भारतीय रिज़र्व बैंक के पूर्व गवर्नर सी. रंगराजन ने कहा है कि केंद्र सरकार को सभी का टीकाकरण करना होगा, जबकि राज्यों को अस्पतालों में आधारभूत ढांचे में सुधार करने, अधिक चिकित्सा कर्मचारियों की भर्ती करने जैसे अन्य चिकित्सा संबंधी बुनियादी ढांचे पर ख़र्च करने की आवश्यकता है.
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मोदी सरकार पर अपनी ज़िम्मेदारियों और कर्तव्यों से पल्ला झाड़ने का आरोप लगाते हुए कहा कि देश में कोविड संक्रमण के हालात पर चर्चा के लिए सर्वदलीय बैठक बुलाई जानी चाहिए, जिससे महामारी से बेहतर ढंग से निपटने के लिए क़दम उठाना और जवाबदेही तय करना सुनिश्चित हो सके.
राष्ट्रीय राजधानी को ऑक्सीजन आपूर्ति के मामले को सुन रही सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने कहा कि केंद्र को अदालत के अगले आदेश तक रोज़ाना दिल्ली को 700 मीट्रिक टन तरल चिकित्सीय ऑक्सीजन की आपूर्ति सुनिश्चित करनी है. ऐसा न हो कि एक दिन के लिए आपूर्ति हुई और फिर 'टैंकर नहीं हैं' और परिवहन में दिक्कतें हैं, जैसे कई विरोध-पत्र दायर किए जाएं.
वीडियो: भारत में कोरोना वायरस अभूतपूर्व क्षति का कारण बन रहा है. देश में स्थिति इतनी खराब होती जा रही है कि लोग चिकित्सा संसाधनों की कमी के कारण भी मर रहे हैं.
उत्तर प्रदेश के अलग-अलग ज़िलों से लगातार पंचायत चुनाव के प्रशिक्षण, मतदान और मतगणना में शामिल रहे शिक्षकों, कर्मचारियों, शिक्षा मित्रों आदि के कोविड संक्रमित होने और जान गंवाने की ख़बरें आ रही हैं. अधिकतर के परिजन अपने क़रीबियों को खोने का ज़िम्मेदार पंचायत चुनाव की ड्यूटी को ही मान रहे हैं.
बीते चार दिनों में गुजरात के दो गांवों में ‘कोविड-19 ख़त्म करने’ के लिए धार्मिक जुलूस निकालने के आरोप में पुलिस ने 69 लोगों को गिरफ़्तार किया है. पुलिस ने कहा कि गांव के लोगों के एक वर्ग का मानना था कि उनके स्थानीय देवता के मंदिर पर पानी डालने से कोविड-19 का ख़ात्मा हो सकता है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति ने आईडीबीआई बैंक की रणनीतिक बिक्री को मंज़ूरी दे दी. इस बैंक में केंद्र सरकार और एलआईसी की कुल हिस्सेदारी 94 प्रतिशत से ज़्यादा है. अखिल भारतीय बैंक कर्मचारी संघ ने इसका विरोध करते हुए कहा कि बैंक इसलिए मुश्किलों में आया, क्योंकि कुछ कॉरपोरेट घरानों ने उसके ऋण वापस न कर धोखाधड़ी की.
भारत में कोरोना वायरस महामारी के दस्तक के बाद मई महीने में यह दूसरी बार है, जब एक दिन में संक्रमण के चार लाख से अधिक नए मामले दर्ज किए गए हैं. देश में संक्रमण का कुल आंकड़ा 21,077,410 हो गया है और मृतकों की संख्या बढ़कर 230,168 हो चुकी है. विश्व में संक्रमण के 15.52 करोड़ से ज़्यादा मामले हैं और 32.43 लाख से अधिक लोगों की मौत हुई है.
गुजरात हाईकोर्ट ने कहा है कि यह सच है कि राज्य सरकार द्वारा क़दम उठाए गए हैं, लेकिन वर्तमान स्थिति में यह पर्याप्त नहीं है और वायरस के प्रसार को रोकने के लिए आगे भी जनता को महामारी के गंभीर प्रभाव के बारे में जागरूक करने की आवश्यकता है. वर्तमान परिस्थितियों में और अधिक प्रतिबंध लगाने के बारे में सोचा जा सकता है.
योगी सरकार का यह आदेश ऐसे समय में आया है जब भारत के अधिकांश राज्यों के साथ-साथ उत्तर प्रदेश भी कोविड-19 संक्रमितों की बढ़ती संख्या और चिकित्सा आपूर्ति की कमी से पीड़ित है और राज्य की चिकित्सा सुविधा पर सवाल उठ रहे हैं.
पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के बेटे अजित सिंह ने भारत लौटने और राजनीति में शामिल होने के लिए कंप्यूटर उद्योग छोड़ दिया था. बागपत से सात बार सांसद रहे अजित सिंह ने 1980 में सक्रिय राजनीति में क़दम रखा और 1986 में राज्यसभा के रास्ते पहली बार संसद पहुंचे थे. विभिन्न सरकारों में वह कई मंत्रालय संभाल चुके थे.
मद्रास हाईकोर्ट ने बीते 26 अप्रैल को निर्वाचन आयोग की आलोचना करते हुए उसे देश में कोविड-19 की दूसरी लहर के लिए ‘अकेले’ ज़िम्मेदार क़रार दिया था और कहा था कि वह ‘सबसे ग़ैर ज़िम्मेदार संस्था’ है. इन टिप्पणियों को हटाने के लिए आयोग ने सुप्रीम कोर्ट को रुख़ किया था.
अमेरिका के शीर्ष स्वास्थ्य विशेषज्ञ डॉ. एंथनी फाउची का कहना है कि कोरोना महामारी की दूसरी लहर में भारत की स्थिति बेहद निराशाजनक है और भारत सरकार को तत्काल अस्थायी फील्ड अस्पताल बनाने के लिए सैन्य बलों समेत सभी संसाधनों का इस्तेमाल करना चाहिए.
उत्तर प्रदेश के अयोध्या ज़िले में समाजवादी पार्टी ने जिला पंचायत सदस्य की 40 सीटों में से 17 सीटें अपने नाम की. इसके अलावा 4 सीटों पर बसपा और 11 सीटों पर निर्दलीयों ने जीत हासिल की है. भाजपा के अयोध्या ज़िला प्रवक्ता ने बताया कि ज़िले के सभी विधानसभा क्षेत्रों में भाजपा के विधायक होने के बावजूद हमें 40 में से सिर्फ़ आठ ज़िला पंचायत सीटों पर जीत मिली है.
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यह टिप्पणी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहीं उन ख़बरों पर दिया, जिनके मुताबिक ऑक्सीजन की कमी के कारण लखनऊ और मेरठ ज़िले में कोविड-19 मरीज़ों की जान गई थी. अदालत ने कहा कि हमें लगता है कि ये समाचार राज्य सरकार के उस दावे के बिल्कुल विपरीत तस्वीर दिखाते हैं कि प्रदेश में ऑक्सीजन की पर्याप्त आपूर्ति है.