मनरेगा को कांग्रेस की नाकामियों का स्मारक बताने वाले मोदी इसी के सहारे संकट का समाधान खोज रहे

कोरोना संकट से बढ़ती बेरोजगारी में मनरेगा रोजगार गारंटी योजना ही एकमात्र सहारा रह गया है. लोगों को रोजगार देने की उचित नीति नहीं होने के कारण मोदी सरकार को अपने कार्यकाल में मनरेगा का बजट लगभग दोगुना करना पड़ा है और हाल ही में घोषित अतिरिक्त 40,000 करोड़ रुपये को जोड़ दें तो ये करीब तीन गुना हो जाएगा.

दिल्ली-यूपी सीमा पर फंसे मज़दूर ने कहा, ‘मैं वापस नहीं आऊंगा भले घर पर भीख मांगनी पड़े’

लॉकडाउन के कारण बेरोज़गार हुए दिल्ली और आसपास के इलाकों में रह रहे मज़दूर उत्तर प्रदेश और बिहार जैसे राज्यों में स्थित अपने घर वापस लौट रहे थे, लेकिन पुलिस द्वारा पैदल आगे जाने से रोके जाने पर ये लोग दिल्ली-उत्तर प्रदेश सीमा पर फंस गए हैं.

मोदी सरकार का आत्मनिर्भर भारत पैकेज सवालों के घेरे में क्यों है?

केंद्र सरकार का आत्मनिर्भर भारत पैकेज जीडीपी का करीब 10 फीसदी है लेकिन इससे सरकारी खजाने पर पड़ने वाला भार जीडीपी का करीब एक फीसदी ही है. यानी कि केंद्र इतनी ही राशि खर्च करेगा. सरकार ने अधिकतर राहत कर्ज या कर्ज के ब्याज में कटौती के रूप में दी है.

गुजरात: घर भेजे जाने की मांग को लेकर मज़दूरों का हिंसक प्रदर्शन, अहमदाबाद और राजकोट में पथराव

सोमवार को अहमदाबाद में घर लौटने की मांग को लेकर लगभग सौ मज़दूर सड़कों पर उतर आए और पथराव व तोड़-फोड़ की. इससे पहले रविवार को राजकोट में कामगारों ने गृह राज्य भेजने की मांग को लेकर हिंसक प्रदर्शन किया था, जिसमें एसपी समेत तीन पुलिसकर्मी और एक पत्रकार घायल हुए हैं.

चित्रकथा: लॉकडाउन में जो शहरों में ही रुके, वो मज़दूर किस हाल में हैं

देशव्यापी लॉकडाउन के चलते बड़े शहरों में काम करने वाले मज़दूरों के पास काम बंद हो जाने की स्थिति में दो विकल्प थे- या तो घर लौट जाएं, या फिर यहीं रहकर काम दोबारा शुरू होने का इंतज़ार करें. घरों तक के सफ़र में मज़दूरों के सामने तमाम चुनौतियां आई हैं, लेकिन जो नहीं गए उनका भी हाल कुछ बेहतर नहीं है.

लॉकडाउन: दिल्ली में फोन पर बात करते सड़क किनारे रोते श्रमिक ने कहा- मज़दूरों का कोई देश नहीं

दिल्ली में रह रहे बिहार के प्रवासी श्रमिक रामपुकार पंडित की मोबाइल फोन पर बात करते रोते हुए तस्वीर बीते दिनों सुर्ख़ियों में रही थी. उनके बेटे की मौत हो गई है और वे अब तक परिवार से नहीं मिल सके हैं.

कोरोना संकट के बीच बदले की राजनीति कर रही है सरकार: कन्हैया कुमार

वीडियो: कोरोना वायरस के संक्रमण के बीच स्वास्थ्य आपातकाल के दौर में विपक्ष की भूमिका क्या होनी चाहिए, इस बारे में सीपीआई नेता कन्हैया कुमार से द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी की बातचीत.

मोदी के 20 लाख करोड़ रुपये के पैकेज से सरकारी खजाने पर 2.5 लाख करोड़ रुपये से भी कम का भार पड़ेगा

केंद्र सरकार का आत्मनिर्भर भारत पैकेज जीडीपी का करीब 10 फीसदी है लेकिन इससे सरकारी खजाने पर पड़ने वाला भार जीडीपी का करीब एक फीसदी ही है. सरकार ने अधिकतर राहत कर्ज या कर्ज के ब्याज में कटौती के रूप में दी है.

