देश में 15 अप्रैल से लगातार छठे दिन कोरोना वायरस संक्रमण के दो लाख से अधिक दैनिक मामले सामने आए हैं. इसके साथ ही संक्रमण के कुल मामलों की संख्या बढ़कर 15,321,089 हो गई है और मृतक संख्या एक लाख 80 हज़ार के पार जा चुकी है. विश्व में संक्रमण के 14.20 करोड़ से ज़्यादा मामले दर्ज किए गए हैं और 30.30 लाख से अधिक लोगों की मौत हुई है.
कोविड-19 के बढ़ते प्रकोप के बीच भोपाल में भाजपा के स्थानीय नेता कुछ नये ‘मुक्ति वाहनों’ को समारोहपूर्वक फोटो खिंचवाकर रवाना करते हुए नज़र आए. कांग्रेस ने इस पर तंज़ कसते हुए कहा कि 'फोटोबाज़ी' करके आपदा में भी अवसर तलाशा जा रहा है. इससे पहले इंदौर में भाजपा नेताओं द्वारा ऑक्सीजन लेकर पहुंचे टैंकर के सामने पूजा-पाठ करने पर भी विवाद हुआ था.
कोरोना महामारी की दूसरी लहर के बीच मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने कहा कि राष्ट्रीय आपदा एवं देशव्यापी समस्या होने के कारण केंद्र सरकार को औद्योगिक उपयोग की ऑक्सीजन को मेडिकल ऑक्सीजन के लिए उपयोग करने की व्यवस्था पर विचार करना चाहिए और यदि फ़िर भी यह ऑक्सीजन पर्याप्त नहीं होती है तो इसका आयात करना चाहिए.
मुंबई में कोरोना के लगभग 87,000 सक्रिय मामले हैं जिनमें से 90 फीसदी से अधिक मामले गगनचुंबी इमारतों में हैं जबकि 10 फीसदी झुग्गी-झोपड़ियों से हैं. शहर में कोरोना की पहली लहर में झुग्गी-झोपड़ी सर्वाधिक प्रभावित रहे थे.
दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र और आप सरकार को निर्देश दिया कि वे हलफ़नामा देकर बताएं कि कोविड-19 के मरीज़ों के लिए प्रत्येक अस्पताल में उपलब्ध बिस्तरों की संख्या कितनी है, कितने बेडों के साथ वेंटिलेटर एवं ऑक्सीजन की सुविधा है और कितने में ऐसी सुविधा नहीं है. साथ ही केंद्र से कहा कि दिल्ली के अस्पतालों में ऑक्सीजन आपूर्ति की कमी के पहलू पर ग़ौर किया जाए.
कोविड-19 के बढ़ते मामलों के मद्देनज़र इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को पांच बड़े शहरों इलाहाबाद, लखनऊ, वाराणसी, कानपुर नगर और गोरखपुर में 26 अप्रैल तक एक हफ़्ते के लिए लॉकडाउन लागू करने का निर्देश दिया था.
भारत में कोरोना वायरस के मामलों में तेज़ वृद्धि के मद्देनज़र ब्रिटेन ने भी भारत को उन देशों की ‘लाल सूची’ में डाल दिया, जिसके तहत ब्रिटिश और आइरिश नागरिकों के अलावा वहां आने वाले अन्य लोगों पर पाबंदी लगा दी गई है. प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने भी भारत की अपनी प्रस्तावित यात्रा रद्द कर दी है. हांगकांग, पाकिस्तान और न्यूज़ीलैंड भी भारत यात्रा पर प्रतिबंध लगा चुके हैं.
केंद्र ने राज्यों, निजी अस्पतालों और औद्योगिक प्रतिष्ठानों को सीधे टीका निर्माताओं से खुराक खरीदने की अनुमति भी दी है. सरकार ने कहा कि टीका उत्पादकों को राज्य सरकारों को और खुले बाज़ार में उपलब्ध होने वाली 50 प्रतिशत आपूर्ति की कीमत एक मई, 2021 से पहले घोषित करनी होगी.
भारत द्वारा बड़े पैमाने पर कोरोना की वैक्सीन दूसरे देशों को भेजने के बाद संक्रमण की दूसरी लहर से ठीक पहले देश में ही टीकों की कमी देखी जाने लगी और विदेशी टीकों को अनुमति मिली. जानकारों के अनुसार, भारत के निर्यातक से आयातक की भूमिका में आने का असर दुनिया के कुछ अन्य देशों पर भी होगा.
इलाहबाद हाईकोर्ट ने एक जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान सरकार को प्रदेश के सर्वाधिक प्रभावित पांच शहरों- इलाहाबाद, लखनऊ, वाराणसी, कानपुर नगर और गोरखपुर में 26 अप्रैल, 2021 तक के लिए लॉकडाउन लगाने का निर्देश दिया था. सरकार ने ऐसा करने से इनकार करते हुए कहा है कि इस बारे में सख़्त कदम उठाए जा रहे हैं.
देश में कोरोना वायरस के कुल मामले 19 दिसंबर 2020 को एक करोड़ के पार पहुंच गए थे. इसके 107 दिन बाद यानी पांच अप्रैल को मामले सवा करोड़ से अधिक हो गए, लेकिन संक्रमण के मामले डेढ़ करोड़ से अधिक होने में महज 15 दिन का वक़्त लगा. देश में मरने वालों की कुल संख्या 178,769 हो चुकी है. विश्व में संक्रमण के कुल मामले 14.14 करोड़ से ज़्यादा है और 30.20 लाख से अधिक लोगों की मौत हुई
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के क्षेत्रीय अध्यक्ष हाजी अनवर अहमद अंसारी ने कहा कि जब पार्टी के पदाधिकारियों की ही कोई नहीं सुन रहा है, तब आम जनता का क्या हाल होगा? इसके अलावा बीएचयू के सर सुंदरलाल अस्पताल में कथित तौर पर आईसीयू बेड न मिलने से एक व्यक्ति की मौत का मामला सामने आया है.
गुजरात के उप मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री नितिन पटेल ने कहा कि गुजरात में कोरोना वायरस के रोज़ाना 9,000 से ज़्यादा मामले सामने आ रहे हैं. समय-समय पर नई सुविधाएं और बिस्तर बढ़ा रहे हैं, लेकिन ये मांग की तुलना में कम पड़ रहे हैं.
केंद्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल के इस बयान की चौतरफा आलोचना हो रही है. विपक्ष ने इसे संवेदनहीन क़रार देते हुए कहा है कि जब देश में ऑक्सीजन की अत्यधिक ज़रूरत है, ऐसे में वे इसे कम करने के लिए कह रहे हैं.
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को कई निर्देश देते हुए कहा कि स्वास्थ्य, मौलिक अधिकार होने के अलावा बुनियादी मानवाधिकार भी है, जिसे कोई भी लोकप्रिय सरकार नज़रअंदाज़ नहीं कर सकती है. सामाजिक न्याय एवं समानता में स्वास्थ्य का अपना एक स्थान है और यह सभी के लिए सुलभ होना चाहिए.