राष्ट्रीय राजधानी के रोहिणी इलाके के जयपुर गोल्डन अस्पताल को उन्हें आवंटित ऑक्सीजन का कोटा शुक्रवार शाम को मिल जाना था, लेकिन यह आधी रात में पहुंचा. अस्पताल के निदेशक ने बताया कि उनके पास उपलब्ध ऑक्सीजन का भंडार कम होने के कारण फ्लो घट गया था, जिसके बाद मरीज़ों को नहीं बचाया जा सका.
दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल के प्रमुख डॉ. डीएस राणा ने कहा कि उन्हें ऑक्सीजन की केवल 500 से 1500 घन मीटर की आपूर्ति मिल रही है और अस्पताल में 516 कोविड मरीज़ हैं, जिनमें से 129 आईसीयू और 29 वेंटिलेटर पर हैं. आपूर्ति की कमी के कारण इन 29 मरीज़ों को आधी रात से से हाथों के ज़रिये वेंटिलेशन दिया जा रहा है लेकिन यह लंबे समय तक नहीं किया जा सकता.
पंजाब के अमृसर स्थित नीलकंठ अस्पताल ने दावा किया कि उसके तीन प्रमुख ऑक्सीजन आपूर्तिकर्ताओं ने कहा कि आपूर्ति के मामले में सरकारी अस्पतालों को प्राथमिकता दी जा रही है. उसने कहा कि ज़िला प्रशासन से बार-बार मदद की गुहार लगाने के बावजूद किसी ने मदद नहीं की. दो महिलाओं सहित छह मरीज़ों की मौत ऑक्सीजन की कमी से हुई है.
घटना जबलपुर के गैलेक्सी अस्पताल की है. परिजनों का आरोप है कि ऑक्सीजन की कमी के कारण कोरोना संक्रमित मरीज़ों की जान गई, वहीं अस्पताल प्रबंधन और ज़िला प्रशासन ने ऑक्सीजन कमी के आरोपों से इनकार किया है.
देश में कोरोना महामारी की स्थिति पर स्वतः संज्ञान लेने के मामले को लेकर कुछ वरिष्ठ वकीलों की टिप्पणियों से नाख़ुश शीर्ष अदालत ने मामले की सुनवाई टालते हुए कहा कि उसने देश में कोविड-19 प्रबंधन से जुड़े मामलों की सुनवाई करने से उच्च न्यायालयों को नहीं रोका है.
सर गंगाराम अस्पताल के चिकित्सा निदेशक ने कहा है कि अस्पताल का ऑक्सीजन का भंडार कुछ घंटे और चलेगा, वेंटिलेटर और बीआईपीएपी मशीनें भी प्रभावी रूप से काम नहीं कर रही हैं. अस्पताल के सूत्रों के अनुसार, बीते चौबीस घंटों में हुई 25 मौतों में से कुछ का संभावित कारण ऑक्सीजन का कम दबाव हो सकता है.
मैक्स अस्पताल की ऑक्सीजन आपूर्ति संबंधी याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में ऑक्सीजन आपूर्ति केंद्र के ज़िम्मे है और उसके आवंटन आदेश का पालन न किए जाने पर स्थानीय अधिकारियों के ख़िलाफ़ आपराधिक कार्रवाई की जा सकती है.
देश में कोविड-19 की दूसरी लहर के बढ़ते प्रकोप के बीच सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह चार बिंदुओं- ऑक्सीजन और आवश्यक दवाओं की आपूर्ति, टीकाकरण की विधि और लॉकडाउन घोषित करने की राज्य की शक्ति पर संज्ञान लेने का प्रस्ताव कर रहा है और इस बारे में एक राष्ट्रीय योजना के लिए नोटिस जारी करना चाहता है.
गुजरात के बनासकांठा ज़िले के डीसा शहर का मामला. ज़िला स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि उनके पास मंगलवार तक ही स्टॉक था और नए स्टॉक का आदेश दिया गया था जो दिन में पहुंचा. इसी बीच ऑक्सीजन की कमी से दो मरीज़ों ने दम तोड़ दिया.
उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ स्थिति एक निजी अस्पताल का मामला. मरीज़ों की मौत से नाराज़ उनके परिजन ने अस्पताल में खूब हंगामा किया. अस्पताल प्रशासन कहना है कि किसी भी मरीज़ की ऑक्सीजन की कमी के कारण मौत नहीं हुई है.
दिल्ली हाईकोर्ट ने ऑक्सीजन की तत्काल ज़रूरत पर याचिका सुनते हुए केंद्र सरकार को कड़ी फटकार लगाई. अदालत ने कहा कि जब तक ऑक्सीजन का आयात नहीं होता तब तक अगर इस्पात-पेट्रोलियम जैसे उद्योग कम क्षमता के साथ काम करें तो कोई पहाड़ नहीं टूट पड़ेगा. लेकिन अस्पतालों को ऑक्सीजन नहीं मिली तो तबाही मच जाएगी. हम लोगों को ऑक्सीजन की कमी के कारण मरते हुए नहीं देख सकते.
कोविड-19 के बढ़ते संक्रमण के बीच राष्ट्रीय राजधानी में उपजे 'ऑक्सीजन संकट' की चेतावनी के बाद मंगलवार देर रात और बुधवार सुबह कुछ बड़े सरकारी और निजी अस्पतालों को ऑक्सीजन की नयी खेप मिली है. ऑक्सीजन की कमी को देखते हुए मंगलवार को हाईकोर्ट ने केंद्र से ऑक्सीजन के औद्योगिक उपयोग पर तुरंत रोक लगाने का निर्देश देते हुए कहा था कि आर्थिक हित मानव जीवन से ज़्यादा महत्वपूर्ण नहीं हैं.
कोरोना महामारी के बढ़ते प्रकोप की वजह से राजधानी दिल्ली समेत देश विभिन्न शहरों में ऑक्सीजन, वेटिंलेटर और अस्पतालों में बिस्तरों की कमी की ख़बरें आ रही हैं. दिल्ली हाईकोर्ट पीठ ने केंद्र सरकार से यह जानकारी देने को कहा कि कोविड-19 के मरीज़ों के लिए ऑक्सीजन की पर्याप्त आपूर्ति के लिए क्या-क्या किया जा सकता है?
कोरोना महामारी की दूसरी लहर के बीच मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने कहा कि राष्ट्रीय आपदा एवं देशव्यापी समस्या होने के कारण केंद्र सरकार को औद्योगिक उपयोग की ऑक्सीजन को मेडिकल ऑक्सीजन के लिए उपयोग करने की व्यवस्था पर विचार करना चाहिए और यदि फ़िर भी यह ऑक्सीजन पर्याप्त नहीं होती है तो इसका आयात करना चाहिए.