‘फोन पर बोले साइकिल से निकले हैं, कुछ दिन में घर आ जाएंगे, पांच घंटे बाद उनकी मौत की ख़बर आई’

उत्तर प्रदेश के कुशीनगर ज़िले के बहुआस के रहने वाले राजू गुजरात के अंकलेश्वर में काम करते थे. चार मई को वे साइकिल से अपने गांव जाने के लिए निकले थे, इसी शाम उनका शव बड़ौदा के करजन में नेशनल हाईवे पर मिला.

मोदी के आर्थिक पैकेज का 10 फीसदी से भी कम हिस्सा गरीबों और बेरोजगारों को राहत के लिए है

सरकार ने राहत पैकेज का 90 फीसदी से ज्यादा हिस्सा कर्ज, ब्याज पर छूट देने इत्यादि के लिए घोषित किया है, जिसका फायदा बड़े बिजनेस वाले ही अभी उठा रहे हैं. यदि ज्यादा लोगों के हाथ में पैसा दिया जाता तो वे इसे खर्च करते और इससे खपत में बढ़ोतरी होती, जिससे अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने में काफी मदद मिलती.

कोविड-19 के संकट काल में भारत का मध्यम वर्ग कहां है?

मध्यम वर्ग को पता है कि छह साल में उसकी कमाई घटी ही है, बिजनेस में गच्चा ही खाया है. उसके मकानों की कीमत गिर गई है, हर राज्य में सरकार नौकरी की प्रक्रिया की दुर्गति है, वह सब जानता है, लेकिन ये समस्याएं न तो नौजवानों की प्राथमिकता हैं और न ही उनके मध्यमवर्गीय माता-पिता की.

मनरेगा के तहत अतिरिक्त 40,000 करोड़ रुपये का आवंटन, स्वास्थ्य क्षेत्र का बजट बढ़ेगा: वित्त मंत्री

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कोरोना आथिक पैकेज की पांचवीं और आखिरी किस्त में मनरेगा, स्वास्थ्य एवं शिक्षा, कारोबार, कंपनी अधिनियम के उल्लंघनों को गैर-आपराधिक बनाने, कारोबार की सुगमता, सार्वजनिक उपक्रम और राज्य सरकारों से जुड़े संसाधनों के संबंध में घोषणाएं की.

कोरोना वायरस: भारत में 24 घंटे के दौरान संक्रमण के रिकॉर्ड मामले दर्ज, मृतक संख्या 2,872 हुई

कोरोना वायरस महामारी से पूरी दुनिया में 3.11 लाख से अधिक लोग जान गंवा चुके हैं और संक्रमण के मामले 46 लाख से ज़्यादा हो गए हैं. यूरोप के कई शहरों में लॉकडाउन के विरोध में प्रदर्शन, लंदन में कई लोग गिरफ्तार. स्लो​वेनिया ने ख़ुद को संक्रमण मुक्त देश घोषित किया. युद्धग्रस्त यमन में तेजी से फैल रहा है संक्रमण.

संकट की घड़ी में ऑनलाइन शिक्षा सही है, पर इसे कक्षाओं का विकल्प नहीं बनाया जा सकता

कोरोना संकट के दौर में शैक्षणिक संस्थानों के आगे जो चुनौती है उसमें ऑनलाइन एक स्वाभाविक विकल्प है. ऐसे समय में विद्यार्थियों से जुड़ना समय की ज़रूरत है, लेकिन इस व्यवस्था को कक्षाओं में आमने-सामने दी जाने वाली गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का विकल्प बताना भारत के भविष्य के लिए अन्यायपूर्ण है.

‘अब श्रमिक स्पेशल ट्रेन का और इंतज़ार नहीं होता, सफ़र की तारीख नहीं मिली तो पैदल ही चल देंगे’

दूसरे राज्यों में फंसे कामगारों को उनके गृह राज्य पहुंचाने के लिए चलाई गई श्रमिक स्पेशल ट्रेन के रजिस्ट्रेशन की जद्दोजहद के बाद यात्रा की तारीख तय न होने से मज़दूर हताश हैं. कर्नाटक, कश्मीर और गुजरात के कई कामगार इस स्थिति से निराश होकर साइकिल या पैदल निकल चुके हैं या ऐसा करने के बारे में सोच रहे हैं.

1 88 89 90 91 92 121