गुजरात के वडोदरा शहर के एक थाने आरोपी 26 वर्षीय समीर क़ुरैशी उनके माता-पिता, बहन चाचा और एक अन्य व्यक्ति के ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज कराई है. पुलिस ने इन्हें हिरासत में ले लिया है. 24 वर्षीय युवती ने आरोप लगाया है कि सोशल मीडिया पर ग़लत पहचान के ज़रिये शादी के नाम पर आरोपी ने उनके साथ कई बार बलात्कार किया और जबरन धर्म परिवर्तन कराया.
गुजरात के जामनगर के गुरु गोबिंद सिंह सरकारी अस्पताल का मामला है. महिला कर्मचारियों ने बताया कि उनके सुपरवाइज़रों ने यौन संबंध बनाने के उनके प्रस्तावों को ठुकराने वाली अटेंडेंट्स को लगभग तीन महीने का वेतन दिए बिना निकाल दिया. राज्य सरकार इन आरोपों की जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति का गठन किया है.
एनजीओ ‘मदर टेरेसा वेलफेयर ट्रस्ट’ द्वारा संचालित जमशेदपुर ज़िले के एक बाल आश्रय गृह की दो नाबालिग आदिवासी लड़कियों ने संचालक समेत अन्य पर यौन उत्पीड़न सहित कई गंभीर आरोप लगाए हैं. आश्रय गृह से 40 बच्चों को जमशेदपुर के ही दूसरे आश्रय गृह में भेजे जाने के दौरान उनमें से दो बच्चियां लापता हो गई थीं. इनका अब तक पता नहीं लग सका है.
मामला जमशेदपुर ज़िले के राज्य पंजीकृत महिला आश्रयगृह का है, जहां दो नाबालिग आदिवासी लड़कियों ने संचालक समेत अन्य पर चार सालों से यौन उत्पीड़न और प्रताड़ना समेत कई गंभीर आरोप लगाए हैं. पुलिस के अनुसार, मामले में एफआईआर दर्ज हो गई है और आश्रयगृह के बच्चों को स्थानांतरित किया जा रहा है.
पत्रकार तरुण तेजपाल को महिला सहयोगी के यौन उत्पीड़न के आरोपों से बरी करने के फ़ैसले को लेकर बॉम्बे हाईकोर्ट ने सत्र अदालत को नोटिस भेजा है. हाईकोर्ट ने कहा कि सत्र अदालत का निर्णय रेप पीड़िताओं के लिए मैनुअल जैसा है जहां यह बताया गया है कि ऐसे मामलों में एक पीड़िता को कैसी प्रतिक्रिया देनी चाहिए.
एक सत्र अदालत द्वारा पत्रकार तरुण तेजपाल को महिला सहयोगी के यौन उत्पीड़न के आरोपों से बरी करने को गोवा सरकार ने हाईकोर्ट में चुनौती दी है. सरकार ने कहा कि मामले में दोबारा सुनवाई इसलिए हो क्योंकि जज ने पूछताछ के दौरान शिकायतकर्ता से निंदनीय, असंगत और अपमानजनक सवाल पूछने की मंज़ूरी दी.
तरुण तेजपाल को यौन उत्पीड़न के आरोपों से बरी करने का फ़ैसला पीड़ित महिलाओं को लेकर प्रचलित पूर्वाग्रहों पर आधारित है. उचित संदेह के आधार पर हुई न्यायिक जांच से मिली बेगुनाही का विरोध कोई नहीं करता, पर इस बात पर ज़ोर देना चाहिए कि बलात्कार की सर्वाइवर्स को निष्पक्ष सुनवाई का अवसर ज़रूर मिले.
रामपुर का मामला. पीड़ित किशोरी की मां ने शिकायत दर्ज कराते हुए कहा कि उनकी बेटी ने बताया कि उनके घर के पास रहने वाले एक युवक ने कुछ महीने पहले उसका बलात्कार किया था, जिसके बाद वह गर्भवती हो गई थी. आरोपी युवक के परिवार ने पीड़िता का जबरन गर्भपात करा दिया था. मामले में आरोपी युवक, उसकी मां और बड़े भाई के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है. मामले में अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है.
