सुप्रीम कोर्ट कोविड-19 के कथित कुप्रबंधन के लिए जांच आयोग गठित करने के पक्ष में नहीं

देश में कोविड-19 महामारी से निपटने में केंद्र सरकार द्वारा कथित कुप्रबंधन की जांच के लिए आयोग गठित करने के लिए पूर्व नौकरशाहों सहित छह याचिकाकर्ताओं की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने यह टिप्पणी की.

प्रवासी श्रमिक: सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेशों के अनुपालन पर राज्यों से तीन सप्ताह में जवाब मांगा

सुप्रीम कोर्ट ने पिछले महीने केंद्र और राज्य सरकारों को प्रवासी श्रमिकों को 15 दिन के भीतर उनके घर पहुंचाने, उन पर दर्ज लॉकडाउन उल्लंघन के मामले वापस लेने और रोज़गार की व्यवस्था करने का आदेश दिया था.

महाराष्ट्र में सब कुछ ठीक नहीं, प्रवासी संकट से उत्पन्न समस्याओं का पता लगाएं: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने ये निर्देश उस आवेदन पर दिया है, जिसमें कहा गया था कि अभी भी प्रवासियों का एक वर्ग अपने गृह राज्य वापस लौटने का इंतज़ार कर रहा है.

झारखंड: मज़दूरों ने कहा- लॉकडाउन ने रोज़गार छीन लिया, अब खाने-पीने की भी दिक्कत है

झारखंड जनाधिकार महासभा द्वारा आयोजित एक वेबिनार में राज्य के विभिन्न मजदूरों ने लॉकडाउन के दौरान उन्हें हुई पीड़ा का अनुभव साझा किया. श्रमिकों की मांग है कि सरकार उनके लिए उचित राशन और पैसे की व्यवस्था करे.

15 दिनों के अंदर घर भेजे जाएं प्रवासी, लॉकडाउन उल्लंघन के मामले वापस हों: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया कि राज्य और केंद्र शासित प्रदेश प्रवासी कामगारों के कौशल का आकलन करने के बाद उन्हें रोजगार उपलब्ध कराने के लिए उनके आंकड़ों का संग्रह करें.

प्रवासियों से कोई किराया न लिया जाए, फंसे हुए लोगों को खाना-पानी दिया जाए: सुप्रीम कोर्ट

कोर्ट ने कहा कि जहां से ट्रेन शुरू होगी वो राज्य यात्रियों को खाना और पानी देंगे. इसके बाद यात्रा के दौरान ट्रेन में रेलवे खाना-पानी देगा. बस में भी यात्रियों को खाद्य एवं पेय पदार्थ दिए जाएंगे.

लॉकडाउन: सुप्रीम कोर्ट ने पलायन कर रहे मज़दूरों की दिक्कतों पर केंद्र और राज्यों से मांगा जवाब

देश के विभिन्न हिस्सों में लॉकडाउन में फंसे प्रवासी कामगारों की स्थिति पर स्वतः संज्ञान लेते हुए शीर्ष अदालत ने कहा कि अख़बार और मीडिया रिपोर्ट लगातार लंबी दूरी तक पैदल और साइकिल से जा रहे मज़दूरों की दयनीय स्थिति दिखा रही हैं. अगली सुनवाई तक केंद्र बताए कि इसके लिए उसने क्या क़दम उठाए हैं.