क्या गोरखपुर ऑक्सीजन कांड में डॉ. कफ़ील ख़ान को बलि का बकरा बनाया गया?

साल 2017 में गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में हुए ऑक्सीजन कांड में आरोपी डॉ. कफ़ील ख़ान से संबंधित जांच रिपोर्ट आ गई है. रिपोर्ट के अनुसार, उन पर ऑक्सीजन की कमी की सूचना अधिकारियों को न देने और कर्तव्यों का पालन न करने के आरोप साबित नहीं हो पाए हैं.

उत्तर प्रदेश: 17 ओबीसी जातियों को एससी में डालने की योगी सरकार की अधिसूचना पर रोक

बीते जून महीने में योगी सरकार ने 17 ओबीसी जातियों को एससी में शामिल करने की अधिसूचना जारी की थी, जिसका विरोध केंद्र सरकार ने भी किया था.

खट्टर के बाद योगी आदित्यनाथ भी बोले, ज़रूरत पड़ी तो यूपी में लागू करेंगे एनआरसी

रविवार को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने घोषणा की थी कि उनके राज्य में असम की तर्ज पर एनआरसी लागू किया जाएगा.

उत्तर प्रदेश: 40 साल बाद सभी मुख्यमंत्री और मंत्री ख़ुद करेंगे आयकर का भुगतान

मीडिया में ख़बर आने के बाद हुआ बदलाव. अब तक उत्तर प्रदेश मंत्री वेतन, भत्ते एवं विविध कानून 1981 के अंतर्गत सभी मुख्यमंत्रियों और मंत्रियों के आयकर का भुगतान राज्य सरकार के कोष से किया जाता था.

उत्तर प्रदेश में सरकारी ख़ज़ाने से होता है मुख्यमंत्री और उनके मंत्रियों के आयकर का भुगतान

उत्तर प्रदेश मंत्री वेतन, भत्ते एवं विविध क़ानून 1981 जब बना था तब विश्वनाथ प्रताप सिंह राज्य के मुख्यमंत्री थे. इस क़ानून ने अब तक 19 मुख्यमंत्रियों और लगभग 1000 मंत्रियों को लाभ पहुंचाया है.

किस हाल में है सोनभद्र का वो गांव, जहां के आदिवासी किसानों की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी

ग्राउंड रिपोर्ट: बीते 17 जुलाई को सोनभद्र के उम्भा गांव में जमीन पर कब्जे को लेकर हुए खूनी संघर्ष में 10 आदिवासी किसानों की हत्या कर दी गई थी, जबकि 28 अन्य घायल हो गए थे. इस मामले में ग्राम प्रधान यज्ञ दत्त मुख्य आरोपी हैं.

पुलिस मुठभेड़ के बाद डकैती के आरोप में पकड़ा गया अख़लाक़ हत्याकांड का आरोपी

घर में गोमांस रखने के आरोप में दादरी के बिसाहड़ा गांव में सिंतबर, 2015 में मोहम्मद अख़लाक़ की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी. इस मामले के सभी 18 आरोपी जमानत पर हैं. इनमें से एक हरिओम लूटपाट और गाजियाबाद में चुरायी हुई संपत्ति बेईमानी से हासिल करने के कम से कम चार मामलों में वांछित था.

चिन्मयानंद पर छात्रा के आरोपों की जांच के लिए एसआईटी गठित करे यूपी सरकार: सुप्रीम कोर्ट

उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर स्थित स्वामी शुकदेवानंद विधि महाविद्यालय की कानून की छात्रा ने पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता स्वामी चिन्मयानंद पर उत्पीड़न और कई लड़कियों की ज़िंदगी बर्बाद करने का आरोप लगाया है. चिन्मयानंद इसी महाविद्यालय की प्रबंधन समिति के अध्यक्ष हैं.

पूर्व केंद्रीय मंत्री ​चिन्मयानंद पर उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली छात्रा राजस्थान में मिली

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को ही छात्रा को शीर्ष अदालत में पेश करने का उत्तर प्रदेश सरकार को निर्देश दिया है. छात्रा ने पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता स्वामी चिन्मयानंद पर उत्पीड़न और कई लड़कियों की ज़िंदगी बर्बाद करने का आरोप लगाया है.

पूर्व भाजपा सांसद चिन्मयानंद पर यौन शोषण का आरोप लगाने वाली छात्रा गायब, केस दर्ज

पिछले साल उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने चिन्मयानंद के खिलाफ दर्ज बलात्कार और अपहरण के मामले वापस लेने का फैसला किया था.

उत्तर प्रदेश: आवारा गायों को पालने के लिए 900 रुपये प्रतिमाह देगी योगी सरकार

मुख्यमंत्री बेसहारा गोवंश सहभागिता योजना के अंतर्गत सरकार द्वारा संचालित गोशालाओं के गोवंश को देखभाल के लिए इच्छुक लोगों को दिया जाएगा, जिसके लिए उन्हें प्रति पशु के लिए प्रतिदिन तीस रुपये के हिसाब से 900 रुपये महीना दिया जाएगा.

उत्तर प्रदेश के अमेठी में सेना के रिटायर कैप्टन की पीट-पीट कर ​हत्या

अमेठी ज़िले के गोडियन का पुरवा गांव का मामला. अज्ञात बदमाश सेना के रिटायर कैप्टन अमानुल्लाह ख़ान के घर के बगल में स्थित दुकान से चोरी कर रहे थे. अमानुल्लाह की पत्नी ने बताया कि उनके पति ने चोरी का विरोध किया था.

हम भी भारत: सोनभद्र से क़त्ल-ए-आम की पूरी कहानी

वीडियो: बीते 17 जुलाई को उत्तर प्रदेश में सोनभद्र ज़िले के उम्भा गांव में 90 ​बीघा जमीन पर क़ब्ज़े को लेकर हुए खूनी संघर्ष में 10 आदिवासी किसानों की मौत हो गई थी. इस मुद्दे पर द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी की उम्भा गांव के मृतक आदिवासियों के परिजनों से बातचीत.

कब तक भूख और गोली से मारे जाएंगे आदिवासी?

सोनभद्र में किसी ने उन आदिवासियों की भुखमरी के हालात की तह में जाने की कोशिश तक नहीं की, यह सवाल नहीं पूछा कि मौत का ख़तरा होते हुए भी वे इस अनउपजाऊ क्षेत्र में ज़मीन से क्यों चिपके हुए थे?

सोनभद्र में जिस ज़मीन के लिए 10 लोगों को मार दिया गया, उसका कोई राजस्व रिकॉर्ड नहीं

अपर ज़िलाधिकारी ने बताया कि उम्भा गांव की उक्त विवादित भूमि से संबंधित 1955 के रिकॉर्ड नष्ट किए जा चुके हैं. एक निर्धारित अवधि के बाद कुछ रिकॉर्ड नियमानुसार नष्ट कर दिए जाते हैं. ऐसा इसलिए किया जाता है क्योंकि उनके रखने के लिए स्थान की समस्या हो जाती है.

1 17 18 19 20 21 46