पंजाब भाजपा के सचिव सुखपाल सिंह सरां ने टेलीविजन बहस के दौरान कृषि कानूनों की तुलना गुरु गोबिंद सिंह के ज़फ़रनामे से की थी. ज़फ़रनामा चमकौर के युद्ध के बाद गुरु गोबिंद सिंह द्वारा मुग़ल बादशाह औरंगज़ेब को लिखा एक आध्यात्मिक विजय पत्र है.
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर करनाल के कैमला गांव में केंद्र के तीनों कृषि क़ानूनों का फायदा बताने के लिए एक किसान महापंचायत का संबोधित करने वाले थे. पुलिस ने किसानों को कार्यक्रम में बांधा डालने से रोकने के लिए लाठीचार्ज करने के साथ उन पर आंसू गैस के गोले दागे और वाटर कैनन का भी इस्तेमाल किया.
मृतक किसान की पहचान 39 वर्षीय किसान अमरिंदर सिंह के रूप में हुई. वह पंजाब में फतेहगढ़ साहिब के मचराई कलां गांव के रहने वाले थे. केंद्र के तीन कृषि क़ानूनों को वापस लेने की मांग पर किसान एक महीने से अधिक समय से दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे हैं.
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बुधवार को अंतरधार्मिक विवाह करने वाले युवक-युवती के संबंध में कहा कि इस अदालत ने कई बार यह व्यवस्था दी है कि जब दो बालिग व्यक्ति एक साथ रह रहे हों, तो किसी को भी उनके शांतिपूर्ण जीवन में दख़ल देने का अधिकार नहीं है.
इससे पहले किसानों और सरकार के बीच चार जनवरी को हुई सातवें दौर की बातचीत भी बेनतीजा रही थी. किसान जहां तीनों कृषि क़ानूनों को निरस्त करने की मांग पर अड़े हैं, तो दूसरी ओर सरकार क़ानूनों के दिक्कत वाले प्रावधानों और अन्य विकल्पों पर चर्चा करने पर अडिग नज़र आ रही है.
केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीन नए कृषि क़ानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर कई राज्यों के किसान दिल्ली की विभिन्न सीमाओं में एक महीने से अधिक समय से विरोध कर रहे हैं
बीते पंद्रह दिनों में यह दूसरी बार है जब कर्नाटक हाईकोर्ट ने मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा की याचिका ख़ारिज की है. इससे पहले 23 दिसंबर को अदालत ने भूमि अधिसूचना वापस लेने के एक अन्य मामले में चल रही आपराधिक कार्रवाई रद्द करने के येदियुरप्पा के अनुरोध को नहीं माना था.
केंद्र सरकार से शुक्रवार को होने वाली आठवें दौर की बातचीत से पहले हज़ारों किसानों ने दिल्ली और हरियाणा में ट्रैक्टर मार्च निकाला. किसानों का कहना है कि 26 जनवरी को हरियाणा, पंजाब और उत्तर प्रदेश के विभिन्न हिस्सों से राष्ट्रीय राजधानी में आने वाले ट्रैक्टरों की प्रस्तावित परेड से पहले यह महज़ एक रिहर्सल है.
भाजपा के पूर्व मंत्री टिकशान सूद के बयान से नाराज प्रदर्शनकारी किसानों ने उनके घर के बाहर गोबर फेंक दिया था जिसके बाद उन पर हत्या के प्रयास सहित कई अन्य आरापों में मामला दर्ज कर लिया गया था. पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने हत्या के प्रयास का मामला दर्ज करने वाले एसएचओ के तबादले का भी आदेश दिया है और अब मामले की जांच एसआईटी कर रही है.
केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रक संगठन के भारत बायोटेक के कोविड-19 टीके के आपात इस्तेमाल को मंज़ूरी देने के बाद से इसे लेकर कुछ सवाल उठ रहे हैं. लेकिन सरकार और उसके समर्थक जवाब न देने की अपनी पुरानी परंपरा के मुताबिक़ सवाल पूछने वालों पर राजनीति करने की तोहमत लगा रहे हैं.
भारतीय किसान यूनियन के नेता युधवीर सिंह ने कहा, ‘मंत्री चाहते हैं कि हम क़ानून पर बिंदुवार चर्चा करें. हमने ऐसा करने से इनकार कर दिया और कहा कि क़ानूनों पर चर्चा करने का कोई मतलब नहीं बनता, क्योंकि हम चाहते हैं कि क़ानून पूरी तरह से वापस हों. सरकार हमें संशोधनों की ओर ले जाना चाहती है, लेकिन हम इसे स्वीकार नहीं करेंगे.’
भाजपा नेता और राज्य के पूर्व गृहमंत्री संपत सिंह ने कहा कि इस समय किसी भी राजनीतिक दल में किसानों को उकसाने की ताक़त नहीं है. यह पूरी तरह से किसानों के अस्तित्व के लिए उनका संघर्ष है इसलिए आंदोलन के लिए विपक्षी दलों को ज़िम्मेदार ठहराना बेतुका है.
मामला बरेली ज़िले का है, जहां एक जनवरी को 24 साल की एक महिला पर जबरन धर्म परिवर्तन का दबाव डालने के आरोप में तीन मुस्लिम युवकों पर मामला दर्ज किया गया था. पुलिस का कहना है कि जांच में तीनों युवकों पर लगाए गए आरोप ग़लत पाए गए हैं.
बताया जा रहा है कि प्रदर्शनकारियों ने भाजपा नेता और पंजाब के पूर्व मंत्री टिकशान सूद के घर में गोबर इसलिए फेंका, क्योंकि वे उनके उस बयान से नाराज थे, जिसमें उन्होंने कथित तौर कहा था कि सिंघू बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे अधिकांश किसान कृषि क़ानूनों से परिचित नहीं हैं और वे वहां पिकनिक पर जा रहे हैं.
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने रविवार को कहा कि पत्थरबाज़ों और सार्वजनिक या किसी की व्यक्तिगत संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वाले उपद्रवियों को सज़ा दिलाने के साथ-साथ उनसे नुकसान की वसूली करने के लिए मध्य प्रदेश में जल्द ही सख़्त क़ानून बनेगा.