समिति के अध्यक्ष भर्तृहरि महताब ने कहा कि श्रमिकों के अधिकारों की कीमत पर उद्योगों को बढ़ावा नहीं दिया जा सकता है. अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन ने कहा है कि भारत में श्रम कानूनों में हो रहे बदलाव अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप होने चाहिए.
अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन ने कहा कि सरकार, श्रमिक और नियोक्ता संगठनों से जुड़े लोगों के साथ त्रिपक्षीय वार्ता के बाद ही श्रम कानूनों में किसी भी तरह का संशोधन किया जाना चाहिए.
जयपुर के शास्त्रीनगर इलाके के नहरी का नाका इलाके में हुआ प्रदर्शन. प्रवासी मज़दूरों ने दावा किया कि पुलिस ने प्रदर्शन के दौरान उन्हें पीटा, लेकिन पुलिस ने इस बात से इनकार किया है.
उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश समेत देश के कई राज्य कोरोना महामारी के नाम पर गोपनीय तरीके से कुछ सालों के लिये कई श्रम क़ानूनों को हल्का कर रहे हैं या रोक लगा रहे हैं. राज्यों की दलील है कि इससे निवेश बढ़ेगा, लेकिन विशेषज्ञ कहते हैं कि निवेश श्रम क़ानूनों को ख़त्म करने से नहीं बल्कि बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर और स्किल्ड लेबर से होता है.
प्रवासी मज़दूरों के घर लौटने के प्रयासों के बीच बिहार और उत्तर प्रदेश के 1.09 लाख प्रवासियों ने अपने गृह राज्यों से वापस लौटने के लिए हरियाणा सरकार के वेब पोर्टल पर आवेदन किया है.
पत्र के अनुसार, गुजरात, मध्य प्रदेश, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान और पंजाब ने फैक्ट्री अधिनियम में संशोधन के बिना काम की अवधि को आठ घंटे प्रतिदिन से बढ़ाकर 12 घंटे कर दिया है. इससे मजदूरों के मौलिक अधिकार को लेकर गंभीर ख़तरा पैदा हो रहा है.
बिहार के सीतामढ़ी के रहने वाले ये मज़दूर उदयपुर की जयसमंद झील में मछली पकड़ने का काम करते थे. लॉकडाउन का दूसरा चरण शुरू होने तक किसी तरह की मदद न मिलने पर इन्होंने घर का रुख़ किया. रास्ते में कहीं ट्रकवालों, तो कहीं ग्रामीणों की मदद से ये सभी 13 दिन बाद रविवार को अपने गांव पहुंचे हैं.
आम तौर पर लोक कलाओं से गुलज़ार रहने वाले राजस्थान में कोरोना वायरस और लॉकडाउन के चलते सन्नाटा पसरा है. ऐसे में ख़ाली बैठे लोक कलाकार आर्थिक मुश्किलों का सामना कर रहे हैं. उनकी सहायता के लिए शुरू की गई राज्य सरकार की योजना कई विसंगतियों के चलते मददगार साबित नहीं हो रही है.
कोरोना वायरस के चलते देशभर में लागू लॉकडाउन से बेरोज़गार हुए ये मज़दूर सरकार द्वारा बसों से राजस्थान के जैसलमेर शहर से मध्य प्रदेश के उज्जैन शहर लाए गए थे.
साल 2018 के एक मामले का जिक्र करते हुए राजस्थान हाईकोर्ट ने एक स्थायी आदेश जारी करते हुए कहा है कि किसी व्यक्ति की जाति का उल्लेख किसी भी न्यायिक और प्रशासनिक मामले में नहीं किया जाना चाहिए.
केंद्र सरकार की ओर से दिए गए आंकड़ों के अनुसार, देश भर में 183 ज़िलों में 100 से कम आइसोलेशन बेड हैं और इनमें से 67 ज़िलों में कोरोना वायरस संक्रमण के मामले सामने आए हैं. सबसे ख़राब स्थिति उत्तर प्रदेश, बिहार और असम की है.
मामला राजस्थान के सवाई माधोपुर का है. लापरवाही बरतने के मामले में एक हेड कॉन्स्टेबल को सस्पेंड कर दिया गया है. जिला कलेक्टर ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं.
कोरोना वायरस के मद्देनज़र हुए राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के दौरान राजस्थान में रह रहे पाकिस्तानी हिंदू शरणार्थियों की सुध लेने वाला कोई नहीं है. राज्य सरकार ने सहायता मुहैया कराने के निर्देश दिए हैं, लेकिन अब भी सभी विस्थापितों तक मदद नहीं पहुंची है.
राजस्थान और यूपी सरकार के इस निर्णय के बाद शुक्रवार को 102 बसें झांसी और 150 बसें आगरा से कोटा गई थीं और रात में ही छात्र और कुछ अभिभावक अपने घरों के लिए रवाना हो गए. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस पर नाराज़गी जताते हुए कहा कि यह लॉकडाउन के नियम के साथ नाइंसाफी है.
कोचिंग हब माने जाने वाले कोटा में लॉकडाउन के चलते हज़ारों छात्र-छात्राएं फंसे हैं. उनका कहना है कि कोई इम्तिहान या क्लास नहीं है, पर रहने-खाने की परेशानी से लेकर किराये के लिए मकानमालिकों का दबाव झेलना पड़ रहा है क्योंकि सरकार हमें घर नहीं भेज सकती.