बीते दो महीनों में एमएसपी से नीचे खरीद के चलते किसानों को हुआ 1,900 करोड़ रुपये का घाटा

विशेष रिपोर्ट: बाजार मूल्य की जानकारी देने वाले कृषि मंत्रालय के पोर्टल से मिले आंकड़ों का विश्लेषण बताता है कि अक्टूबर-नवंबर में एमएसपी से कम दाम पर कृषि उपजों की बिक्री से किसानों को क़रीब 1,881 करोड़ रुपये का घाटा हुआ है. कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ प्रदर्शन कर रहे किसानों की प्रमुख मांग एमएसपी को क़ानूनी अधिकार बनाने की है.

केंद्र की रबी एमएसपी में ‘ऐतिहासिक’ बढ़ोतरी को कई राज्यों ने किया था ख़ारिज, वृद्धि की थी मांग

विशेष रिपोर्ट: सितंबर में विवादित कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ प्रदर्शनों के बीच मोदी सरकार ने छह रबी फसलों के लिए एमएसपी की घोषणा करते हुए इसे ऐतिहासिक कहा था. हालांकि आधिकारिक दस्तावेज़ बताते हैं कि भाजपा शासित राज्यों समेत कई राज्य सरकारों ने इसे मामूली वृद्धि बताते हुए इसका विरोध किया था.

ख़रीफ की एमएसपी को कई राज्यों ने अपर्याप्त बताया था, केंद्र ने नहीं स्वीकारी दाम बढ़ाने की मांग

विशेष रिपोर्ट: ख़रीफ फसलों के लिए केंद्र द्वारा घोषित एमएसपी और इस बारे में राज्यों के प्रस्ताव में बड़ा अंतर है. द वायर द्वारा प्राप्त आधिकारिक दस्तावेज़ दिखाते हैं कि भाजपा शासित राज्यों समेत विभिन्न राज्य सरकारों ने केंद्र से बढ़ी उत्पादन लागत के हिसाब से एमएसपी घोषित करने की मांग की थी, जिसे माना नहीं गया.

मोदी सरकार की ‘ऐतिहासिक एमएसपी वृद्धि’ कई राज्यों की उत्पादन लागत से भी कम है

विशेष रिपोर्ट: बीते दिनों कृषि विधेयकों के देशव्यापी विरोध के बीच मोदी सरकार ने रबी फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य की घोषणा की और इसे 'ऐतिहासिक' कहते हुए किसानों को लाभ होने दावा किया. हालांकि राज्यों द्वारा भेजी गई उत्पादन लागत रिपोर्ट बताती है कि यह एमएसपी कई राज्यों की उत्पादन लागत से भी कम है.

खेती न केवल खाद्य उत्पादक मशीन है, बल्कि सभी के लिए रोज़गार की नींव है: एमएस स्वामीनाथन

साक्षात्कार: कोरोना के दौर में राहत देने के लिए मोदी सरकार द्वारा 'ऐतिहासिक कृषि सुधार' के नाम से तीन कृषि अध्यादेश लाए गए हैं, लेकिन किसान ही इनके ख़िलाफ़ हैं. कई सालों से चले आ रहे कृषि संकट पर प्रख्यात कृषि वैज्ञानिक एमएस स्वामीनाथन कहते हैं कि किसानों के प्रति रवैये में बदलाव लाने की ज़रूरत है.

क्यों पूरे देश में फ़सलों का एक न्यूनतम समर्थन मूल्य होने से किसानों का नुकसान है

केंद्र सरकार सभी राज्यों की फ़सल लागत का औसत मूल्य के आधार पर एमएसपी तय करती है. इसके कारण कुछ राज्यों के किसानों को तो ठीक-ठाक दाम मिल जाता है लेकिन कई सारे राज्यों के किसानों को फ़सल लागत के बराबर भी एमएसपी नहीं मिलती है.

मोदी सरकार ने धान के एमएसपी में तीन फीसदी से भी कम की वृद्धि की

केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि एमएसपी में वृद्धि से किसानों को लागत पर 50 प्रतिशत लाभ सुनिश्चित होगा. लेकिन तोमर ने ये नहीं बताया कि उनका दावा फसलों की कम लागत के आधार पर किए गए आकलन पर आधारित है.

