नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ तमिलनाडु की मुख्य विपक्षी पार्टी और उसके गठबंधन सहयोगियों की आज चेन्नई में हो रही महारैली पर रोक लगाने के लिए मद्रास हाईकोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की गई थी. हालांकि, हाईकोर्ट ने रैली पर रोक लगाने से इनकार कर दिया. हाईकोर्ट ने पुलिस को रैली का वीडियो बनाने का आदेश दिया है.
तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई में नागरिकता क़ानून के विरोध में भारी सुरक्षा के बीच डीएमके ने रैली का आयोजन किया. पार्टी प्रमुख ने सवाल उठाया कि नागरिकता संशोधन क़ानून के तहत मुसलमानों को शरणार्थी और श्रीलंका को पड़ोसी देश का दर्जा क्यों नहीं दिया गया है.
तमिलनाडु सरकार का दावा है कि सोशल मीडिया अकाउंट को आधार से लिंक करने पर फ़र्ज़ी ख़बरों के प्रसार, आतंकवाद और राष्ट्रविरोधी सामग्री के प्रसार को रोकने में मदद मिलगी. फेसबुक गोपनीयता नीति का हवाला देते हुए इसका विरोध कर रहा है.
फेसबुक ने सोशल मीडिया प्रोफाइल आधार से जोड़ने की मांग का विरोध किया है, वहीं सुप्रीम कोर्ट भी फेसबुक की उस याचिका पर सुनवाई पर सहमत हो गया है जिसमें यूजर के सोशल मीडिया अकाउंट को आधार से जोड़ने की मांग के मामलों को सुप्रीम कोर्ट स्थानांतरित करने की बात कही गई है. इस मुद्दे पर चर्चा कर रही हैं द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी.
सुप्रीम कोर्ट फेसबुक की उस याचिका पर सुनवाई के लिए सहमत हो गया है जिसमें यूजर के सोशल मीडिया अकाउंट को आधार नंबर से जोड़ने की मांग करने वाले मामलों को सुप्रीम कोर्ट स्थानांतरित करने की मांग की गई है. तमिलनाडु सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा था कि सोशल मीडिया अकाउंट को उसके यूजर के आधार नंबर से जोड़ने की आवश्यकता है.
इस महीने की शुरुआत में मद्रास हाईकोर्ट ने नलिनी को उसकी बेटी की शादी में शामिल होने के लिए 30 दिन के परोल की मंजूरी दी थी. हालांकि, इस दौरान उसके साक्षात्कार देने, सोशल मीडिया पर पोस्ट करने और किसी भी राजनीतिक व्यक्ति से मुलाकात करने पर रोक रहेगी.
नलिनी ने अपनी बेटी की शादी के लिए छह महीने का अवकाश मांगा था. वह वेल्लूर की विशेष महिला जेल में 27 साल से अधिक समय से बंद है. हाईकोर्ट ने नलिनी को कोई साक्षात्कार नहीं देने और किसी भी राजनीतिक व्यक्ति से मुलाकात नहीं करने का आदेश दिया है.
जस्टिस जीआर स्वामीनाथन ने अपनी उपलब्धियों के साथ अपनी कमियों को भी गिनाया है और इसके लिए माफी भी मांगी है. जज ने दो सालों में कुल 21,478 मामले निपटाए हैं. इसमें से 18,944 मामलों का निपटारा उन्होंने अकेले किया है.
मद्रास उच्च न्यायालय ने कहा कि मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी कानून, 1971 की धारा तीन के प्रावधानों के तहत गर्भपात कराया जा सकता है. पीड़िता को बेवजह अदालत का दरवाजा खटखटाने के लिए मजबूर नहीं किया जाना चाहिए.
अन्नाद्रमुक के नेतृत्व वाली तमिलनाडु सरकार ने पांच दिसंबर 2016 को अपोलो अस्पताल में जयललिता की मौत की परिस्थितियों की जांच के लिए एक सदस्यीय आयोग गठित किया था. आयोग की जांच के ख़िलाफ़ अपोलो अस्पताल ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी.
मद्रास हाईकोर्ट की मदुरई पीठ ने कहा कि टिकटॉक ऐप अश्लीलता को बढ़ावा देता है. अदालत ने मीडिया को भी इस ऐप के माध्यम से बनाए गए वीडियो का प्रसारण न करने का निर्देश दिया.
मद्रास उच्च न्यायालय के जस्टिस एसएम सुब्रमण्यम ने अपने आदेश में कहा कि आम आदमी सरकारी दफ़्तरों में और सरकारी कर्मचारियों की भ्रष्ट कार्यप्रणाली से पूरी तरह से हताश है.
जस्टिस अरुण मिश्रा और जस्टिस विनीत सरन की पीठ ने कहा कि न्यायपालिका की सेवा करने के लिए काफी बलिदान दिए गए हैं, जो सैन्य सेवा से कम नहीं है.
तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जे. जयललिता का मरीना बीच पर बन रहे स्मारक के ख़िलाफ़ दायर की गई याचिका पर विचार करते हुए कोर्ट ने ये बात कही.
तमिलनाडु के तंजौर में यूनेस्को के वर्ल्ड हैरिटेज स्थल में शामिल बृहदेश्वर मंदिर में श्रीश्री रविशंकर की संस्था आर्ट ऑफ लिविंग का ध्यान शिविर आयोजित होना था. तमिल संगठनों के विरोध के बाद मद्रास हाईकोर्ट द्वारा इस पर अंतरिम रोक लगा दी गई.