मोदी मंत्रिमंडल में फेरबदल पाखंड से ज़्यादा कुछ नहीं

यह सरकार लघु उद्योगों, बेरोजगारी और कृषि क्षेत्र के हालातों को लेकर शुतुरमुर्गी रवैया अपनाए हुए है. समस्याओं को स्वीकार न करने से समस्याएं समाप्त नहीं हो जाती हैं. न ही कैबिनेट में फेरबदल कर देने से ही इन्हें सुलझाया जा सकता है.

मोदी मंत्रिमंडल का विस्तार, नौकरशाहों का बोलबाला

केंद्रीय मंत्रिमंडल में चार मंत्रियों का प्रमोशन. धर्मेंद्र प्रधान, पीयूष गोयल, निर्मला सीतारमण और मुख्तार अब्बास नकवी कैबिनेट मंत्री बने. नौ नए चेहरे राज्य मंत्री बने.

नीति बनाने वाले किसान और उपभोक्ता को एक-दूसरे का दुश्मन बना रहे हैं

जब कुछ ख़ास व्यापारिक प्रतिष्ठानों का एकाधिकार स्थापित हो जाएगा, तब क़ीमतें सरकार और किसान नहीं, बड़ी कंपनियां तय करेंगी.

मोदी के कार्यकाल में ‘पिंक रिवोल्यूशन’ और मज़बूत, मांस निर्यात 17 हज़ार टन बढ़ा

प्रधानमंत्री बनने से पहले नरेंद्र मोदी ने मांस निर्यात को लेकर यूपीए सरकार पर हमला बोला था, लेकिन ख़ुद उनके कार्यकाल में मांस निर्यात बढ़ गया है.

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