2019 में तत्कालीन सीजेआई रंजन गोगोई पर सुप्रीम कोर्ट की एक कर्मचारी ने यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए थे, जिसके बाद अदालत ने स्वतः संज्ञान लेते हुए उन्हें फंसाने के किसी ‘गहरे षड्यंत्र’ की जांच शुरू की थी. अब इसे बंद करते हुए कोर्ट ने कहा कि दो साल बाद जांच के लिए इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड मिलना मुश्किल है.
भारत के राजनीतिक तौर पर सर्वाधिक संवेदनशील मामलों को अनिवार्य रूप से जस्टिस अरुण मिश्रा की पीठ को ही भेजा जाता था और देश के सर्वोच्च न्यायालय के चार वरिष्ठतम जज इसकी वजह जानने के लिए इतिहास में पहली बार मीडिया के सामने आए थे.
अवमानना की कार्रवाई के दौरान प्रशांत भूषण और उनके वकील ने कहा था कि 2018 में चार जजों द्वारा अदालत और सीजेआई पर सवाल उठाने को लेकर अवमानना की कार्रवाई क्यों नहीं हुई थी. जस्टिस अरुण मिश्रा की पीठ ने सोमवार को अपने फ़ैसले में लिखा कि वह इस तरह की पहली और आख़िरी प्रेस वार्ता थी.
पूर्व चीफ जस्टिस रंजन गोगोई को राज्यसभा सदस्य के तौर पर मनोनीत करने की पूर्व न्यायाधीशों और विपक्षी दलों ने आलोचना की है. ऐसा भी कहा गया कि उन्हें सरकार को फायदा पहुंचाने के एवज में यह पद मिला है. इस बारे में पटना हाईकोर्ट की पूर्व जज अंजना प्रकाश से आरफ़ा ख़ानम शेरवानी की बातचीत.
अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की पीठ आज ऐतिहासिक फैसला सुनाएगी. इस पीठ में चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस एसए बोबडे, जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस अब्दुल नजीर शामिल हैं.
बीते पांच सितंबर को सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने अपने फैसले में संशोधन करते हुए जस्टिस एके कुरैशी को मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की जगह त्रिपुरा हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश बनाने की सिफारिश की थी.
बीते सितंबर महीने में सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने अपने फैसले में संशोधन करते हुए जस्टिस एके कुरैशी को मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की जगह त्रिपुरा हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश बनाने की सिफारिश की थी.
इससे पहले इस साल मई महीने में कोलेजियम ने जस्टिस कुरैशी को मध्य प्रदेश हाईकोर्ट का चीफ जस्टिस बनाए जाने की सिफारिश की थी.
केंद्र सरकार ने 22 जुलाई को बॉम्बे हाईकोर्ट के जस्टिस एए क़ुरैशी को मध्य प्रदेश हाईकोर्ट का मुख्य न्यायाधीश बनाए जाने की सुप्रीम कोर्ट कॉलिजियम की सिफ़ारिश पर निर्णय लेने के लिए दो सप्ताह का समय मांगा था. केंद्र सरकार ने अब और दस दिन का समय मांगा है.
दिल्ली हाईकोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस एपी शाह ने यह टिप्पणी अप्रैल में सीजेआई रंजन गोगोई पर सुप्रीम कोर्ट की पूर्व कर्मचारी द्वारा लगाए गए यौन उत्पीड़न और प्रताड़ना के आरोपों के संदर्भ में की है. उन्होंने कहा कि पूरी प्रक्रिया को न्यायिक स्वतंत्रता की सुरक्षा के नाम पर गोपनीयता में बदल दिया गया.
अप्रैल में सीजेआई रंजन गोगोई पर सुप्रीम कोर्ट की पूर्व कर्मचारी ने यौन उत्पीड़न और प्रताड़ना के आरोप लगाए थे. तब शिकायतकर्ता महिला पर नवीन कुमार नाम के व्यक्ति ने नौकरी के लिए रिश्वत लेने का आरोप लगाया था. दिल्ली पुलिस ने अदालत को बताया है कि नवीन बीते अप्रैल से ही लापता हैं.
सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम की चार सिफ़ारिशों में से मोदी सरकार द्वारा मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के रूप में सिर्फ़ जस्टिस एए क़ुरैशी की नियुक्ति को मंज़ूरी नहीं दी गई है.
सीजेआई के ख़िलाफ़ उत्पीड़न की शिकायत करने वाली महिला ने एक हलफनामे में आरोप लगाया था कि उन्हें सुप्रीम कोर्ट कर्मचारी के रूप में बर्ख़ास्त किए जाने के बाद दिल्ली पुलिस में कार्यरत उनके पति और पति के भाई को निलंबित कर दिया गया था.
सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस मदन बी लोकुर ने कहा कि शिकायतकर्ता महिला को मामले की सुनवाई करने वाली आंतरिक शिकायत समिति की रिपोर्ट निश्चित तौर पर मिलनी चाहिए ताकि शिकायतकर्ता महिला को उन सवालों का जवाब मिल सके, जो उसने उठाए हैं.
सुप्रीम कोर्ट की पूर्व कर्मचारी ने आरोप लगाया है कि सीजेआई रंजन गोगोई द्वारा किए गए आपत्तिजनक व्यवहार का विरोध करने के कारण उन्हें कोर्ट से बर्ख़ास्त कर दिया गया था.