्यादा शिकायतें उत्तर प्रदेश से मिली हैं.
देश के सत्ताधारी आदिवासी के सवाल और माओवाद को एक आईने से देखते हैं. आदिवासी संघर्ष माओवाद की राजनीति के लिए स्पेस जरूर देते हैं, पर आदिवासी प्रश्न का अर्थ माओवाद नहीं है और आदिवासी होना माओवादी होना नहीं है.
कभी-कभार | अशोक वाजपेयी: कृष्ण कुमार की ‘थैंक यू गांधी’ कई बार संस्मरणात्मक लगते हुए भी आज के भारत के बारे में है. उसमें कथा, कथा-इतर गद्य, स्मृतियां, आत्मवृतांत, विचार-विश्लेषण आदि सबका रसायन बन गया है और उनमें पाठक की आवाजाही सहज ढंग से होती चलती है.
2017 में एक अभिनेत्री के अपहरण और यौन शोषण का मामला सामने आने के बाद केरल सरकार ने मलयालम फिल्म उद्योग में महिलाओं की समस्याओं पर गौर करने के लिए हेमा समिति का गठन किया था. ये रिपोर्ट दिसंबर 2019 में सरकार को सौंपी गई थी, जिसे करीब पांच सालों बाद जारी किया गया.
पुडुचेरी की अनौपचारिक उर (ग्राम) पंचायतें मछुआरों के कारोबार से लेकर विवाह और इससे जुड़े झगड़ों तक के निपटान के लिए ज़िम्मेदार हैं. हालांकि इनकी सदस्यों में स्त्रियां नहीं थीं, न ही उनकी सुनी जा रही थी. पर अब धीमी रफ़्तार से परिवर्तन आ रहा है.