पुण्यतिथि विशेष: यह भी एक क़िस्म की विडंबना ही है कि जिस साहिर के कलाम गुनगुनाकर अनगिनत इश्क़ परवान चढ़े, उसकी अपनी ज़िंदगी में कोई इश्क़ मुकम्मल न हुआ.
यूपीए कार्यकाल में कश्मीर पर गठित वार्ताकार समिति के अध्यक्ष रहे दिलीप पडगांवकर इस बात से आहत थे कि कैसे सरकार ने उनकी सिफ़ारिशों को कूड़ेदान में डाल दिया.
ऐसी पीढ़ी तैयार करने की कोशिश हो रही है जो नफ़रत पर आधारित हो. पहले इतिहास में दुश्मन पैदा करें फिर उससे लड़ें. ऐसे इतिहास का असर हम पाकिस्तान को देखकर समझ सकते हैं.
पाकिस्तान के चुनाव आयोग ने संसद और प्रांतीय असेंबली के सदस्यों को संपत्ति और देनदारियों का ब्योरा न देने पर की कार्रवाई.
पनामा पेपर मामले में पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट द्वारा अयोग्य ठहराए जाने के बाद नवाज़ शरीफ़ को प्रधानमंत्री पद छोड़ना पड़ा था.
पूर्व विदेश मंत्री ने कहा कि जम्मू कश्मीर के मुद्दे पर हमारी ख़ुद की ग़लतियों की वजह से पाकिस्तान अनिवार्य तीसरा पक्ष बन गया है.
हमारी बदनसीबी ही है कि जिस सोच ने देश को तीन टुकड़ों में बांट दिया, आज भी हमारे दिमागों में काई की तरह जमी हुई है और सड़ांध फैला रही है.
भगत सिंह को निर्दोष साबित करने के लिए पाकिस्तान के लाहौर हाईकोर्ट में याचिका दाख़िल करने वाले भगत सिंह मेमोरियल फाउंडेशन के अध्यक्ष और वकील इम्तियाज़ राशिद क़ुरैशी से बातचीत.
जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री ने कहा, बहस में कश्मीरियों को गालियां दी जाती हैं. इससे कश्मीरी बाक़ी देश से कटने लगे हैं और देश के लोग कश्मीर के ख़िलाफ़ हो रहे हैं.
पाकिस्तान सिर्फ़ एक स्टेट नहीं है; वहां लोग बसते हैं. नाकाबिल, संकीर्ण और फ़िरक़ापरस्त सरपरस्तों के ख़िलाफ़ वहां लोग बोलते हैं, जेल जाते हैं, जान देते हैं. वहां भी समाज है, नागरिक अधिकारों के लिए लड़ रहे जुझारू युवक हैं, अच्छे दिनों की आस में बड़े हो रहे बच्चे है, लेखक और कलाकार हैं.
पाकिस्तान सरकार से लाहौर के शादमान चौक पर भगत सिंह की प्रतिमा लगाने की भी मांग की गई है.
शब्द और विचार हर किस्म के कठमुल्लों को बहुत डराते हैं. विचारों से आतंकित लोगों ने अब शब्दों और विचारों के ख़िलाफ़ बंदूक उठा ली है.
वर्ष 2002 में नरेंद्र मोदी के पहले राजनीतिक चुनाव प्रचार ने सबकुछ बदल दिया. पहली बार किसी पार्टी के नेता और उसके मुख्य चुनाव प्रचारक ने मुस्लिमों के ख़िलाफ़ नफ़रत भरा प्रचार अभियान चलाया.
फोर्ब्स ने अपने 18 महीने के सर्वे में पाया है कि एशिया महाद्वीप के टॉप 5 भ्रष्ट देशों में भारत का स्थान सबसे ऊपर है, जबकि पाकिस्तान चौथे नंबर पर है.
पाकिस्तान में दो बार प्रधानमंत्री रहीं बेनज़ीर भुट्टो की 27 दिसंबर 2007 को रावलपिंडी के लियाक़त बाग में एक चुनावी रैली के दौरान हत्या कर दी गई थी.