पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने एक मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति अधिनियम के तहत यह ज़रूरी है कि आरोपी ने संबंधित समुदाय के किसी व्यक्ति को सार्वजनिक स्थल पर अपमानित करने के उद्देश्य से डराया-धमकाया हो.
बीते महीने चेबरोलू लीला प्रसाद और अन्य बनाम आंध्र प्रदेश राज्य मामले में सुप्रीम कोर्ट की पांच सदस्यीय पीठ का फैसला एक बार फिर यह दिखाता है कि भारतीय संविधान की पांचवीं अनुसूची, जिस पर आदिवासी अधिकारों की रक्षा करने का दायित्व है, को कितना कम समझा गया है.
यूपी में दलित और पिछड़ी जातियों के बीच में काम कर रहे सामाजिक न्याय आंदोलन की पृष्ठभूमि वाले जातीय समूहों में बिखराव इतना बढ़ गया है कि हर दलित जाति के अपने संगठन बन चुके हैं या प्रक्रिया में हैं. दलित व पिछड़े वर्ग के आधार पर खड़ी मानी जाने वाली बसपा व सपा सरकारों ने भी बीते सालों में अपने जातीय समर्थन समूहों को निराश ही किया है.
यह घटना रविवार को बनासकांठा जिले के शरीफ्दा गांव की है. पुलिस सुरक्षा के बीच दलित युवक को घोड़ी चढ़ने से रोकने के लिए कथित तौर पर ऊंची जाति के कुछ लोगों ने बारात पर पथराव किया, जिसमें महिलाओं सहित तीन लोग घायल हो गए.
राजस्थान में अपराधों का सालाना आंकड़ा पेश करते हुए पुलिस महानिदेशक ने कहा कि बीते साल दर्ज मामलों की संख्या इसलिए बढ़ी क्योंकि पुलिस ने हर मामला दर्ज किया.
तमिलनाडु के नादुर गांव में दो दिसंबर को दीवार गिरने से 17 लोगों की मौत हो गई थी. उस दीवार को एक व्यक्ति खुद के घर को दलितों से अलग करने के लिए बनाया था. उसके खिलाफ एससी/एसटी एक्ट के तहत कार्रवाई नहीं होने से दलित समुदाय के लोगों ने यह फैसला लिया है.
कार्मिक राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह ने राज्यसभा में बताया कि पिछले साल मार्च तक केंद्र सरकार के विभिन्न विभागों के कई वर्गों में कुल 6,83,823 ख़ाली पद थे. सिंह ने एक सवाल के जवाब में यह भी बताया कि सीबीआई में एक हज़ार से अधिक पद रिक्त हैं.
गुजरात में अहमदाबाद के साबरमती टोल नाका इलाके का मामला. किसी बात को लेकर दलित समुदाय के युवकों की एक ढाबा मालिक से लड़ाई हो गई थी.
सुप्रीम कोर्ट ने अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति अधिनियम पर केंद्र सरकार की पुनर्विचार याचिका स्वीकार करते हुए यह फ़ैसला दिया है. मार्च 2018 में सुप्रीम कोर्ट ने इसमें बदलाव करते हुए कहा था कि इस एक्ट में मामला दर्ज होने पर फौरन गिरफ़्तारी नहीं होगी और प्रारंभिक जांच के बाद ही कार्रवाई की जाएगी.
बीते जून महीने में योगी सरकार ने 17 ओबीसी जातियों को एससी में शामिल करने की अधिसूचना जारी की थी, जिसका विरोध केंद्र सरकार ने भी किया था.
बजट में पीएचडी और इसके बाद के पाठ्यक्रमों के लिए फेलोशिप और छात्रवृत्तियों में 2014-2015 से लगातार कटौती हो रही है. 2019 के बजट में इन पाठ्यक्रमों में एससी छात्रों के लिए यह रकम 602 करोड़ रुपये से घटाकर 283 करोड़ रुपये जबकि एसटी छात्रों के लिए यह रकम 439 करोड़ रुपये से घटाकर 135 करोड़ रुपये कर दी गई है.
लोकसभा चुनाव में मिली जीत को भाजपा जातिवादी राजनीति की हार के तौर पर भी प्रचारित करती रही है. फिर अचानक ऐसा क्या हुआ कि उत्तर प्रदेश की योगी सरकार को जातीय समीकरणों को साधने की ज़रूरत नज़र आने लगी.
केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री थावर चंद गहलोत ने राज्यसभा में कहा कि राज्य सरकार का कदम उचित नहीं है और असंवैधानिक है. ओबीसी जातियों को एससी सूची में शामिल करना संसद के अधिकार में आता है.
आदित्यनाथ सरकार का यह फ़ैसला अदालत के अंतिम आदेश के अधीन होगा. अगर अदालत इन जातियों को अनुसूचित जाति में शामिल करने की अनुमति नहीं देगी, तब इन्हें इस दायरे से बाहर कर दिया जाएगा.
यह मामला गुजरात के साबरकांठा के प्रांतिज तहसील का है. आरोप है कि ऊंची जाति के लोगों ने दलितों की बारात को रोकने के लिए सड़कों पर यज्ञ और हवन किए. हिंसा भड़कने के बाद पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा. यह राज्य में दलितों पर हमले की चौथी घटना है.