वीडियो: नई दिल्ली में सूचना का अधिकार कानून में संशोधन की अनुमति न देने के लिए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को ज्ञापन देने पहुंचे कार्यकर्ताओं को पुलिस ने हिरासत में लिया. राष्ट्रपति भवन के सामने आरटीआई कार्यकर्ताओं ने कहा कि लोकतंत्र में अगर विरोध का अधिकार नहीं तो हमें बता दिया जाए.
सूचना का अधिकार (संशोधन) विधेयक, 2019 लोकसभा और राज्यसभा से पारित कर दिया गया है. लेकिन अभी इस संशोधन विधेयक को राष्ट्रपति की सहमति नहीं मिली है.
सीबीआई ने कहा कि अगर ये जानकारी सार्वजनिक की जाती है तो इस संबंध में चल रही जांच पर प्रभाव पड़ सकता है.
एक आरटीआई आवेदन के जवाब में राष्ट्रपति सचिवालय ने केवल यह जानकारी दी है कि प्रधानमंत्री के शपथ ग्रहण समारोह में सिर्फ साउंड सिस्टम और बिजली उपकरणों पर 32 लाख रुपये ख़र्च हुए थे.
आरटीआई संशोधन विधेयक पर बहस के दौरान कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने केंद्रीय सूचना आयोग के पांच महत्वपूर्ण आदेशों का उल्लेख किया और आरोप लगाया कि सरकार सीआईसी को पीएमओ की कठपुतली बनाना चाह रही है.
आरटीआई संशोधन विधेयक में प्रावधान किया गया है कि मुख्य सूचना आयुक्त एवं सूचना आयुक्तों तथा राज्य मुख्य सूचना आयुक्त एवं राज्य सूचना आयुक्तों के वेतन, भत्ते और सेवा काल केंद्र सरकार द्वारा तय किए जाएंगे.
वीडियो: केंद्र की मोदी सरकार द्वारा सूचना का अधिकार कानून में संशोधन करने को लेकर आरटीआई कार्यकर्ता वेंकटेश नायक की धीरज मिश्रा से बातचीत.
वीडियो: नई दिल्ली में बैठक कर सात पूर्व सूचना आयुक्तों ने आरटीआई कानून में केंद्र की मोदी सरकार द्वारा प्रस्तावित संशोधन का कड़ा विरोध किया है. इनका कहना है कि सरकार का ये कदम सूचना आयुक्तों की स्वतंत्रता और स्वायत्तता पर हमला है.
सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने कहा कि उनका स्वास्थ्य ठीक नहीं है लेकिन यदि देश के लोग आरटीआई कानून की शुचिता की रक्षा के लिए सड़कों पर उतरें तो वह उनका साथ देने के लिए तैयार हैं.
कार्यकर्ताओं का कहना है कि मोदी सरकार को सूचना का अधिकार क़ानून में संशोधन करने के बजाय सूचना आयोगों में आयुक्तों की नियुक्ति करनी चाहिए ताकि आरटीआई क़ानून और मज़बूत बने.
कांग्रेस नेता शशि थरूर ने कहा कि आरटीआई कानून देश के लोकतंत्र की बहुत बड़ी उपलब्धि थी और इसने सरकार के हितों को कई बार चुनौती दी है.
प्रख्यात सामाजिक कार्यकर्ता अरुणा रॉय ने कहा कि इस कानून को लोकसभा में लम्बी बहस और विचार विमर्श के बाद पास किया गया था और मौजूदा सरकार का नया बदलाव सूचना के अधिकार को बेहद कमजोर करने वाला है.
यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी ने लोकसभा से पारित हुए आरटीआई संशोधन विधेयक की आलोचना करते हुए कहा कि इस कानून को व्यापक विचार-विमर्श के बाद बनाया है और संसद ने इसे सर्वसम्मति से पारित किया. अब यह खत्म होने की कगार पर पहुंच गया है.
वीडियो: केंद्र की मोदी सरकार द्वारा सूचना का अधिकार (आरटीआई) क़ानून में प्रस्तावित संशोधन के ख़िलाफ़ दिल्ली में लोगों ने प्रदर्शन किया. प्रदर्शन में कई सामाजिक कार्यकर्ता, वकील, विपक्षी दलों के सांसद और विभिन्न राज्यों से आए लोग शामिल थे.
मार्च 2018 से मई 2019 के बीच कुल 5,851.41 करोड़ रुपये के चुनावी बॉन्ड खरीदे गए और इसमें से 4,715.58 करोड़ रुपये के बॉन्ड नई दिल्ली में भुनाए गए.