नए दिशानिर्देशों के मुताबिक, कोई भी प्रोफेसर संस्थान या सरकार की सार्वजनिक आलोचना नहीं कर सकता. साथ ही शिकायत निवारण के लिए संयुक्त याचिकाओं पर हस्ताक्षर और किसी भी समस्या के लिए अदालत या प्रेस जाने पर भी अंकुश लगाया गया है. फैकल्टी सदस्यों ने इनका पुरजोर विरोध किया है.
प्रताप भानु मेहता के इस्तीफ़े के बाद हुई बहस के दौरान एक अध्यापक ने कहा कि निजी के मुक़ाबले सार्वजनिक विश्वविद्यालयों में अधिक आज़ादी है. शायद वे सोचते हैं कि यहां अध्यापकों को उनकी सार्वजनिक गतिविधि के लिए कुलपति तम्बीह नहीं करते. पर इसकी वजह बस यह है कि इन विश्वविद्यालयों के क़ानून इसकी इजाज़त नहीं देते.
2014 में त्रिपुरा हाईकोर्ट द्वारा साल 2010 से विभिन्न चरणों में नियुक्त हुए 10,323 स्कूली शिक्षकों को भर्ती प्रक्रिया में हुई गड़बड़ियों के चलते बर्ख़ास्त कर दिया था. 2017 में सुप्रीम कोर्ट ने भी इस फ़ैसले को बरक़रार रखा. नौकरी खोने वाले शिक्षकों के संगठन क़रीब एक महीने से अगरतला में अनिश्चितकालीन धरने पर हैं.
लॉकडाउन के बाद हरियाणा सरकार ने बीते दो नवंबर को 12वीं कक्षा तक के स्कूलों को फिर से खोल दिया था. स्कूल खुलने के बाद विभिन्न जिलों के 300 से अधिक बच्चे संक्रमित पाए गए हैं.
वीडियो: देश में कोरोना वायरस के कारण कई व्यवसाय और सेवाएं ठप पड़ गई हैं. इनमें से एक कोचिंग सेंटर भी हैं. दिल्ली में लगभग 5000 रजिस्टर्ड कोचिंग सेंटर हैं, जबकि हज़ारों कोचिंग सेंटर रजिस्टर्ड नहीं हैं. पूर्वी दिल्ली के लक्ष्मी नगर में कोचिंग सेंटर में पढ़ाने वाले शिक्षकों से द वायर के शेखर तिवारी की बातचीत.
दिल्ली हाईकोर्ट में दाख़िल याचिका में कहा गया है कि शिक्षकों के अलावा अन्य शैक्षणिक और गैर-शैक्षणिक कर्मचारियों को भी मई, जून, जुलाई और अगस्त का वेतन नहीं मिला है. वेतन न मिलने की वजह से दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ ने तीन दिन की हड़ताल की घोषणा की है.
विश्वविद्यालय एवं उच्च शिक्षा निदेशक की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि कोई भी व्यक्ति ऐसा बयान नहीं देगा, जो केंद्र/राज्य सरकार की किसी भी वर्तमान या हालिया नीति या कार्रवाई की आलोचना हो. आदेश का पालन नहीं करने पर अनुशासनात्मक कार्रवाई हो सकती है.
बचपन से ही सुनते आए हैं कि गुरु-शिष्य परंपरा के समाप्त हो जाने से ही शिक्षा व्यवस्था में सारी गड़बड़ी पैदा हुई है. लेकिन इस परंपरा की याद किसके लिए मधुर है और किसके लिए नहीं, इस सवाल पर विचार तो करना ही होगा.
कोर्ट ने कहा कि सरकार की ये जिम्मेदारी है कि वे समय-समय पर इसकी समीक्षा करें ताकि जरूरतमंद लोगों को आरक्षण का लाभ मिले और संपन्न या सक्षम लोग इस पर अधिकार जमाए न बैठे रहें.
साल 2000 में अविभाजित आंध्र प्रदेश ने आदिवासी इलाकों के स्कूलों में शिक्षकों के 100 फीसदी पद अनुसूचित जनजातियों के लिए आरक्षित करने का आदेश दिया था. सुप्रीम कोर्ट इसे रद्द करते हुए पांच लाख रुपये का जुर्माना लगाया जिसे तेलंगाना और आंध्र प्रदेश बराबर-बराबर भरेंगे.
विशेष रिपोर्ट: मध्य प्रदेश के कॉलेजों में पढ़ाने वाले गेस्ट लेक्चरर भोपाल के शाहजहांनी पार्क में कांग्रेस सरकार की ‘वादाख़िलाफ़ी’ के विरोध में 10 दिसंबर 2019 से अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हैं.
बिहार के अनुदान आधारित विद्यालयों में नियुक्त शिक्षक लंबे समय से अनुदान के बदले सरकारी स्कूलों की तरह वेतनमान की मांग कर रहे हैं. इन शिक्षकों ने नई दिल्ली में धरना देकर प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति से अपनी समस्याओं के समाधान की गुहार लगाई है.
अनुदान के बजाय वेतनमान और बकाया भुगतान की मांग को लेकर बीते पांच सितंबर से बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के शिक्षक दिल्ली के जंतर मंतर पर धरने पर बैठे हैं. शिक्षकों से विशाल जायसवाल की बातचीत.
मार्च में किशोरी ने स्कूल के हेडमास्टर के ख़िलाफ़ यौन उत्पीड़न की शिकायत दर्ज कराई थी. शिकायत वापस लेने से मना करने पर किशोरी की हत्या कर दी गई.
शिक्षकों के साथ अपमानजनक व्यवहार कोई नई बात नहीं. पिछले चार सालों में केंद्र सरकार ने भारत के संघीय ढांचे को धता बताते हुए जिस तरह शिक्षक दिवस को हड़प लिया है ताकि उसके ज़रिए प्रधानमंत्री की छवि निखारी जा सके, उसे याद कर लेना काफ़ी है.