इरोम ने कहा, ‘मैंने 16 सालों तक मणिपुर में आफ्सपा के ख़िलाफ़ लड़ाई लड़ी पर लोगों ने मुझे नकार दिया.’
मणिपुर में सन 2000 से 2012 के बीच सेना और पुलिस पर कथित रूप से 1528 गैर-न्यायिक हत्याएं करने का आरोप है. कोर्ट ने सीबीआई निदेशक से कहा, जांच अधिकारियों की टीम गठित करें.
साक्षात्कार: छह साल से मणिपुर की एक मां अपने बेटे को इंसाफ दिलाने के लिए भटक रही है. उनके बेटे की हत्या का आरोप राज्य के मुखिया एन. बीरेन सिंह के बेटे पर है.
मणिपुर में मार्च में बनी भाजपा सरकार के साथ प्रदर्शनकारियों के समझौते में लाशों का दफनाने पर सहमति बन गई है.
केंद्र सरकार ने क्यूरेटिव याचिका दाखिल कर सुप्रीम कोर्ट से 1528 कथित फर्जी मुठभेड़ों की जांच के आदेश पर फिर से विचार करने का अनुरोध किया है.
मणिपुर में बीरेन सिंह सरकार ने सोमवार को 32 विधायकों के समर्थन से विधानसभा में अपना बहुमत साबित कर दिया.
राज्य की पूर्व ओकराम इबोबी सिंह सरकार के सात नए ज़िले बनाने के फैसले के ख़िलाफ़ यूनाइटेड नगा काउंसिल ने एक नवंबर, 2016 से आर्थिक नाकेबंदी की शुरुआत की थी.
नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) के विधायक वाई. जयकुमार को मणिपुर का उप-मुख्यमंत्री बनाया गया है.
संविधान विशेषज्ञ सुभाष कश्यप का मानना है कि गोवा और मणिपुर में सबसे बड़ी पार्टी कांग्रेस के बजाय भाजपा को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित करना संविधान सम्मत है. राज्यपाल अपने विवेक से किसी भी पार्टी को न्यौता दे सकता है.
आफ्स्पा के ख़िलाफ़ जब इरोम की लड़ाई शुरू हुई तब मणिपुर के हालात अलग तरह के थे. 16 साल पहले का मणिपुर अब काफी बदल चुका है.
इरोम पीपुल्स रिइंसर्जेंस एंड जस्टिस अलाएंस नाम की पार्टी बनाकर चुनाव मैदान में उतरी थीं. इरोम से ज़्यादा वोट नोटा को मिले. इस बारे में द वायर की डिप्टी एडिटर संगीता बरूआ पिशारोती से अमानत खुल्लर की बातचीत.
देश की सबसे ज्यादा जनसंख्या वाले राज्य उत्तर प्रदेश के चुनावी नतीजे की गिनती शुरू हो गई है. उत्तर प्रदेश के साथ मणिपुर, उत्तराखंड, पंजाब और गोवा में भी वोटों की गिनती का काम चल रहा है. देश के राजनीतिक समीकरणों के लिहाज से ये राज्य बेहद महत्वपूर्ण हैं. ऐसे में इन पर सबकी निगाहें हैं. इन पांच राज्यों के चुनाव परिणाम को आगामी आम चुनाव के लिहाज से सेमीफाइनल माना जा रहा है. एक्ज़िट पोल्स में पंजाब को छोड़कर
16 साल तक आफ्सपा के ख़िलाफ़ भूख हड़ताल पर रहीं इरोम चानू शर्मिला अब इस क़ानून से लड़ने के लिए चुनाव के मैदान में हैं
मणिपुर के चूराचांदपुर के जिला अस्पताल के मुर्दाघर में पिछले करीब 550 दिनों से आठ लाशें दफनाए जाने का इंतजार कर रही हैं. इस बार के विधानसभा चुनाव में यह प्रमुख मुद्दा है.
नजिमा के चुनाव लड़ने के ख़िलाफ़ स्थानीय धर्मगुरु फ़तवा जारी कर चुके हैं. वे इरोम शर्मिला की पार्टी ‘पीपुल्स रीसर्जेंस एंड जस्टिस एलायंस’ के टिकट पर इम्फाल घाटी की वाबगई सीट से चुनाव लड़ रही हैं.