केंद्रीय रिज़र्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) ने अपने मुख्य खेल अधिकारी डीआईजी खजान सिंह और कोच इंस्पेक्टर सुरजीत सिंह को महिलाकर्मियों के यौन उत्पीड़न का दोषी पाया था. एक महिला कॉन्स्टेबल ने बीते दिसंबर में दिल्ली के एक थाने में बलात्कार का आरोप लगाते हुए केस दर्ज कराया था.
जम्मू-कश्मीर में ड्यूटी पर तैनात 70 सीआरपीएफ जवानों में कोरोना वायरस संक्रमण की पुष्टि हुई है. बीते हफ़्ते अनंतनाग में तैनात एक सीआरपीएफ जवान की कोरोना से मौत हो गई थी.
कोलकाता में एक युद्धपोत निर्माण केंद्र की सुरक्षा इकाई में तैनात सीआईएसएफ के सहायक उप-निरीक्षक की मौत हो गई है. अर्द्धसैनिक बलों के छह कर्मचारियों की अब तक कोविड-19 से जान जा चुकी है.
कोरोना वायरस से केंद्रीय गृह मंत्रालय के तहत कार्य करने वाले अर्द्धसैनिक बल के पांच कर्मचारियों की मौत हो चुकी है. सीआईएसएफ और बीएसएफ के दो-दो कर्मचारियों तथा सीआरपीएफ के एक कर्मचारी की मौत हो चुकी है.
बुधवार को बीएसएफ 85 जवान कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए हैं, थे, जो किसी भी अर्धसैनिक बल में एक दिन में संक्रमण का सबसे ज्यादा मामला है.
रविवार को दिल्ली में आईटीबीपी के एक सेवानिवृत्त हेड कॉन्स्टेबल की कोरोना वायरस के चलते मौत हो गई. अब तक आईटीबीपी के 21, बीएसएफ के 54, सीआरपीएफ के करीब 200 जवान कोरोना से संक्रमित पाए गए हैं.
जम्मू कश्मीर में पुलवामा आतंकी हमले में शहीद जवान अजय कुमार के अंतिम संस्कार में केंद्रीय राज्य मंत्री सत्यपाल सिंह, उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह और मेरठ से भाजपा विधायक राजेंद्र अग्रवाल शामिल हुए थे.
पुलवामा के पिंगलान इलाके में आतंकियों की मौजूदगी की खुफिया सूचना के बाद जम्मू कश्मीर पुलिस, सेना और अर्धसैनिक बलों की एक संयुक्त टीम ने कार्रवाई शुरू की थी. इस मुठभेड़ में एक आम नागरिक की भी मौत हो गई है.
नेशनल बम डेटा सेंटर की नई रिपोर्ट के मुताबिक जम्मू कश्मीर में 2014 में 37 बम धमाके, 2015 में 46 बम धमाके, 2016 में 69 बम धमाके, 2017 में 70 बम धमाके और 2018 में 117 ऐसे बम धमाके हुए.
जम्मू कश्मीर के पुलवामा ज़िले में आतंकी हमले को लेकर सोशल मीडिया पर की गई आपत्तिजनक टिप्पणियों के लिए उत्तर प्रदेश समेत देश के अन्य हिस्सों में गिरफ़्तारियां हुई हैं.
किसी आतंकी हमले के बाद निंदा और बदले के बजाय इंसाफ़ और समाधान की बात क्यों नहीं की जाती? अभी जिस बदले की हमारे सत्ताधीश बात कर रहे हैं, कभी उन्होंने इस बात पर ग़ौर किया है कि क्या उसका कोई सार्थक परिणाम निकलेगा?
दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष जफरुल इस्लाम खान ने दिल्ली पुलिस आयुक्त को पत्र लिख कर कहा है कि हिंदूवादी संगठन पुलवामा हमले के बाद कश्मीरियों और आम मुसलमानों को निशाना बना रहे हैं और दंगा भड़काना चाहते हैं.
पुलवामा आतंकी हमले के बाद बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद समेत हिंदुत्व संगठनों के सदस्यों ने राज्य में कश्मीर के 12 छात्रों की पिटाई कर दी थी. इसके बाद से ही राज्य में कश्मीरी छात्रों के बीच डर का माहौल है. हालांकि पुलिस ऐसी किसी घटना से इनकार कर रही है.
आख़िर क्यों स्थानीय कश्मीरी, जो अपेक्षाकृत रूप से पढ़े-लिखे और संपन्न हैं, इस तरह अपनी जान दांव पर लगाने को तैयार हो जाते हैं?
भारतीय लोकतंत्र का भविष्य इस बात पर निर्भर करता है कि यह सुनिश्चित किया जाए कि इस तरह के जघन्य अपराध भुलाए नहीं जाएंगे और दोषी किसी क़ीमत पर नहीं बचेंगे.