तमिल कवि एवं गीतकार वैरामुथु को ओएनवी अकादमी की ओर से दिए जाने वाले साहित्यिक पुरस्कार के लिए चुना गया था. अभिनेत्री पार्वती थिरुवोथु और गीतू मोहनदास तथा गायिका चिन्मयी श्रीपदा आदि ने इसका विरोध किया था. ये महिलाओं में शामिल हैं, जिन्होंने गीतकार पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए हैं. वहीं, अकादमी के अध्यक्ष और मलयालम फिल्मों के निर्देशक अडूर गोपालकृष्णन ने उनको पुरस्कार देने के फैसले का समर्थन किया था.
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि ऐसे मामलों में ज़मानत देते वक्त सर्वोच्च न्यायालय के अपर्णा भट्ट केस के निर्देशों का ध्यान रखना चाहिए, जिसमें कहा गया है कि ज़मानत की ऐसी कोई शर्त नहीं होनी चाहिए, जो कि आरोपी द्वारा पहुंचाए गए नुकसान को धूमिल कर दे और पीड़िता के दुख को और बढ़ा दे.
बीते 21 मई को गोवा की एक सत्र अदालत ने पत्रकार तरुण तेजपाल को महिला सहयोगी का यौन उत्पीड़न करने के मामले से बरी करते हुए कहा था कि घटना का कोई मेडिकल प्रमाण नहीं है और शिकायतकर्ता की ‘सच्चाई पर संदेह पैदा करने’ वाले ‘तथ्य’ मौजूद हैं.
तहलका के संस्थापक और संपादक तरुण तेजपाल को सहकर्मी से यौन उत्पीड़न के आरोपों से बरी करते हुए गोवा की सत्र अदालत की जज क्षमा जोशी ने कहा कि घटना का कोई मेडिकल प्रमाण नहीं है और शिकायतकर्ता की 'सच्चाई पर संदेह पैदा करने' वाले 'तथ्य' मौजूद हैं. गोवा सरकार ने इस निर्णय को बॉम्बे हाईकोर्ट में चुनौती दी है.
तहलका के पूर्व संपादक तरुण तेजपाल को यौन उत्पीड़न के आरोपों से बरी करने के फ़ैसले पर महिला पत्रकारों के संगठनों और कार्यकर्ताओं ने मामले की सर्वाइवर के साथ एकजुटता जताई है. एक संगठन ने कहा कि यह मामला शक्ति के असंतुलन का प्रतीक है जहां महिलाओं की शिकायतों पर निष्पक्षता से सुनवाई नहीं होती.
‘तहलका’ पत्रिका के पूर्व प्रधान संपादक पर 2013 में गोवा के एक होटल की लिफ्ट में महिला सहयोगी का यौन उत्पीड़न करने का आरोप था. अदालत के फैसले के बाद अभियोजन पक्ष ने कहा कि वह फैसले को उच्च न्यायालय में चुनौती देंगे. बरी किए जाने के बाद तेजपाल ने कहा कि पिछले साढ़े सात साल उनके परिवार के लिए घाव देने वाले रहे हैं, क्योंकि उन्हें उन पर लगाए गए झूठे आरोपों के कारण विनाशकारी नतीजों का सामना करना
मुंबई के पत्रकार वरुण हिरेमथ पर एक महिला ने बलात्कार का आरोप लगाते हुए दिल्ली के चाणक्यपुरी थाने में एफआईआर दर्ज कराई है. फरवरी में मामला दर्ज होने के बाद से ही आरोपी फ़रार हैं. महिला ने केंद्रीय गृह मंत्री, पुलिस कमिश्नर और सहायक पुलिस आयुक्त को पत्र लिखकर आरोपी को गिरफ़्तार करने में प्रशासन की अनिच्छा को लेकर रोष जताया है.