गंगा सफाई के लिए बनी मोदी की अध्यक्षता वाली समिति की अब तक एक भी बैठक नहीं हुई

द वायर एक्सक्लूसिव: गंगा की सफाई के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाले राष्ट्रीय गंगा परिषद की आज तक एक भी बैठक नहीं हुई. नियम है कि परिषद की साल में एक बैठक ज़रूर होनी चाहिए.

मीडिया में डर का माहौल बना हुआ है: एन. राम

द वायर से बात करते हुए द हिंदू के चेयरमैन और वरिष्ठ पत्रकार एन. राम ने रफाल सौदे और इसकी मीडिया कवरेज़ को लेकर मोदी सरकार की हालिया धमकियों पर अपनी राय साझा की.

पाकिस्तान में जैश-ए-मोहम्मद के शिविर पर हमारी कार्रवाई सफल रही: विदेश मंत्रालय

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा कि अगर पाकिस्तान का यह दावा है कि वह नई सोच के साथ नया पाकिस्तान है तो आतंकवाद के ख़िलाफ़ नई तरह की कार्रवाई का प्रदर्शन भी होना चाहिए.

हम भी भारत: रफाल पर पत्रकारों को धमकी, क्या छिपा रही है मोदी सरकार?

इस हफ्ते हम भी भारत में रफाल मामले की सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार द्वारा द हिंदू की रिपोर्ट को चोरी के दस्तावेज़ के हवाले से छापने के आरोप और अख़बार पर ऑफिशियल सीक्रेट्स एक्ट के तहत कार्रवाई की बात पर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी द वायर के संस्थापक संपादक एमके वेणु और वकील सरीम नावेद से चर्चा कर रही हैं.

सुप्रीम कोर्ट में अपने बयान से पलटे अटॉर्नी जनरल, कहा- रक्षा मंत्रालय से चोरी नहीं हुए रफाल दस्तावेज़

आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल द्वारा ‘चोरी’ शब्द का इस्तेमाल संभवत: ज़्यादा सख़्त था और इससे बचा जा सकता था.

हंसो-हंसो, वज़ीर-ए-आज़म, खूब हंसो…

बीते दिनों आईआईटी रूड़की के एक कार्यक्रम में डिस्लेक्सिया को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हंसी राष्ट्रीय रोष का सबब बनी.

मोदी समर्थकों को उनकी जुमलेबाज़ी या किसी की खिल्ली उड़ाने से कोई फ़र्क नहीं पड़ता

प्रधानमंत्री के यहां-वहां किए गए मज़ाक या तंज़ से अगली कतार में बैठने वालों को हंसाया तो जा सकता है, लेकिन चुनावों में इसका कोई फायदा नहीं होने वाला.

सरकार की मीडिया के ख़िलाफ़ ऑफिशियल सीक्रेट्स एक्ट के इस्तेमाल की कोशिश निंदनीय: मीडिया संगठन

रफाल मामले की सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार द्वारा द हिंदू की रिपोर्ट को चोरी के दस्तावेज़ के हवाले से छापने के आरोप और अख़बार पर कार्रवाई की बात कहने की एडिटर्स गिल्ड समेत विभिन्न प्रेस संगठनों ने आलोचना की है.

रफाल की फाइल पर सीक्रेट का तर्क बोगस है, जैसे चौकीदार का जागते रहो कहना बोगस है

सीक्रेट आउट होने पर ही घोटाला आउट होता है. घोटाला आउट होने पर फाइल को सीक्रेट बताने का फार्मूला पहली बार आउट हुआ है. प्रधानमंत्री को हर बात में ख़ुद को चौकीदार नहीं कहना चाहिए. ख़ुद को चौकीदार और प्रधान सेवक कहते-कहते भूल गए हैं कि वे भारत के प्रधानमंत्री हैं, इसलिए जागते रहो, जागते रहो बोलकर कुछ भी बोल जाते हैं.

रफाल मामले में प्रधानमंत्री के ख़िलाफ़ कार्रवाई होनी चाहिए: राहुल

रफाल दस्तावेज़ चोरी पर कांग्रेस अध्यक्ष बोले- दो करोड़ रोजगार गायब हो गया. किसानों के बीमा का पैसा गायब हो गया. 15 लाख रुपया गायब हो गया. अब रफाल की फाइलें गायब हो गईं.

रफाल: दस्तावेज़ ‘चोरी’ के आरोप के बाद एन. राम ने कहा- अपने सूत्रों की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध

द हिंदू के चेयरमैन और वरिष्ठ पत्रकार एन. राम ने कहा कि रफाल सौदे से जुड़ी जानकारियां दबा कर या छिपा कर रखी गई थीं जिसके कारण ही उनसे जुड़े दस्तावेज़ जनहित में प्रकाशित किए गए. उन्होंने कहा कि आप इसे चोरी हो गए दस्तावेज़ कह सकते हैं लेकिन हम इसको लेकर चिंतित नहीं हैं.

गंगा के लिए बिना कुछ किए प्रचार करने के मास्टर आदमी हैं मोदी: राजेंद्र सिंह

गंगा के लिए काम करने वाले मैग्सेसे पुरस्कार से सम्मानित पर्यावरणविद् और सामाजिक कार्यकर्ता राजेंद्र सिंह से धीरज मिश्रा की बातचीत.

रफाल: केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया, रक्षा मंत्रालय से चोरी हुए सौदे संबंधी दस्तावेज़

रफाल सौदे पर सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले के ख़िलाफ़ दायर पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता प्रशांत भूषण के द हिंदू अख़बार की ख़बर का हवाला देने पर अटार्नी जनरल ने इसका विरोध करते हुए कहा कि यह लेख चोरी किए गए गोपनीय दस्तावेज़ों पर आधारित है, जो गोपनीयता क़ानून का उल्लंघन है.

राष्ट्रवाद पर उन लोगों से सबक लेने की ज़रूरत नहीं, जिन्होंने गांधी की हत्या की: ममता बनर्जी

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि लोगों को सच से वंचित रखा जा रहा है क्योंकि राष्ट्रीय मीडिया का एक तबका नरेंद्र मोदी को सपोर्ट कर रहा है. यह शर्म की बात है कि मोदी देश के प्रधानमंत्री हैं.

नरेंद्र मोदी कैमरे के लिए जीते हैं: राहुल गांधी

इलाहाबाद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा सफाईकर्मियों के पैर धोने पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि वह कैमरे के लिए जीते हैं. कैमरा बंद होने के बाद प्रधानमंत्री ने सफाई कर्मचारियों की समस्या तक नहीं सुनी. इवेंट बनाया और निकल गए, अगले इवेंट के लिए.

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