मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह मंगलवार को हिंसा प्रभावित जिरीबाम ज़िले के दौरे पर जाने वाले थे, जिसकी तैयारी के लिए सुरक्षाकर्मियों का एक दल ज़िले की ओर ही जा रहा था, रास्ते में ही वह संदिग्ध उग्रवादियों के हमले का शिकार हो गया.
मणिपुर के सीमावर्ती ज़िले जिरीबाम में गुरुवार को उस समय तनाव फैल गया जब अज्ञात हमलावरों ने एक 56 वर्षीय व्यक्ति का अपरहरण कर उनकी बर्बर तरीके से हत्या कर दी. इसके विरोध में हुए प्रदर्शनों के बाद राज्य सरकार ने ज़िले में अनिश्चितकालीन कर्फ्यू घोषित लगा दिया है.
मेईतेई नागरिक समाज संगठनों ने 28 मई 2023 को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के मणिपुर दौरे से कुछ घंटे पहले 13 मेईतेई गांवों पर हुए हमलों को याद किया और सवाल उठाया कि राज्य में हिंसा को इतने लंबे समय तक जारी रहने की अनुमति क्यों दी गई.
चक्रवाती तूफ़ान रेमल के प्रभाव से राज्य में कई इलाकों में अचानक बाढ़ आ गई. कांगपोकपी ज़िला देश के बाकी हिस्सों से पूरी तरह कट गया है.
मणिपुर में कुकी नेशनल फ्रंट-मिलिट्री काउंसिल ने थांगजिंग चिंग (पहाड़ी) पर एक साइनबोर्ड लगाया था, जिसमें इसे ‘कुकी आर्मी’ का ‘थांगटिंग शिविर’ कहा गया था. सांस्कृतिक रूप से विवादित क्षेत्र में लगाए गए इस साइनबोर्ड को लेकर पुलिस ने ज़ीरो एफआईआर दर्ज की है. मेईतेई समुदाय इस जगह को तीर्थ मानता है.
केंद्र सरकार ने भारत-म्यांमार सीमा पर बाड़ लगाने और फ्री मूवमेंट रिजीम (एफएमआर) को रद्द करने की घोषणा की है. एफएमआर वर्तमान में सीमा के आसपास के निवासियों को औपचारिक दस्तावेज़ के बिना एक-दूसरे के क्षेत्र में 16 किलोमीटर तक जाने की अनुमति देता है.
मणिपुर पुलिस ने अपहरण के इन मामलों में एफआईआर दर्ज करके कम से कम 10 लोगों को गिरफ़्तार भी किया है, जिनमें दो लोग प्रभावशाली मेईतेई संगठन अरामबाई तेंग्गोल के सदस्य हैं, जिन पर इंफाल पूर्व के कांगपोकपी जिले से 4 पुलिसकर्मियों के अपहरण का आरोप है.
मणिपुर में जारी जातीय हिंसा से संबंधित मामलों की जांच कर रही राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने एक मामले में आरोपपत्र दायर किया है. इसमें कहा गया है कि राज्य में हिंसा भड़काने के आरोपियों के पास से वही हथियार बरामद हुए हैं, जो उपद्रव के दौरान पुलिस शस्त्रागार से लूटे गए थे.
मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने कहा कि 2023 में राज्य में 2,480 अवैध प्रवासियों का पता चला था, लेकिन पिछले साल 3 मई को हिंसा भड़कने के बाद निर्वासित करने का अभियान बंद कर दिया गया था. इन आंकड़ों में म्यांमार से कामजोंग ज़िले में प्रवेश करने वाले अतिरिक्त 5,457 अवैध प्रवासियों को शामिल नहीं किया गया है.
'बात भारत की' की पहली कड़ी में मणिपुर में शुरू हुई हिंसा के सालभर पूरे होने, पीएम मोदी के भाषणों में बढ़ते बेबुनियाद दावों और निर्वाचन आयोग द्वारा ओढ़ी गई चुप्पी पर वरिष्ठ पत्रकारों- निधीश त्यागी और संगीता बरुआ पिशारोती के साथ चर्चा कर रही हैं मीनाक्षी तिवारी.
बीते वर्ष 3 मई से मणिपुर में शुरू हुए जातीय संघर्ष के बाद से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 14 विदेश दौरे भी किए हैं. मई 2023 से अप्रैल 2024 के बीच उन्होंने राजस्थान के सबसे ज्यादा दो दर्जन दौरे किए, वहीं 22 बार मध्य प्रदेश भी गए.
मणिपुर में पिछले साल 3 मई को जातीय संघर्ष शुरू होने के बाद से पुलिस शस्त्रागारों से बार-बार हथियारों की लूट देखी गई थी, जिनके सरेंडर के लिए बार-बार अपील किए जाने और बरामदगी के लिए अभियान चलाए जाने के बावजूद भी कई हथियार अभी भी ग़ैरक़ानूनी तत्वों के हाथों में है.
मणिपुर के बिष्णुपुर में सेना की महार रेजिमेंट की एक टुकड़ी ने पुलिस की वर्दी पहने 11 ‘सशस्त्र बदमाशों’ को हिरासत में लिया और उनके पास से कई बंदूकें, ग्रेनेड आदि बरामद किए थे. हालांकि, मेईतेई महिलाओं के समूह मीरा पाइबीज़ ने जवानों को रोक दिया और स्थिति अराजक होने के बीच हिरासत में लिए गए लोगों को छुड़ा लिया गया.
मई 2023 में मणिपुर में हिंसा छिड़ने के बाद भीड़ ने दो कुकी महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाया और उनका यौन उत्पीड़न किया था. मामले की जांच कर रही सीबीआई ने अपनी चार्जशीट में कहा है कि घटना से पहले दोनों महिलाएं सड़क किनारे खड़ी पुलिस जिप्सी में बैठ गई थीं, लेकिन कर्मियों ने उन्हें गाड़ी की चाबी न होने का हवाला देकर वहीं छोड़ दिया.
पुलिस ने बताया कि घटना मेईतेई बहुल बिष्णुपुर ज़िले के नारायणसेना गांव में हुई, जहां बंदूकधारियों ने गोलीबारी की. इसके अलावा उपद्रवियों ने बम फेंका, जो सीआरपीएफ चौकी के अंदर गिरकर फटा. इस विस्फोट में दो जवान मारे गए और दो अन्य घायल हुए हैं.