जोधपुर की एक अदालत ने साल 2018 को आसाराम को 2013 में अपने आश्रम में एक किशोरी के साथ बलात्कार करने का दोषी पाने के बाद उम्रकैद की सज़ा सुनाई थी. अब आसाराम ने अपनी विभिन्न बीमारियों का हवाला देते हुए याचिका दायर कर सज़ा निरस्त करने और अंतरिम ज़मानत की मांग की है.
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि ऐसे मामलों में ज़मानत देते वक्त सर्वोच्च न्यायालय के अपर्णा भट्ट केस के निर्देशों का ध्यान रखना चाहिए, जिसमें कहा गया है कि ज़मानत की ऐसी कोई शर्त नहीं होनी चाहिए, जो कि आरोपी द्वारा पहुंचाए गए नुकसान को धूमिल कर दे और पीड़िता के दुख को और बढ़ा दे.
संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष की रिपोर्ट के मुताबिक, महिलाओं के लिए अपने शरीर पर अधिकारहीनता की स्थिति कोरोना वायरस महामारी के कारण और भी ज़्यादा बदतर हुई है. संयुक्त राष्ट्र प्रमुख ने एक रिपोर्ट जारी कर कहा है कि महामारी के कारण पिछले वर्ष लिंग आधारित हिंसा में बढ़ोतरी देखी गई और कई देशों में यौन हिंसा को युद्ध की क्रूर युक्ति एवं राजनीतिक दमन के तौर पर इस्तेमाल किया गया.
उत्तर प्रदेश में मेरठ ज़िले के थाना सरधना क्षेत्र का मामला है. बीते एक अप्रैल को दसवीं में पढ़ने वाली छात्रा को गांव के ही चार युवकों ने अपहरण कर सामूहिक बलात्कार किया था. परिजनों का आरोप है कि आरोपियों ने बलात्कार के बाद ज़हर पिलाया था. वहीं, पुलिस कह रही है उसके पास से सुसाइड नोट मिला है इसलिए आत्महत्या है.
मामला फ़िरोज़ाबाद ज़िले के जसराना थाना क्षेत्र का है, जहां पिछले दिसंबर में गांव के एक युवक ने रिश्ते में भतीजी लगने वाली दस वर्षीय बच्ची से बलात्कार किया था. पॉक्सो के तहत गठित विशेष अदालत ने साढ़े तीन महीने के अंदर आरोपी को दोषी करार दिया और मौत की सज़ा सुनाई.
लॉकडाउन ख़त्म होने के एक साल बाद भी आयोग को हर महीने महिलाओं के विरुद्ध अपराध की दो हज़ार से अधिक शिकायतें मिल रही हैं, जिनमें से लगभग एक चौथाई घरेलू हिंसा से संबंधित हैं. राष्ट्रीय महिला आयोग को वर्ष 2019 में आयोग को घरेलू हिंसा से संबंधित 2,960 शिकायतें मिली थीं, जबकि 2020 में 5,297 शिकायतें प्राप्त हुई हैं.
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने बीते साल यौन उत्पीड़न के आरोपी को पीड़िता से राखी बंधवाने के शर्त पर ज़मानत दी थी. सुप्रीम कोर्ट ने इसे निरस्त करते हुए कहा यह यौन उत्पीड़न के अपराध को कमतर करता है. कोर्ट ने यौन उत्पीड़न के मामलों में ज़मानत देने के दिशानिर्देश भी दिए हैं.
विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि यह अध्ययन महिलाओं के ख़िलाफ़ हिंसा पर सबसे बड़ा अध्ययन है. इसमें 2010 से 2018 की अवधि को शामिल किया गया है. रिपोर्ट में अंतरंग साथी द्वारा हिंसा को महिलाओं के ख़िलाफ़ हिंसा का सबसे अधिक व्याप्त रूप बताया गया है, जिससे 64 करोड़ से ज़्यादा महिलाएं प्रभावित हैं.
मामला शाहजहांपुर जेल का है, जहां 21 दिसंबर को जेल परिसर में क़ैदियों को कंबल बांटने का कार्यक्रम आयोजित किया गया था, जिसमें आसाराम की तस्वीर वाला बैनर लगाया गया था. सोशल मीडिया पर इस कार्यक्रम की तस्वीर वायरल होने के बाद सरकार ने मामले की जांच के आदेश दिए थे.
राष्ट्रीय महिला आयोग के आंकड़ों के अनुसार साल 2020 में मिली कुल शिकायतों में से एक चौथाई घरेलू हिंसा से जुड़ी थीं. सर्वाधिक शिकायतें उत्तर प्रदेश से मिलीं, इसके बाद दिल्ली, हरियाणा और महाराष्ट्र रहे.
साल 2013 में आसाराम के आश्रम में पढ़ रही शाहजहांपुर की एक नाबालिग लड़की ने उन पर बलात्कार का आरोप लगाया था. अप्रैल 2018 में उन्हें अदालत ने आजीवन कारावास की सज़ा सुनाई थी. तब से आसाराम जेल में ही बंद हैं. शाहजहांपुर जेल में हुए कार्यक्रम को लेकर नाबालिग के पिता ने आपत्ति जताते हुए जांच की मांग की थी.
राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण के मुताबिक महिलाओं के ख़िलाफ़ घरेलू हिंसा के मामलों में सबसे बुरा हाल कर्नाटक, असम, मिज़ोरम, तेलंगाना और बिहार का है, जहां तीस प्रतिशत से अधिक महिलाओं को अपने पति द्वारा शारीरिक और यौन हिंसा का सामना करना पड़ा है.
घटना कटिहार ज़िले के एक गांव की है, जहां पंचायत ने अवैध संबंधों के आरोप में एक युवक और उसकी महिला मित्र का सिर मुंडवाकर पूरे गांव में घुमाया. ग्रामीणों ने महिला से सामूहिक बलात्कार किया और इसका वीडियो बनाया. फिर दोनों को निर्वस्त्र कर उनके निजी अंगों को लोहे के सरिये से दागा गया.
दिल्ली की एक स्थानीय अदालत ने नाबालिग के बलात्कार के दोषी ठहराए गए स्वयंभू संत आसाराम की सह-आरोपी की याचिका पर उन पर लिखी किताब को रिलीज़ होने से रोक दिया है. किताब आसाराम को गिरफ़्तार करने वाली राजस्थान पुलिस की टीम का नेतृत्व कर रहे आईपीएस अधिकारी अजय पाल लांबा ने लिखी है.
बीते बीस दिनों में लखीमपुर खीरी ज़िले में बलात्कार के बाद हत्या का यह तीसरा मामला है. बच्ची बुधवार से लापता थी और अगले दिन उसका शव खेत में मिला. मामले में अब तक कोई गिरफ़्तारी नहीं हुई है.