हर साल एक जनवरी को दलित वर्ष 1818 की जंग की वर्षगांठ मनाते हैं, जिसमें ईस्ट इंडिया कंपनी के जवानों ने दलित सैनिकों के साथ मिलकर पुणे के पेशवा की सेना को पराजित किया था. पुणे के पेरने गांव में भीमा-कोरेगांव की जंग की स्मृति में ‘जय स्तंभ’ बना है, वर्षगांठ पर यहां स्मृति कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है.
एल्गार परिषद मामले में एनआईए ने इन पैरोडी गीतों के अलावा साल 2011 और 2012 के कुछ साक्ष्यों के आधार पर दावा किया है कि संगठन के कार्यकर्ता फ़रार नक्सली नेता मिलिंद तेलतुम्बड़े के संपर्क में थे.
भीमा-कोरेगांव मामले में गिरफ़्तार मानवाधिकार कार्यकर्ता गौतम नवलखा का चश्मा महाराष्ट्र की तलोजा जेल से चोरी हो गया था. उनके परिवार ने डाक के माध्यम से नया चश्मा भेजा था, जिसे जेल अधिकारियों ने वापस कर दिया था.
मानवाधिकार कार्यकर्ता गौतम नवलखा को इस साल अप्रैल में कथित तौर पर भीमा-कोरेगांव हिंसा मामले से जुड़े होने के संबंध में गिरफ़्तार किया गया था. उनकी पार्टनर का कहना है कि डाक के माध्यम से उन्होंने महाराष्ट्र की तलोजा जेल में उनका चश्मा भेजा था, लेकिन जेल अधिकारियों ने उसे वापस लौटा दिया.
एनआईए ने एल्गार परिषद मामले में माओवादियों से संबंध के आरोप में सामाजिक कार्यकर्ता स्टेन स्वामी को आठ अक्टूबर को रांची से गिरफ़्तार किया था. स्वामी ने ज़ब्त किए गए अपने स्ट्रॉ और सिपर को लौटाने के लिए अदालत में याचिका दायर की थी. पार्किंसन बीमारी की वजह से उनके हाथ हिलने से उन्हें खाने और पीने में दिक्कत होती है.
तेलुगू कवि एवं कार्यकर्ता वरवरा राव की बिगड़ती हालत को ध्यान में रखते हुए हाईकोर्ट ने यह भी कहा कि अदालत को बताए बिना उन्हें अस्पताल से डिस्चार्ज नहीं किया जाएगा. 81 वर्षीय राव को एल्गार परिषद मामले में 28 अगस्त 2018 को गिरफ़्तार किया गया था.
मेडिकल जांच के आधार पर बॉम्बे हाईकोर्ट ये फैसला लेगा कि तेलुगू कवि एवं कार्यकर्ता वरवरा राव को जेल से अस्पताल में शिफ्ट किया जाएगा या नहीं. 81 वर्षीय राव को एल्गार परिषद मामले में 28 अगस्त 2018 को गिरफ़्तार किया गया था.
केंद्र सरकार द्वारा स्टेन स्वामी सहित देश के 16 सामाजिक और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं को गिरफ़्तार करना आंदोलनरत जनसंगठनों और उनसे जुड़े नेताओं को भयभीत कर इन आंदोलनों को कमज़ोर करने की कोशिश है.
81 वर्षीय तेलुगू कवि एवं कार्यकर्ता वरवरा राव को एल्गार परिषद मामले में 28 अगस्त 2018 को गिरफ़्तार किया गया था. उनकी पत्नी ने याचिका में कहा है कि राव की तबीयत बहुत ख़राब है, जिसके कारण उनकी लगातार देखभाल की ज़रूरत है.
एनआईए ने दावा किया है कि उन्हें सूचना मिली थी कि ये सामाजिक कार्यकर्ता, एनजीओ और मीडिया संगठन दान और कारोबारी योगदान के माध्यम से देश और विदेश से चंदा एकत्र करते हैं और उसका इस्तेमाल जम्मू कश्मीर में आतंकवादी गतिविधियों के वित्तपोषण में करते हैं.
एल्गार परिषद मामले में दायर तीसरी चार्जशीट में एनआईए ने कहा है कि आरोपियों ने 'जंगलों में जाकर हथियार चलाने की ट्रेनिंग' ली थी. अपने आरोपपत्र में एनआईए ने पुणे पुलिस द्वारा 'प्रधानमंत्री की हत्या की साज़िश रचने' के दावे को तवज्जो नहीं दी है.
एनआईए ने एल्गार परिषद मामले में 83 वर्षीय स्टेन स्वामी को आठ अक्टूबर को रांची से गिरफ़्तार किया था. एनआईए ने उनकी याचिका के जवाब में कहा है कि वे कोरोना वायरस की मौजूदा स्थिति की आड़ में ज़मानत मांगकर स्थिति का अनुचित लाभ उठाने की कोशिश कर रहे हैं.
हमारे देश और राज्य को सुरक्षित रखने के नाम पर अगर स्टेन स्वामी को क़ैद में डाला जा सकता है तो क्या हम ख़ुद को आज़ाद कहलाने के क़ाबिल रह गए हैं?
81 वर्षीय तेलुगू कवि एवं कार्यकर्ता वरवरा राव को एल्गार परिषद मामले में 28 अगस्त 2018 को गिरफ़्तार किया गया था. उनकी पत्नी ने याचिका में कहा है कि राव की तबीयत बहुत ख़राब है, जिसके कारण उनकी लगातार देखभाल की ज़रूरत है.
एनआईए ने भीमा-कोरेगांव मामले में 83 वर्षीय स्टेन स्वामी को आठ अक्टूबर को झारखंड के रांची स्थित उनके घर से गिरफ़्तार किया था. उन पर भाकपा (माओवादी) के साथ संबंध होने का आरोप लगाया गया है.