नगा राष्ट्रीय राजनीतिक समूहों की ओर से जारी एक वक्तव्य में कहा गया कि इंतज़ार की घड़ियां समाप्त हुईं और केंद्र ऐसा समाधान निकालने के लिए आवश्यक क़दम उठा रहा है, जो सभी को स्वीकार्य हो.
बीते जून माह में सरकार ने देश की संप्रभुता, अखंडता और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए ख़तरा बताते हुए टिकटॉक और यूसी ब्राउज़र सहित चीन से संबंधित 59 मोबाइल ऐप पर प्रतिबंध लगा दिया था. इसके बाद जुलाई में चीन से जुड़े 47 मोबाइल ऐप पर प्रतिबंध लगाया था.
केंद्र और एनएससीएन-आईएम के बीच नगा शांति वार्ता की प्रक्रिया को लेकर चल रही तनातनी के बीच नगालैंड के मुख्य विपक्षी दल नगा पीपुल्स फ्रंट ने इस मसले पर गठित विधायकों के फोरम से ख़ुद को अलग करते हुए कहा कि मुद्दे के समाधान के लिए मौजूदा सरकार की अनिच्छा की वजह से इसमें कोई प्रगति नहीं हो सकी.
केंद्र सरकार के साथ शांति वार्ता में शामिल सबसे बड़े नगा संगठन नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नगालैंड-इसाक मुईवाह ने 2015 में सरकार के साथ हुए फ्रेमवर्क एग्रीमेंट की प्रति सार्वजनिक करते हुए कहा कि वार्ताकार आरएन रवि नगा राजनीतिक मसले को संवैधानिक क़ानून-व्यवस्था की समस्या का रंग दे रहे हैं.
नगालैंड के राज्यपाल और शांति वार्ता में मध्यस्थ की भूमिका निभा रहे आरएन रवि ने स्वतंत्रता दिवस पर दिए अपने संदेश में प्रदेश सरकार को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के कुशल नेतृत्व में पूरा देश आगे बढ़ रहा है लेकिन 'निजी हितों' की वजह से नगालैंड पीछे छूट गया है.
इनमें से अधिकतर उन चाइनीज़ ऐप्स के क्लोन या उन्हीं के समान ऐप्स हैं, जिन्हें बीते जून महीने में प्रतिबंधित किया गया था.
साल 2012 में भारत ने इटली के दो नौसैनिकों पर दो भारतीय मछुआरों की हत्या का आरोप लगाया था. अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता अदालत ने भारत को इनके ख़िलाफ़ आपराधिक कार्यवाही को रोकने का आदेश दिया है और कहा कि भारत इस मामले में मुआवज़े का हक़दार है.
ये प्रतिबंध लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीनी सैनिकों के साथ मौजूदा तनावपूर्ण स्थितियों के बीच लगाए गए हैं. सरकार ने कहा है कि ये ऐप देश की संप्रभुता, अखंडता और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए हानिकारक हैं. टिकटॉक की ओर से कहा गया है कि वे इस आदेश की अनुपालन की प्रक्रिया में हैं. उन्हें जवाब और स्पष्टीकरण देने के लिए आमंत्रित किया गया है.
आज सबसे बड़ा प्रश्न यह है कि क्या किसी चीज़ का कोई तर्क बचा है? क्या यह इसलिए है कि सरकार निश्चिंत है कि उसके फैसलों की तर्कहीनता की हिमाकत पर उसकी जनता मर मिटने को तैयार बैठी है?
कोविड-19 लॉकडाउन और यात्रा प्रतिबंधों की वजह से विदेशों में फंसे भारतीयों को वापस लाने के लिए केंद्र सरकार ने सात मई से ‘वंदे भारत मिशन’ की शुरुआत की है, लेकिन इस मिशन की सूची में श्रीलंका का नाम न होने से वहां करीब दो महीनों से फंसे भारतीयों में नाराज़गी है.
फेसबुक ने मंगलवार को ट्रांसपेरेंसी रिपोर्ट जारी की, जिसमें 2019 में दुनियाभर की सरकारों की ओर से यूजर्स डाटा की जानकारी के लिए आईं इमरजेंसी रिक्वेस्ट की जानकारी दी गई है. यूजर्स डाटा के लिए सबसे ज्यादा रिक्वेस्ट भेजने के मामले में भारत दूसरे स्थान पर है.
ट्विटर द्वारा लुमेन डेटाबेस को भेजे गए एक नोटिस से संकेत मिलता है कि आईटी मंत्रालय ने कर्नाटक के दक्षिणी बेंगलुरु से भाजपा सांसद तेजस्वी सूर्या द्वारा साल 2015 में किए गए एक ट्वीट सहित 100 से अधिक ट्वीट को भारत में देखे जाने से प्रतिबंधित करने के लिए कहा था.
कोरोना वायरस के मद्देनज़र देश में लागू लॉकडाउन के चलते हवाई सेवाएं तीन मई तक निलंबित हैं. एयरलाइंस कंपनियों के वैश्विक संगठन आईएटीए अपील की है कि भारत सरकार को एयरलाइंस कंपनियों की मदद करनी चाहिए, ताकि इस मुश्किल वक़्त से ये बाहर निकल सकें.
याचिका में यह दावा भी किया गया है कि 860 मछुआरों में से कोई भी अब तक कोरोना वायरस से संक्रमित नहीं हुआ है, लेकिन वे पर्याप्त भोजन या पानी के बिना अमानवीय परिस्थितियों में ईरान में फंसे हुए हैं.
मानवाधिकार संस्था ह्यूमन राइट्स वॉच के दक्षिण एशिया क्षेत्र की निदेशक ने कहा है कि भारत के प्रधानमंत्री ने कोरोना वायरस के ख़िलाफ़ एकजुट होकर लड़ने की अपील की है, लेकिन उनके द्वारा मुस्लिम विरोधी हिंसा और भेदभाव के खिलाफ लड़ाई में एकता का आह्वान किया जाना अभी बाकी है.