पिछले पांच सालों में बिहार में गेहूं ख़रीद केंद्रों में 82 फीसदी की कमी, देश में 25 फीसदी की गिरावट

कोरोना वायरस चलते पूरे देश में लागू लॉकडाउन के बीच किसान रबी फसलों की बिक्री को लेकर चिंतित हैं. कई राज्यों में फसलें कट भी चुकी हैं. किसानों को उनके उत्पाद की ब्रिकी को लेकर सरकार से उचित घोषणा और प्रबंधन का इंतज़ार है.

कृषि मंत्रालय खुद ये मानता है कि एमएसपी बढ़ाने पर बाज़ार में विकृति आने का सीधा संबंध नहीं

द वायर द्वारा प्राप्त किए गए कृषि मंत्रालय के आंतरिक गोपनीय दस्तावेज़ों से पता चलता है कि सरकार ख़ुद ये स्वीकार करती है कि अधिक एमएसपी किसानों को कीमतों में उतार-चढ़ाव की स्थिति से निकालने के लिए ज़रूरी है. हालांकि इसके बावजूद केंद्र पिछले कई सालों से लागत का डेढ़ गुना दाम देने की मांग को दरकिनार करती आ रही है.

भाजपा शासित राज्यों समेत कई प्रदेशों ने की थी एमएसपी बढ़ाने की सिफ़ारिश, केंद्र ने ठुकराया

द वायर एक्सक्लूसिव: आरटीआई के तहत प्राप्त किए गए दस्तावेज़ बताते हैं कि महाराष्ट्र, राजस्थान, उत्तर प्रदेश समेत कई अन्य राज्यों ने केंद्र द्वारा निर्धारित एमएसपी पर सहमति नहीं जताई थी. राज्यों ने अपने यहां की उत्पादन लागत के हिसाब से समर्थन मूल्य तय करने की सिफ़ारिश की थी, लेकिन केंद्र ने सभी प्रस्तावों को ख़ारिज कर दिया.

तीन महीने में कनॉट प्लेस, आनंद विहार में ‘स्मॉग टावर’ लगाएं: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार के साथ पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश की सरकारों को पराली जलाए जाने के संबंध में एक ठोस योजना तैयार करने का निर्देश दिया. इसके साथ ही छोटे और सीमातं किसानों को कृषि मशीनें मुफ्त या कम दामों में उपलब्ध कराने का भी आदेश दिया.

देश में प्रति कृषि परिवार की राष्ट्रीय मासिक औसत आय 6426 रुपये, हर दिन मात्र 214 रुपये

पंजाब में प्रति कृषि परिवार की मासिक औसत आय 18,059 रुपये है, जबकि हरियाणा में प्रति कृषि परिवार की मासिक औसत आय 14,434 रुपये, जम्मू कश्मीर में 12,683 रुपये और केरल में 11,888 रुपये है.

प्रदूषण पर सुप्रीम कोर्ट की फटकार, विस्फोटक लाकर एक बार में ही सबको क्यों नहीं मार देते?

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि समय आ गया है कि राज्य सरकारें यह बताएं कि उन्हें हवा की ख़राब गुणवत्ता से प्रभावित लोगों को मुआवज़ा क्यों नहीं देना चाहिए?

प्रदूषण के लिए किसानों को दोष देना बंद करें, पराली के लिए धान जैविक पार्क बनाएं: स्वामीनाथन

प्रख्यात कृषि वैज्ञानिक एमएस स्वामीनाथन ने कहा कि किसानों को दोष देने के बजाय राज्य सरकारों को अपने यहां धान जैविक पार्क लगाना चाहिए ताकि किसान पराली या पुआल को रोज़गार और आय कमाने में परिवर्तित कर सकें.

किसानों की आय बढ़ाने के लिए धान की फसल के हर हिस्से की मूल्यवृद्धि की ज़रूरत: स्वामीनाथन

भारत में हरित क्रांति के जनक एमएस स्वामीनाथन ने राष्ट्रीय किसान आयोग की सिफारिशों को जल्द लागू करने की मांग की. इसके मुताबिक किसानों को लागत का कम से कम डेढ़ गुना न्यूनतम समर्थन मूल्य मिलना चाहिए.