नोटबंदी से पहले 4 नवंबर, 2016 तक 17.74 लाख करोड़ रुपये की मुद्रा चलन में थी. इस तरह नोटबंदी से पहले की तुलना में नकद राशि यानि चलन में मुद्रा में करीब 19 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोन की अर्जियों पर ऑनलाइन नजर रखने, होम लोन एवं कार लोन की शर्तें आसान करने, कैपिटल गेन पर सरचार्ज वापस लेने, लोन सेटलमेंट की शर्तें आसान करने, लघु उद्योगों को 30 दिन में जीएसटी रिफंड करने जैसे कई प्रमुख घोषणाएं कीं.
हाल में बजट पेश करने के दौरान केंद्र सरकार ने पैन न होने पर आधार के इस्तेमाल की छूट दी थी. हालांकि, हर बार गलत आधार संख्या देने वाले पर 10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा. 1 सितंबर, 2019 से यह प्रावधान लागू किए जाने की उम्मीद है.
साल 2019-20 का कृषि बजट करीब एक लाख 30 हज़ार करोड़ रुपये है, जो कुल बजट का केवल 4.6 फीसदी है. इसमें से 75,000 करोड़ रुपये पीएम-किसान योजना के लिए आवंटित किए गए हैं. इस तरह अन्य कृषि योजनाओं के लिए सिर्फ 55,000 करोड़ रुपये ही बचते हैं.
मीडिया बोल की इस कड़ी में बजट पर वरिष्ठ पत्रकार नितिन सेठी, बिजनेस स्टैंडर्ड अखबार की राजनीतिक संपादक अदिति फड़नीस और द वायर के संस्थापक संपादक एमके वेणु से चर्चा कर रहे हैं वरिष्ठ पत्रकार उर्मिलेश.
जो लोग इस बजट से भाजपा के चुनावी वादों को पूरा करने के किसी रोडमैप की उम्मीद कर रहे थे, उन्हें इस बजट में एक भी बड़ा विचार या कोई बड़ी पहल दिखाई नहीं दी. रोजगार सृजन और कृषि को फायदेमंद बनाने जैसे मसले पर चुप्पी हैरत में डालने वाली है.
बजट में पीएचडी और इसके बाद के पाठ्यक्रमों के लिए फेलोशिप और छात्रवृत्तियों में 2014-2015 से लगातार कटौती हो रही है. 2019 के बजट में इन पाठ्यक्रमों में एससी छात्रों के लिए यह रकम 602 करोड़ रुपये से घटाकर 283 करोड़ रुपये जबकि एसटी छात्रों के लिए यह रकम 439 करोड़ रुपये से घटाकर 135 करोड़ रुपये कर दी गई है.
मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला बजट काफी अच्छी-अच्छी बातें करता है, लेकिन जब एक बड़ी तस्वीर बनाने की कोशिश करते हैं, तो इसमें काफी दरारें दिखाई देती हैं.
पेट्रोल और डीजल के संशोधित मूल्य शनिवार को प्रभावी हो गए. दिल्ली में पेट्रोल का दाम 2.45 रुपये लीटर बढ़कर 72.96 रुपये लीटर हो गया, जबकि मुंबई में यह वृद्धि 2.42 रुपये लीटर बढ़कर 78.57 रुपये प्रति लीटर रही.
नई योजना के तहत ऐसे स्थानों पर उर्दू शिक्षकों की भी नियुक्ति की जाएगी, जहां की 25 फीसदी से अधिक आबादी उर्दू बोलती है. हालांकि, देश में शिक्षक प्रशिक्षण संस्थानों को मजबूत बनाने के लिए शुरू की गई योजना के लिए इस साल बजट आवंटित नहीं किया गया.
जब तक भूमंडलीकरण की आर्थिक नीतियों में कोई निर्णायक परिवर्तन नहीं होता, भारत विश्वशक्ति बन जाए तो भी, सरकार का सारा बोझ ढोने वाले निचले तबके की यह नियति बनी ही रहने वाली है कि वह तलछट में रहकर विश्वपूंजीवाद के रिसाव से जीवनयापन करे.
लोकपाल के लिए आवंटित किए गए बजट को निर्माण और स्थापना संबंधी कार्यों में ख़र्च किया जाएगा.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने राजग सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला बजट शुक्रवार को पेश किया. वित्त वर्ष 2019-20 के बजट की ख़ास बातें.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि वर्ष 2018 से 2030 तक रेलवे आधारभूत ढांचे को 50 लाख करोड़ रुपये के निवेश की ज़रूरत है. उन्होंने तीव्र विकास एवं यात्री माल ढुलाई सेवा के लिए सरकारी निजी भागीदारी (पीपीपी) मॉडल का उपयोग करने का प्रस्ताव रखा.
वित्त वर्ष 2018-19 में भी अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय का बजट 4700 करोड़ रुपये रखा गया था. इससे पहले वित्त वर्ष 2017-18 में मंत्रालय के लिए 4197 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे.